वर्ल्ड बैंक रिपोर्ट / 150 साल के बाद आ सकती है ऐसी मंदी, भारत समेत दुनियाभर में करोड़ों लोग हो जाएंगे गरीब

कोरोना वायरस का असर दुनिया की अर्थव्यवस्था पर बहुत बुरा पड़ने वाला है। वर्ल्ड बैंक ने अपनी नई रिपोर्ट ग्लोबल इकनॉमिक प्रॉस्पैक्ट में इसको लेकर चिंताएं जाहिर की है। वर्ल्ड बैंक के प्रेसिडेंट डेविड मलपास के अनुसार 1870 के बाद यह पहला मौका होगा, जब महामारी की वजह से वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी आएगी

News18 : Jun 09, 2020, 09:27 AM
नई दिल्ली। कोरोना वायरस का असर दुनिया की अर्थव्यवस्था (Coronavirus Impact on World Economy) पर बहुत बुरा पड़ने वाला है। वर्ल्ड बैंक (World Bank) ने अपनी नई रिपोर्ट ग्लोबल इकनॉमिक प्रॉस्पैक्ट में इसको लेकर चिंताएं जाहिर की है। वर्ल्ड बैंक के प्रेसिडेंट डेविड मलपास (World Bank President David Malpass) के अनुसार 1870 के बाद यह पहला मौका होगा, जब महामारी की वजह से वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी आएगी। ये बात उन्हेंकी भूमिका में कही है। बता दें कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में 1870 के बाद अब तक कुल 14 बार मंदी आई है। ये मंदी 1876, 1885, 1893, 1908, 1914, 1917-21, 1930-32, 1938, 1945-46, 1975, 1982, 1991, 2009 और 2020 में आई हैं।

करोड़ों लोग हो जाएंगे गरीब- वर्ल्ड बैंक (World Bank) की रिपोर्ट में बताया गया है कि प्रति व्यक्ति आय में 3।6 फीसदी गिरावट आने की आशंका है। इसके कारण इस साल करोड़ों लोग भीषण गरीबी में फंस जाएंगे। जिन देशों में महामारी का सबसे ज्यादा प्रसार होगा और जहां की अर्थव्यवस्था वैश्विक व्यापार, पर्यटन, कमोडिटी निर्यात और एक्सटर्नल फाइनेंसिंग पर ज्यादा निर्भर होगी, वहां गरीबी सबसे ज्यादा बढ़ेगी।

कोरोना वायरस की वजह से वैश्विक अर्थव्यवस्था (Coronavirus hits global economy) में दूसरे विश्व युद्ध के बाद सबसे बड़ी मंदी (Worst recession after second world war) आएगी। अनुमान लगाया गया है कि इस साल वैश्विक अर्थव्यवस्था में 5।2 फीसदी की गिरावट आ जाएगी।

भारत समेत दुनियाभर की अर्थव्यवस्था पर क्या होगा असर-विश्व बैंक ने इस बात की भी आशंका जताई है कि इस साल भारतीय अर्थव्यवस्था में 3।2 फीसदी की गिरावट आएगी।


आपको बता दें कि ये दर 2017 में 7 फीसदी थी, जो 2018 में घटकर 6।1 फीसदी रह गई। 2019-20 में यह और भी घटी और 4।2 फीसदी पर जा पहुंची। कोरोना वायरस और लॉकडाउन का असली असर इस वित्त वर्ष में देखने को मिलेगा।

रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि इस साल विकसित देशों की अर्थव्यवस्था 7 फीसदी सिकुड़ जाएगी और विकासशील देशों की इकनॉमी में भी 2।5 फीसदी की गिरावट आ सकती है।