Cricket / साैरव गांगुली ने Teachers' Day पर ग्रेग चैपल को बताया अपना फेवरेट कोच

गांगुली ने क्लासप्लस यूट्यूब पर एक वीडियो में कहा, "वर्ल्ड कप के बाद, हमें एक नया कोच मिला। हमने कुछ नामों पर चर्चा की, लेकिन हमने ऑस्ट्रेलिया के ग्रेग चैपल को चुना। 2007 वर्ल्ड कप हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण था क्योंकि 2003 में इतने करीब होने के बावजूद हम फाइनल नहीं जीत पाए थे। सिर्फ मैं ही नहीं बल्कि पूरी टीम अपने सपनों को पूरा करने के लिए एक और मौके की तलाश में थी

Vikrant Shekhawat : Sep 05, 2022, 10:45 PM
Cricket | भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के मौजूदा अध्यक्ष और पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने (Sourav Ganguly) ने टीचर्स डे (Teachers' Day 2022) के अवसर पर अपने सभी कोचों को उनके करियर में उनके योगदान के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। गांगुली ने भारतीय क्रिकेट टीम के विभिन्न कोचों के साथ अपने अनुभव के बारे में बात की जिसमें ग्रेग चैपल (Greg Chappell) भी शामिल हैं। गांगुली और चैपल के बीच भारतीय क्रिकेट के इतिहास में सबसे बड़ा विवाद था और इसके चलते गांगुली को सभी फॉर्मेट में भारतीय टीम की कप्तानी गंवानी पड़ी और फिर लंबे समय तक टीम से भी बाहर रहना पड़ा। 

गांगुली ने क्लासप्लस यूट्यूब पर एक वीडियो में कहा, "वर्ल्ड कप के बाद, हमें एक नया कोच मिला। हमने कुछ नामों पर चर्चा की, लेकिन हमने ऑस्ट्रेलिया के ग्रेग चैपल को चुना। 2007 वर्ल्ड कप हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण था क्योंकि 2003 में इतने करीब होने के बावजूद हम फाइनल नहीं जीत पाए थे। सिर्फ मैं ही नहीं बल्कि पूरी टीम अपने सपनों को पूरा करने के लिए एक और मौके की तलाश में थी। हमें ट्रॉफी उठाने का एक और मौका मिला, लेकिन उस समय तक मैंने कप्तानी छोड़ दी थी या कप्तानी छुड़ाई गई थी। हालांकि मैं मेरी टीम के लिए खेलकर इसे अपना सब कुछ देना चाहता था। जो चीजें हुईं उसने मुझे अच्छा इंसान बनाया।''  

उन्होंने आगे कहा कि कप्तानी विवाद ने उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से एक मजबूत इंसान बनाया। पूर्व कप्तान ने कहा कि वह कभी भी अपने सपनों को छोड़ना नहीं चाहते थे। गांगुली ने कहा, “उस समय जो हुआ उसने मुझे एक बेहतर इंसान बना दिया। मेरी मानसिक शक्ति और शारीरिक शक्ति को और बढ़ाया गया। मैंने बहुत अभ्यास किया। ऐसा लगा जैसे मैं 19 साल का हो गया हूं। मैं कभी अंदर और कभी बाहर रहा, लेकिन मैं कभी हार नहीं मानना ​​चाहता था, मैं अपने सपने का पीछा करने से कभी दूर नहीं हुआ।''