बॉलीवुड / शमा सिकंदर ने मानी आत्महत्या की कोशिश करने की बात, बताया कैसे उबरीं

भारत में अब भी मानसिक बीमारी या डिप्रेशन जैसी समस्या के बारे में बात करने में लोग हिचकते हैं। फिर भी फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े तमाम सितारों ने अपनी ही कहानी साझा करके समाज में जागरूकता फैलाने का प्रयास किया है। इसी साल जून में अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद से इस मसले पर बहस और तेज हुई है। कई अन्य सितारों के साथ ही टीवी ऐक्ट्रेस शमा सिकंदर भी अपनी मानसिक समस्या को लेकर खुलकर बात करती रही हैं।

Vikrant Shekhawat : Dec 10, 2020, 10:29 PM
बॉलीवुड: भारत में अब भी मानसिक बीमारी या डिप्रेशन जैसी समस्या के बारे में बात करने में लोग हिचकते हैं। फिर भी फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े तमाम सितारों ने अपनी ही कहानी साझा करके समाज में जागरूकता फैलाने का प्रयास किया है। इसी साल जून में अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद से इस मसले पर बहस और तेज हुई है। कई अन्य सितारों के साथ ही टीवी ऐक्ट्रेस शमा सिकंदर भी अपनी मानसिक समस्या को लेकर खुलकर बात करती रही हैं। यहां तक कि वह खुद स्वीकार करती हैं कि डिप्रेशन और मानसिक अस्थिरता की वजह से एक बार उन्होंने आत्महत्या करने का भी प्रयास किया था।

शमा सिकंदर करती हैं कि सौभाग्य था कि मैं इस स्थिति से बच गई और अगले 5 सालों में एक बड़े संघर्ष के बाद बीमारी से उबर गई। अपनी बीमारी को लेकर टाइम्स नाउ डिजिटल से बात करते हुए शमा सिकंदर ने कहा, 'यदि मैं 5 साल के संघर्ष से उबर सकती हूं तो फिर आप भी ऐसा कर सकते हैं। कोई भी डिप्रेशन और मानसिक अस्थिरता की समस्या से बाहर निकल सकता है। आप इस समस्या का हल बाहर नहीं निकाल सकते। आपको खुद को समय देना होगा। आपको अपनी एनर्जी के बारे में विचार करना होगा। लोगों को इस पर ध्यान देना चाहिए और दवा लेनी चाहिए।'

शमा सिकंदर ने इस समस्या को लेकर कहा कि आपके दिमाग के केमिकल्स में उतार चढ़ाव आता है और आप परेशानी महसूस करते हैं। आप अपनी स्थितियों से परेशान हो सकते हैं, लेकिन आपको यह सोचना चाहिए कि यदि आप उबरना चाहते हैं तो ऐसा कर सकते  हैं। अंधेरे के बाद  आपको रोशनी भी जरूर नजर आएगी। 

डिप्रेशन के शिकार व्यक्ति की हालत को बयां करते हुए शमा सिकंदर ने कहा, 'डिप्रेशन एक ऐसी स्थिति है, जिसमें व्यक्ति खुद को प्रेम से वंचित महसूस करता है। मैं खुद से नफरत करने लगी थी और अपनी चीजों को भी पसंद नहीं करती थी।' उन्होंने कहा कि अकसर नींद आती थी, आलस महसूस होता था और दर्द सा होता था, जिसके चलते अकसर रोने का मन करता था।