Rajasthan Politics / विधानसभा में गतिरोध टूटा, वापस लिया गया 6 विधायकों का निलंबन

राजस्थान विधानसभा में सात दिन से चला आ रहा गतिरोध समाप्त हो गया है। कांग्रेस के छह निलंबित विधायकों को बहाल कर दिया गया। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने डोटासरा की टिप्पणी के लिए माफी मांगी। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि सदन चलाना सत्ता और विपक्ष दोनों की जिम्मेदारी है।

Rajasthan Politics: राजस्थान विधानसभा में पिछले 7 दिनों से बना गतिरोध आखिरकार समाप्त हो गया है। कांग्रेस के निलंबित 6 विधायकों को बहाल कर दिया गया है। इस समाधान में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली की महत्वपूर्ण भूमिका रही। उन्होंने कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा द्वारा की गई अपशब्दों की टिप्पणी के लिए माफी मांगी। जूली ने कहा कि डोटासरा की टिप्पणी सदन की गरिमा के अनुरूप नहीं थी और इसके लिए वे बिना किसी संकोच के क्षमा मांगते हैं।

गतिरोध का कारण और समाधान

टीकाराम जूली ने कहा कि इंदिरा गांधी पर मंत्री की ओर से की गई व्यंग्यात्मक टिप्पणी के बाद विवाद बढ़ा। उन्होंने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को धन्यवाद दिया, जिन्होंने इस गतिरोध को समाप्त करने के लिए वार्ता की पहल की। उन्होंने यह भी कहा कि यदि यह वार्ता चार दिन पहले हो जाती, तो विपक्ष को न तो सदन में सोना पड़ता और न ही सड़कों पर धरना देना पड़ता।

टीकाराम जूली ने सदन में पक्ष-विपक्ष के संतुलन की आवश्यकता पर बल देते हुए शायराना अंदाज में कहा- "बिखरी-बिखरी ने तुम अच्छे लगते हो न हम।"

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की प्रतिक्रिया

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस मुद्दे पर कहा कि जनप्रतिनिधियों को बोलते समय जनता की भावनाओं का ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने स्वीकार किया कि यदि किसी सदस्य के मुंह से अनुचित शब्द निकलते हैं, तो उन्हें भी आत्मग्लानि होती है। उन्होंने विपक्ष की भूमिका को लोकतंत्र के लिए आवश्यक बताते हुए कहा कि सदन का सुचारू संचालन सत्ता और विपक्ष दोनों की जिम्मेदारी है। मुख्यमंत्री ने विधानसभा अध्यक्ष से आग्रह किया कि मंत्री द्वारा की गई विवादित टिप्पणी को सदन की कार्यवाही से हटाया जाए।

विवाद की जड़ में मंत्री अविनाश गहलोत की टिप्पणी

गतिरोध की शुरुआत सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत द्वारा की गई टिप्पणी से हुई थी। उन्होंने प्रश्नकाल के दौरान कामकाजी महिलाओं के लिए हॉस्टल संबंधी सवाल पर विपक्ष की ओर इशारा करते हुए कहा था कि 2023-24 के बजट में भी विपक्ष ने हमेशा की तरह इस योजना का नाम अपनी दादी इंदिरा गांधी के नाम पर रखा था। इस बयान के बाद सदन में भारी हंगामा हुआ, जिसके चलते सदन की कार्यवाही कई बार स्थगित करनी पड़ी।

डोटासरा की टिप्पणी ने बढ़ाया विवाद

इसके बाद कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा द्वारा विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी पर की गई टिप्पणी ने विवाद को और गहरा कर दिया। विपक्ष के नेता टीकाराम जूली ने कहा कि सत्ता पक्ष के मंत्री ने टिप्पणी की थी, जिसके कारण कांग्रेस के 6 विधायकों को निलंबित कर दिया गया था। कांग्रेस विधायकों ने इस निर्णय के खिलाफ धरना भी दिया और सदन का बहिष्कार किया।

विधानसभा अध्यक्ष की प्रतिक्रिया

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के आग्रह पर विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा कि सदन में संयम और अनुशासन बनाए रखना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि सदन में की गई कुछ टिप्पणियां इतिहास में कलंक के रूप में दर्ज होंगी। विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्षी विधायकों के खेद प्रकट करने के बाद निलंबित 6 विधायकों की सदस्यता बहाल कर दी।

निलंबन रद्द होने वाले विधायक

विधानसभा में निलंबन रद्द किए गए विधायकों में कांग्रेस के गोविंद सिंह डोटासरा, रामकेश मीणा, हाकम अली खान, अमीन कागजी, जाकिर हुसैन गैसावत और संजय कुमार शामिल हैं।

मुख्यमंत्री का संदेश

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस प्रकरण को ज्यादा बड़ी बात नहीं मानते हुए कहा कि चर्चा के दौरान कई बार ऐसे शब्द निकल जाते हैं, जो कहने का इरादा नहीं होता। उन्होंने कहा कि सदन के सदस्यों से जनता को बहुत उम्मीदें हैं और सभी को अपने व्यक्तिगत अहंकार से ऊपर उठकर राज्य की जनता के हित में कार्य करना चाहिए।