Vikrant Shekhawat : Apr 21, 2021, 02:02 PM
नई दिल्ली: भारत में कोरोना वायरस के खिलाफ जंग को तेज करते हुए 1 मई से वैक्सीनेशन का दायर बढ़ रहा है। राज्य सरकारों और प्राइवेट अस्पतालों को वैक्सीन कितने रुपए में मिलेगी, इसका ऐलान हो गया है। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने राज्यों और प्राइवेट अस्पतालों के लिए वैक्सीन के एक डोज की कीमत तय कर दी है, जिसके मुताबिक, कोविशील्ड की एक खुराक प्राइवेट अस्पताल में जहां 600 रुपए में मिलेगी, वहीं सरकारी अस्पताल में इसकी कीमत 400 रुपए होगी। यानी सरकारी अस्पताल में 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोग 400 रुपए देकर तो प्राइवेट अस्पताल में 600 रुपए देकर वैक्सीन लगवा सकते हैं। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने आगे कहा कि कंपनी वैक्सीन की कुल उत्पादन का 50% भारत सरकार के टीकाकरण कार्यक्रम को देगी और शेष 50 फीसदी वैक्सीन राज्य सरकारों और निजी अस्पतालों के लिए होगी। बता दें कि अब तक सिर्फ भारत सरकार ही टीका खरीद रही थी, मगर अब राज्य सरकार भी टीके को खरीद सकेगी। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा जो ऐलान किया गया है, उसके मुताबिक कोविशील्ड वैक्सीन की एक खुराक का दाम राज्य सरकार के लिए (सरकारी अस्पतालों में) 400 रुपये होगा, जबकि प्राइवेट अस्पतालों को 600 रुपए में एक खुराक मिलेगी।यहां ध्यान देने वाली बात है कि सीरम ने दावा किया है कि उसकी वैक्सीन की कीमत अन्य विदेशी वैक्सीन की कीमत के मुकाबले कम है। उसने अन्य वैक्सीन की कीमत भी बताई है। अमेरिकी वैक्सीन की कीमत- 1500 रुपए प्रति डोजरूसी वैक्सीन की कीमत - 750 रुपए प्रति डोजचीनी वैक्सीन की कीमत -750 रुपए प्रति डोजबता दें कि अब तक बाजार में वैक्सीन उपलब्ध नहीं है और वैक्सीन निर्माता कंपनियां केंद्र सरकार को 250 रुपए प्रति डोज बेच रही है। बीते दिनों पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बीते सोमवार को हुई मीटिंग में यह फैसला लिया गया कि 1 मई से देश भर में कोरोना टीकाकरण का तीसरा राउंड शुरू हो रहा है, जिसमें युवाओं को भी कवर किया जाएगा। अब तक 45 साल से अधिक आयु के लोगों को ही टीका लगाया जा रहा था। हालांकि दिल्ली, पंजाब और महाराष्ट्र जैसे राज्यों के मुख्यमंत्रियों की ओर से युवाओं को भी टीका लगाए जाने की मांग की थी। पीएम नरेंद्र मोदी की देश के शीर्ष डॉक्टरों के साथ विचार मंथन के बाद यह फैसला लिया गया है। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार बीते एक साल से प्रयास कर रही है कि देश में ज्यादा से ज्यादा भारतीयों को कम से कम समय में वैक्सीन दी जा सके। इस मीटिंग में घरेलू कंपनियों को वैक्सीन के अधिक उत्पादन के लिए प्रेरित करने की बात कही गई है। इसके अलावा अन्य भारतीय और विदेशी वैक्सीन्स को भी मंजूरी देने की बात शामिल है। इस मीटिंग में एक अहम फैसला यह भी हुआ है कि वैक्सीन बनाने वाली कंपनियां अपने कुल उत्पादन का 50 फीसदी हिस्सा राज्य सरकारों को देंगी, जबकि आधी खेप खुले बाजार में पहले से तय कीमत पर बेच सकेंगी। यही नहीं राज्य सरकारें अपनी जरूरत के हिसाब से सीधे कंपनियों से वैक्सीन की खरीद कर सकती हैं। इसके अलावा राज्य सरकार ने एक बात और साफ कही है कि पहले से तय प्राथमिकता समूह के लोगों का वैक्सीनेशन जारी रहेगा। फिलहाल 45 साल से अधिक आयु के लोगों को सरकारी केंद्रों और निजी अस्पतालों में टीका लग रहा है।