AajTak : Aug 26, 2020, 07:50 AM
Delhi: कांग्रेस हाईकमान ने पार्टी में असंतुष्ट नेताओं से बातचीत का प्रयास शुरू किया है ताकि सामान्य स्थिति बहाल की जा सके। कांग्रेस पार्टी आलाकमान ने असंतुष्ट गुट के नेता गुलाम नबी आजाद से मंगलवार को बात की। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने गुलाम नबी आजाद से फोन पर बातचीत की है।
सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया कि सोनिया गांधी ने सोमवार को कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक के बाद गुलाब नमी आजाद के साथ टेलीफोन पर बातचीत की थी। पार्टी से जुड़े एक करीबी सूत्र ने बताया कि असंतुष्ट गुट के विवादित पत्र लिखने के समय को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर करने वाले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी गुलाम नबी आजाद को फोन किया था।कांग्रेस सर्किल में उस समय हलचल तेज हो गई थी, जब पार्टी नेतृत्व में बदलाव को लेकर 10 जनपक्ष को पत्र भेजने का मामला सामने आया था। पत्र पर हस्ताक्षरकर्ताओं में गुलाम नबी आजाद का भी नाम लिया गया था। हालांकि गुलाम नबी आजाद इस मसले पर खिन्न थे। कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में उन्होंने कहा कि पत्र को लेकर अगर बीजेपी का लिंक साबित हुआ तो वह इस्तीफा दे देंगे।बहरहाल, सोनिया और राहुल गांधी की ओर से गुलाम नबी आजाद को फोन करने को वरिष्ठ नेताओं और असंतुष्ट गुट को सुलह का संदेश भेजने के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि फोन करने के दौरान सोनिया, राहुल गांधी और गुलाम नबी आजाद के बीच में क्या बातचीत हुई है, अभी इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है। लेकिन जिस तेजी के साथ दोनों शीर्ष नेताओं ने एक असंतुष्ट नेता से संपर्क किया है, वह स्पष्ट संकेत है कि वे असंतुष्ट गुट की चिंताओं को दूर करने के लिए तैयार हैं। बताया जा रहा है कि असंतुष्ट गुट के पत्र को लेकर कांग्रेस कार्यसमिति की हुई बैठक के फौरन बाद सोनिया गांधी और गुलाम नबी आजाद की फोन पर बातचीत हुई थी।
सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया कि सोनिया गांधी ने सोमवार को कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक के बाद गुलाब नमी आजाद के साथ टेलीफोन पर बातचीत की थी। पार्टी से जुड़े एक करीबी सूत्र ने बताया कि असंतुष्ट गुट के विवादित पत्र लिखने के समय को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर करने वाले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी गुलाम नबी आजाद को फोन किया था।कांग्रेस सर्किल में उस समय हलचल तेज हो गई थी, जब पार्टी नेतृत्व में बदलाव को लेकर 10 जनपक्ष को पत्र भेजने का मामला सामने आया था। पत्र पर हस्ताक्षरकर्ताओं में गुलाम नबी आजाद का भी नाम लिया गया था। हालांकि गुलाम नबी आजाद इस मसले पर खिन्न थे। कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में उन्होंने कहा कि पत्र को लेकर अगर बीजेपी का लिंक साबित हुआ तो वह इस्तीफा दे देंगे।बहरहाल, सोनिया और राहुल गांधी की ओर से गुलाम नबी आजाद को फोन करने को वरिष्ठ नेताओं और असंतुष्ट गुट को सुलह का संदेश भेजने के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि फोन करने के दौरान सोनिया, राहुल गांधी और गुलाम नबी आजाद के बीच में क्या बातचीत हुई है, अभी इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है। लेकिन जिस तेजी के साथ दोनों शीर्ष नेताओं ने एक असंतुष्ट नेता से संपर्क किया है, वह स्पष्ट संकेत है कि वे असंतुष्ट गुट की चिंताओं को दूर करने के लिए तैयार हैं। बताया जा रहा है कि असंतुष्ट गुट के पत्र को लेकर कांग्रेस कार्यसमिति की हुई बैठक के फौरन बाद सोनिया गांधी और गुलाम नबी आजाद की फोन पर बातचीत हुई थी।