जेएनयू हिंसा / एसआईटी ने व्हाट्सएप ग्रुप से पहचाने 41 उपद्रवी, इनमें से 12 बाहरी थे

जेएनयू हिंसा की जांच कर रही अपराध शाखा की एसआईटी भले ही बाहरी व नकाबपोशों के बारे में कोई सुराग लगा नहीं पाई हो, लेकिन व्हाट्सएप ग्रुप में सक्रिय छात्रों व बाहरी लोगों की पहचान कर ली है। बताया जा रहा है 41 में से 12 लोग जेएनयू के नहीं हैं। फिलहाल आरोपियों के खिलाफ सबूत एकत्रित किए जा रहे हैं। इसके बाद ही किसी की गिरफ्तारी की जाएगी। पूछताछ के लिए पुलिस ने 37 लोगों को नोटिस भेजा है।

AMAR UJALA : Jan 12, 2020, 10:06 AM
नई दिल्ली | जेएनयू हिंसा की जांच कर रही अपराध शाखा की एसआईटी भले ही बाहरी व नकाबपोशों के बारे में कोई सुराग लगा नहीं पाई हो, लेकिन व्हाट्सएप ग्रुप में सक्रिय छात्रों व बाहरी लोगों की पहचान कर ली है। एसआईटी ने व्हाट्सएप ग्रुप से 37 और 4 लोगों की पहचान वायरल वीडियो से की है।

बताया जा रहा है 41 में से 12 लोग जेएनयू के नहीं हैं। फिलहाल आरोपियों के खिलाफ सबूत एकत्रित किए जा रहे हैं। इसके बाद ही किसी की गिरफ्तारी की जाएगी। पूछताछ के लिए पुलिस ने 37 लोगों को नोटिस भेजा है।

एसआईटी प्रमुख डा. जॉय टिर्की के मुताबिक जेएनयू में हिंसा के समय दो व्हाट्सएप ग्रुप बने थे। वारदात तुरंत बाद इन्हें डिलीट कर दिया गया था। एक ग्रुप यूनिटी अगेंस्ट लेफ्ट नाम से था। इससे जुड़े 12 लोगों का जेएनयू से कोई लेना-देना नहीं है। पहचान किए गए लोगों को एसआईटी टीम सर्विलांस की मदद से तलाश रही है।

छात्रों को मेल पर नोटिस, चैनल से मांगा कथित स्टिंग का वीडियो

जेएनयू हिंसा में शामिल जिन नौ छात्रों की पहचान शुक्रवार को पुलिस ने उजागर की है, उन्हें एसआईटी ने जांच में सहयोग के लिए ई-मेल के जरिए नोटिस भेजा है। पुलिस का कहना है कि सीधे संपर्क की कोशिश करने पर ये विद्यार्थी नहीं मिले। साथ ही, संदिग्ध छात्रों को अपना पक्ष रखने के लिए कहा गया है।

छात्रा डोलन को पूछताछ के लिए 15 जनवरी को पेश होने को कहा गया है। एसआईटी ने जेएनयू मामले में कथित स्टिंग करने वाले न्यूज चैनल से भी संपर्क किया है। चैनल के मुताबिक, उसके स्टिंग में कुछ छात्रों ने हिंसा में शामिल होने की बात स्वीकार की है। पुलिस ने इसे मुकदमे में बतौर साक्ष्य शामिल करने की बात कही है।