बॉलीवुड / पत्नी के निधन के बाद बीच समुंदर में जाकर रोए थे शशि कपूर, गम में बिताए 31 साल

शशि कपूर और उनकी पत्नि जेनिफर कैंडल की प्रेम कहानी को सबसे बेमिसाल लव स्टोरी कहने में कोई हिचकिचाहट नहीं होती। इसकी शुरुआत जितनी सुखद थी,अंत उससे कहीं ज्यादा दर्दनाक हुआ था। 31 साल तक शशि कपूर अकेलेपन का गम झेलते रहे। आज ही के दिन 7 सितंबर 1984 को जेनिफर, शशि कपूर को अकेला छोड़कर चली गई थीं।

AMAR UJALA : Sep 07, 2020, 09:15 AM
Delhi: शशि कपूर और उनकी पत्नि जेनिफर कैंडल की प्रेम कहानी को सबसे बेमिसाल लव स्टोरी कहने में कोई हिचकिचाहट नहीं होती। इसकी शुरुआत जितनी सुखद थी,अंत उससे कहीं ज्यादा दर्दनाक हुआ था। 31 साल तक शशि कपूर अकेलेपन का गम झेलते रहे। आज ही के दिन 7 सितंबर 1984 को जेनिफर, शशि कपूर को अकेला छोड़कर चली गई थीं। ये साल 1956 की बात है जब जेनिफर केंडल अपने एक दोस्त के साथ नाटक 'दीवार' देखने रॉयल ओपेरा हाउस गई थीं। शशि कपूर तब 18 साल के थे।

नाटक शुरू होने से पहले उन्होंने दर्शकों का अंदाजा लगाने के लिए पर्दे से झांका और उनकी नजर चौथी कतार में बैठी एक लड़की पर गई। जेनिफर को देखते ही शशि उन्हें अपना दिल दे बैठे।उन दिनों पृथ्वी थिएटर में काम करने वाले शशि कपूर की कोई बड़ी पहचान नहीं थी। दूसरी तरफ जेनिफर अपने पिता जेफ्री केंडल के थिएटर समूह की लीड अभिनेत्री थीं। जेनिफर से दोस्ती के लिए शशि को बहुत दिन इंतजार करना पड़ा। जब दोस्ती हुई तो दोनों साथ आने-जाने लगे। इस दौर में दोनों को एक दूसरे से प्यार हो गया।बीबीसी के मुताबिक, इस प्यार के चलते ही शशि कपूर अपने होने वाले ससुर की थिएटर कंपनी से भी जुड़ गए थे लेकिन जेफ्री कैंडल अपनी बेटी को लेकर काफी पोजेसिव थे और नहीं चाहते थे कि शशि कपूर की उनसे शादी हो। फिर एक दिन जेनिफर ने शशि कपूर के लिए अपने पिता का घर छोड़ दिया।

1958 में शशि कपूर और जेनिफर की शादी हो गई। हालांकि इधर कपूर खानदान भी विदेशी बहू को लेकर सहज नहीं था। एक साल के अंदर शशि कपूर पिता बन गए।शशि कपूर के लिए जेनिफर ने अपना थिएटर प्रेम भी कुर्बान कर दिया था। लेकिन इस दौरान शशि कपूर का फिल्मी करियर परवान चढ़ने लगा और वे बॉलीवुड के ऐसे कलाकार बन गए जिसके पास बहुत काम था। उनकी चर्चा विदेश तक में होने लगी थी। और इस कामयाबी के पीछे सबसे बड़ा हाथ जेनिफर का था।लेकिन साल 1982 में वो घड़ी जब पता चला कि जेनिफर को कैंसर हो गया है। शशि कपूर ने मुंबई से लेकर लंदन तक के डॉक्टरों से इलाज कराया लेकिन 7 सितंबर, 1984 को जेनिफर का निधन हो गया। इसके साथ ही शशि कपूर की दुनिया में एक ऐसा सूनापन आ गया जो उनकी मौत तक उनके साथ रहा। जेनिफर की मौत के बाद पहली बार शशि तब रोए जब वो गोवा के समुद्री तट से एक बोट लेकर समुद्र के काफी अंदर तक चले गए थे। जेनिफर और शशि कपूर का साथ 28 साल तक का था। जेनिफर के निधन के बाद उनकी यादों के सहारे 31 साल तक शशि कपूर ने अकेले जीवन काटा।