Vikrant Shekhawat : Jun 14, 2021, 07:41 AM
बीजिंग: दक्षिण पश्चिम इंग्लैंड के कार्बिस बे में शुक्रवार को शुरू हुए जी-7 देशों के सम्मेलन से चीन बुरी तरह चिढ़ गया है। इस समूह को अपने खिलाफ गुटबाजी के तौर पर देखते हुए चीन ने रविवार को धमकी भरे अंदाज में यहां तक कह दिया कि वह दौर काफी पहले खत्म हो चुका जब कुछ देशों के 'छोटे समूह' दुनिया की तकदीर का फैसला करते थे। लंदन में चीनी दूतावास के प्रवक्ता ने कहा, 'वह समय काफी पहले बीत गया, जब देशों के छोटे समूह वैश्विक फैसले लिया करते थे। हम हमेशा यह मानते हैं कि देश बड़ा हो या छोटा, मजबूत हो या कमजोर, गरीब हो या अमीर सभी बराबर हैं और दुनिया से जुड़े मुद्दों पर सभी देशों के सलाह-मशविरे के बाद भी फैसला लिया जाना चाहिए।'जी-7 के नेताओं ने चीन के वैश्विक अभियान के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए एक बुनियादी ढांचा योजना का अनावरण किया है लेकिन फिलहाल इस पर सहमति नहीं बन पाई है कि मानवाधिकारों के उल्लंघन पर चीन को किस तरह रोका जाए।अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने जी-7 शिखर सम्मेलन में लोकतांत्रिक देशों पर बंधुआ मजदूरी प्रथाओं को लेकर चीन के बहिष्कार का दबाव बनाने की योजना तैयार की है। वहीं, शनिवार को कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो ने चीन को लेकर हुई चर्चा की अगुवाई की। उन्होंने सभी नेताओं से अपील की कि वे चीन की ओर से बढ़ते खतरे को रोकने के लिए संयुक्त कदम उठाएं। बता दें कि जी-7 देश विकासशील देशों को ऐसे बुनियादी ढांचे की स्कीम का हिस्सा बनने का प्रस्ताव देने की योजना बना रहे हैं, जो चीन की अरबों-खरब डॉलर वाली बेल्ट ऐंड रोड इनिशिएटिव को टक्कर दे सके। दक्षिण पश्चिम इंग्लैंड के कार्बिस बे में शुक्रवार को शुरू हुआ यह सम्मेलन रविवार यानी आज संपन्न होगा। जी-7 कनाडा, फ़्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और अमेरिका का एक समूह है।शनिवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जी-7 देशों के इस सम्मेलन में हिस्सा लिया था। प्रधानमंत्री ने इस दौरान 'एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य' का नारा दिया जिसका जर्मनी की चांसलर एंगेला मकेर्ल ने समर्थन किया। पीएम मोदी ने कोविड-19 जैसी महामारियों की भविष्य में रोकथाम के लिए लोकतांत्रिक और पारदर्शी समाजों को विशेष रूप से जिम्मेदार बताते हुए वैश्विक नेतृत्व एवं एकजुटता कायम करने का आह्वान किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड संबंधी प्रौद्योगिकियों पर पेटेंट छूट के लिए भारत, दक्षिण अफ्रीका द्वारा डब्ल्यूटीओ में दिए गए प्रस्ताव के लिए जी-7 के समर्थन का आह्वान भी किया।