Vikrant Shekhawat : Jul 08, 2021, 10:40 PM
फर्ज कीजिए कि आपके पालतू कुत्ते में आपकी तरह दिमाग हो। वह बोल पाए और आप उससे अपनी सेक्स लाइफ के बारे में सवाल पूछें। तो कैसा और क्या जवाब मिलेगा? जवाब कुछ ऐसा होगा-ये बेहुदे इंसान महीने में किसी भी दिन सेक्स करने लगते हैं। बारबरा उस रोज भी सेक्स के लिए उतावली रहती है, जब उसके गर्भवती होने की उम्मीद नहीं होती। पीरियड खत्म होने के तुरंत बाद भी। और जॉन की तो पूछिए ही मत, वह तो हर वक्त सेक्स के ही चक्कर में रहता है। उसे भी इसकी फिक्र नहीं रहती कि इससे बच्चा होने की संभावना बनेगी या नहीं। अगर आपको वाकई इन लोगों की सबसे बकवास हरकत के बारे में जानना हो तो बता दूं कि बारबरा जब प्रेग्नेंट थी, तब भी जॉन उनके साथ सेक्स करता रहा ...एक अजीब बात यह है कि दोनों को जब भी सेक्स करना होता है, वे कमरे में बंद हो जाते हैं। अगर उनमें वाकई आत्म-सम्मान होता तो उन्हें यह काम अपने दोस्तों के सामने करना चाहिए, जैसे कि कोई भी स्वाभिमानी कुत्ता करता है।ये लाइनें जाने-माने लेखक जेरेड डायमंड की किताब ‘वाय इज सेक्स फनः इवॉल्यूशन ऑफ ह्यूमन सेक्शुअलिटी’ की हैं। वह यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि इंसान के अलावा सारे जीव सिर्फ संतान उत्पति के मकसद से सेक्स करते हैं। इन जीवों में सिर्फ इंसान का सेक्शुअल बिहेवियर ही अलग है। उसके लिए सेक्स अपने वंश को आगे बढ़ाने के साथ मजे की भी चीज है।सेक्स में मजे की तलाश! तो कुदरत ने इंसानों को कभी भी सेक्स करने की जो आजादी बख्शी है, क्या वाकई लोग उसका फायदा उठाकर मौज-मजा कर रहे हैं? क्या वे इससे खुश हैं? सेक्स सर्वे में अक्सर दावा किया जाता है कि ज्यादातर दंपती की सेक्शुअल लाइफ बोरिंग है। वे लंबे गैप के बाद सेक्स करते हैं। यह उनके लिए फन नहीं रहा।रिसर्च से यह बात भी सामने आई है कि सुखी दंपती वही है, जो सेक्स को लेकर नए प्रयोग करता है। इंसान की कुछ नया करने और अधूरी चाहतों को पूरा करने की ख्वाहिश से एक नया उद्योग पनप रहा है। यह उद्योग है सेक्सटेक यानी वैसी नई तकनीक का, जिनसे यौन सुख बढ़ता हो। इसमें सेक्स टॉयज सबसे कॉमन हैं। मुमकिन है आपने इनके बारे में सुन रखा हो। आपको जानकर ताज्जुब होगा कि भारत में लॉकडाउन के दौरान सेक्स टॉयज की बिक्री में 65 फीसदी की बढ़ोतरी हुई।पिछले दो दशक में तकनीक ने हमारी जिंदगी के हर पहलू को छुआ है। इसमें सेक्स भी शामिल रहा है। अगर आप सेक्सटेक में अब तक हुए इनोवेशन से हैरान हैं तो आने वाला वक्त तो आपके होश उड़ा सकता है। यहां कई नई दिलचस्प खोज की जा रही है, जिससे यौन सुख और भी बढ़े और वह असल जिंदगी की तरह के अहसास दे पाए। इस सिलसिले में मैं उस तकिये के बारे में आपको बताना चाहूंगा, जिसमें आपके पार्टनर की दिल की धड़कनें ट्रांसफर की जा सकती हैं। फर्ज कीजिए कि आप दिल्ली में हैं और आपकी पत्नी या प्रेमिका मुंबई में। तो आपके पार्टनर की धड़कनों वाला तकिया उस दूरी को मिटा देगा। जब आप उस पर सिर रखकर सोएंगे, तो आप उनकी धड़कनें सुन सकेंगे।यौन सुख के लिए कुछ लोग सेक्स डॉल का भी इस्तेमाल करते हैं, जिसका चलन खासतौर पर इधर विदेश में बढ़ा है। वहां इसके वेश्यालय तक खुलने लगे हैं। सेक्स डॉल में एक कमी है कि वह आपकी हरकतों के बदले रिएक्ट नहीं करती। इसलिए इनके साथ वास्तविक सेक्स जैसा अहसास नहीं होता।इस कमी को दूर करने के लिए सेक्सटेक इंडस्ट्री सेक्स रोबोट बनाने की कोशिश में है। ये आर्टिफिशल इंटेलिजेंस पर आधारित होंगे, जो इंसानों से बात करेंगे, बिल्कुल उनकी तरह। आपकी हरकतों पर जवाबी हरकत करेंगे। आप इन्हें अपनी पसंद के हिसाब से बनवा सकेंगे। चाहें तो बिल्कुल इंसानों की तरह के रोबोट आप बनवा सकते हैं। इन सेक्स रोबोट के अंदर हीटर लगे होंगे। यानी आप जब उन्हें छुएंगे तो आपको गर्माहट का अहसास होगा। कुछ उसी तरह से, जैसे सेक्शुअल पार्टनर की स्किन छुने पर होता है।स्पर्श इंसान की एक बड़ी जरूरत है। स्किन जब स्किन से मिलती है तो ऑक्सिटोसिन रिलीज होता है। इससे हम दूसरे शख्स से जुड़ाव महसूस करते हैं। हमें तसल्ली और सुकून मिलता है। क्या सेक्स रोबोट के त्वचा सहलाने पर ऑक्सिटोसिन रिलीज होगा? साइंस के पास अभी इस सवाल का जवाब नहीं है, लेकिन उसने ऑर्गेजम यानी चरम सुख तक पहुंचने का रास्ता तलाश लिया है।यह काम इलेक्ट्रोड्स इंप्लांट से होगा। इन इलेक्ट्रोड्स को रीढ़ की हड्डी के पास इंप्लांट किया जाएगा। इससे बस एक बटन दबाकर चरम सुख पाया जा सकता है। यह तकनीक खासतौर पर डिसएबल औरतों के काफी काम की हो सकती है, जो क्लाइमेक्स तक नहीं पहुंच पातीं। हम अपने तजुर्बे से यह भी जानते हैं कि तकनीक दोधारी तलवार की तरह होती है। यानी यह फायदे के साथ नुकसान भी लेकर आती है। इस तकनीक से ऐसा हो सकता है कि लोग पूरी यौन प्रक्रिया के बजाय सीधे क्लाइमेक्स तक पहुंचना चाहें।