Mallikarjun Kharge: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शुक्रवार को दावा किया कि सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत प्राप्त जानकारी से पता चलता है कि केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ में 455 करोड़ रुपये का हेरफेर हुआ है। इस मुद्दे पर फिलहाल सरकार की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
खरगे का बयान और कांग्रेस का आरोप
खरगे ने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट कर कहा, "सूचना का अधिकार कानून से खुलासा हुआ है कि मोदी सरकार की ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना में 455 करोड़ रुपये ‘‘गायब’’ हो गए हैं। भाजपा का ‘‘बहुत हुआ नारी पर वार’’ वाला विज्ञापन पिछले 10 वर्षों से उन महिलाओं की चीखों का उपहास उड़ा रहा है, जो भाजपा शासन में और कभी-कभी भाजपा से जुड़े तत्वों द्वारा प्रताड़ित हुई हैं।"
उन्होंने यह भी कहा कि देशभर में महिला सुरक्षा की स्थिति लगातार बिगड़ रही है। ‘‘हाल में पुणे में सरकारी बस में एक महिला का बलात्कार हो या मणिपुर और हाथरस की घटनाएं हों, या फिर महिला ओलंपिक चैंपियंस से संबंधित मामले हों, भाजपा शासन में महिलाओं की सुरक्षा का नामोनिशान नहीं बचा है।’’
आरटीआई से खुलासा: कहां गए 455 करोड़ रुपये?
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार की महिला सशक्तिकरण योजनाएं केवल कागजों पर सिमटकर रह गई हैं। पार्टी ने सरकार से जवाब मांगा कि आरटीआई के तहत उजागर हुए इस 455 करोड़ रुपये के गबन की जिम्मेदारी कौन लेगा।
पुणे रेप केस से जुड़ा घटनाक्रम
खरगे ने अपने बयान में हाल ही में पुणे में हुई वीभत्स घटना का जिक्र भी किया, जिसमें स्वारगेट बस अड्डे पर महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) की एक बस में एक महिला के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया था। इस मामले में पुलिस ने आरोपी दत्तात्रेय गाडे को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी के खिलाफ पहले भी चोरी, डकैती और चेन झपटमारी के आधा दर्जन मामले दर्ज थे और वह 2019 से जमानत पर बाहर था।
पुणे पुलिस ने बताया कि गाडे को पकड़ने के लिए विभिन्न स्थानों पर 13 पुलिस दल तैनात किए गए थे। गुरुवार को पुलिस ने शिरूर तहसील के गन्ने के खेतों में तलाशी अभियान के दौरान श्वान दस्तों और ड्रोन की मदद ली थी, जिसके बाद आरोपी को गिरफ्तार किया गया।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं और महिला सुरक्षा पर बहस
मल्लिकार्जुन खरगे के दावों के बाद राजनीतिक माहौल गरमा गया है। कांग्रेस ने मोदी सरकार पर महिला सुरक्षा को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं और 455 करोड़ रुपये के कथित घोटाले की विस्तृत जांच की मांग की है। हालांकि, भाजपा की ओर से अभी तक इस पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
इस घटनाक्रम ने महिला सुरक्षा और सरकारी योजनाओं में पारदर्शिता को लेकर नए सिरे से बहस छेड़ दी है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस आरोप पर क्या स्पष्टीकरण देती है और क्या कोई जांच इस मामले में शुरू होती है या नहीं।