Vikrant Shekhawat : Dec 10, 2022, 05:15 PM
South Korea : पूरी दुनिया में पैदा होने वाला नवजात शिशु 365 दिन बाद ही एक साल का माना जाता है, लेकिन दक्षिण कोरिया एक ऐसा देश है, जहां मां के गर्भ से बाहर आते ही नवजात एक साल का हो जाता है. ये मत सोचिए की यहां प्रकृति ने ऐसा कोई खेल रचा है जो पैदा होते ही उम्र बढ़ने के लिए जवाबदेह होता है. दरअसल ये इस देश की परंपरा है जो पैदा होते ही उम्र में एक साल का इजाफा कर डालती है.यही उम्र प्रणाली अब खत्म कर दी गई है. साल 2023 जून इस प्रणाली के हमेशा के लिए खत्म होने वाला ऐतिहासिक महीना होगा. इस महीने से यहां पैदा होने वाले नवजात एक साल के नहीं माने जाएंगे और न ही हर 1 जनवरी को उनकी उम्र में एक साल का इजाफा किया जाएगा. कम से कम इस महीने से आधिकारिक कागजी कार्रवाई पर दक्षिण कोरियाई आबादी 1 या 2 साल छोटे होने के लिए तैयार रहेगी. जून 2023 से आधिकारिक दस्तावेजों पर तथाकथित "कोरियाई उम्र" प्रणाली की मंजूरी नहीं दी जाएगी. दक्षिण कोरिया की संसद का ऐतिहासिक फैसलागुरुवार 8 दिसंबर का दिन दक्षिण कोरिया के लोगों के लिए ऐतिहासिक बन गया. इस दिन दक्षिण कोरियाई संसद ने कोरिया की उम्र की गिनती करने के दो पारंपरिक तरीकों को खत्म करने के लिए एक कानून पास किया. जून 2023 से यहां आधिकारिक दस्तावेजों पर उम्र निर्धारित करने के लिए केवल मानकीकृत,अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता वाली पद्धति ही अमल में लाई जाएगी.दरअसल यहां की सरकार ने एक अभियान के दौरान ये वादा किया था कि वो देश में लागू भ्रम पैदा करने वाली परंपरागत उम्र प्रणाली को खत्म करेगी.सरकार ने बाकी दुनिया में उम्र मापने के लिए इस्तेमाल में आने वाली प्रणाली को ही अमल में लाने का वादा भी किया था. 8 दिसंबर को दक्षिण कोरियाई सरकार ने यही वादा पूरा किया है.देश में ही हुई आलोचनाइस परंपरागत आयु प्रणाली ने राजनेताओं की आलोचना का सामना भी करना पड़ा है. उनका मानना हैं कि दक्षिण कोरिया जो एक बड़ी एशियाई अर्थव्यवस्था, वैश्विक तकनीकी और सांस्कृतिक शक्ति है इस परंपरा की वजह से वो वक्त के पीछे दिखाई देती है. यहां के राष्ट्रपति यून सुक-योल ने उम्र की गणना के लिए कई तरीके अपनाने की आलोचना की है.उनका कहना है कि इससे देश को संसाधनों का नुकसान झेलना पड़ता है. इस देश में सत्तारूढ़ पीपल पावर पार्टी के यू सांग-बम ने संसद में कहा, "संशोधन का मकसद गैरजरूरी सामाजिक-आर्थिक लागत को कम करना है, क्योंकि उम्र की गणना के कई तरीकों की वजह से कानूनी और सामाजिक विवाद के साथ-साथ भ्रम भी बना रहता है."क्या है परंपरागत उम्र प्रणाली?मौजूदा वक्त में कोरिया में उम्र की गणना करने के लिए सबसे बड़े पैमाने पर "कोरियाई आयु प्रणाली" है. इसके तहत एक बच्चा जन्म के वक्त ही एक साल का होता है और फिर हर नए वर्ष के पहले दिन एक वर्ष उसकी उम्र में और जोड़ा जाता है. एक दूसरे तरीके में आयु की गणना जन्म के वक्त उसकी उम्र जीरो मानकर की जाती है और 1 जनवरी को एक वर्ष जोड़ा जाता है.कोरिया में यह तरीका अहम तौर पर शराब पीने और और धूम्रपान करने की कानूनी उम्र की गणना करने के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है. इस देश में असामान्य और तेजी से अलोकप्रिय रिवाज का मतलब है कि नए साल की पूर्व संध्या पर पैदा हुआ बच्चा दो साल का हो जाता है जैसे ही घड़ी में मध्य रात्रि की सूचना देती है.उधर दूसरी तरफ ये देश विश्व स्तर पर उम्र की गणना करने वाली मान्यता प्राप्त प्रणाली का भी इस्तेमाल करता है. इसमें उम्र की गणना किसी शख्स के जन्मदिन से की जाती है और पहला जन्मदिन जन्म के 365 दिन बाद मनाया जाता है. दक्षिण कोरियाई परंपरागत आयु प्रणाली और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयु मापने की प्रणाली की तुलना की जाए तो दक्षिण कोरिया में पैदा होने वाला हर एक दक्षिण कोरियाई विश्व में पैदा होने वाले शख्स से उम्र में 1 से 2 साल बड़ा होता है. उदाहरण के लिए, 8 दिसंबर 2022 तक, 31 दिसंबर 2002 को जन्म लेने वाला शख्स अंतरराष्ट्रीय प्रणाली के तहत 19 साल का होगा और दक्षिण कोरियाई गिनती प्रणाली के तहत 20 और परंपरागत आयु प्रणाली के तहत 21 है.इस देश में सत्तारूढ़ पीपल पावर पार्टी के यू सांग-बम ने संसद को बताया कि "संशोधन का मकसद गैरजरूरी सामाजिक-आर्थिक लागत को कम करना है, क्योंकि उम्र की गणना के कई तरीकों की वजह से कानूनी और सामाजिक विवाद के साथ-साथ भ्रम भी बना रहता है."