Business / GDP को लेकर वर्ल्‍ड बैंक ने दी खुशखबरी, महंगाई पर फ‍िर आई परेशान करने वाली खबर

लंबे समय बाद भारत के लिए आर्थ‍िक मोर्चे पर राहत देने वाली खबर आई है. वर्ल्‍ड बैंक ने चालू वित्त वर्ष 2022-23 के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर के अनुमान बढ़ाकर 6.9 प्रतिशत कर दिया है. पहले यह अनुमान 6.5 प्रतिशत था. वर्ल्‍ड बैंक की तरफ से मंगलवार को जारी भारत से संबंधित ताजा रिपोर्ट में कहा गया क‍ि अमेरिका, यूरो क्षेत्र और चीन के घटनाक्रमों का असर भारत पर भी देखने को मिल रहा है.

Vikrant Shekhawat : Dec 06, 2022, 01:36 PM
GDP: लंबे समय बाद भारत के लिए आर्थ‍िक मोर्चे पर राहत देने वाली खबर आई है. वर्ल्‍ड बैंक ने चालू वित्त वर्ष 2022-23 के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर के अनुमान बढ़ाकर 6.9 प्रतिशत कर दिया है. पहले यह अनुमान 6.5 प्रतिशत था. वर्ल्‍ड बैंक की तरफ से मंगलवार को जारी भारत से संबंधित ताजा रिपोर्ट में कहा गया क‍ि अमेरिका, यूरो क्षेत्र और चीन के घटनाक्रमों का असर भारत पर भी देखने को मिल रहा है. इसके अलावा वर्ल्‍ड बैंक ने अगले व‍ित्‍तीय वर्ष के ल‍िए जीडीपी का आंकड़ा 7 प्रत‍िशत से घटाकर 6.6 प्रत‍िशत कर द‍िया है.

र‍िटेल इंफलेशन पर राहत नहीं

हालांकि, वैश्‍व‍िक हालात के बीच वर्ल्‍ड बैंक ने भरोसा जताया है कि सरकार मौजूदा फाइनेंश‍ियल ईयर 6.4 प्रतिशत के राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को हासिल कर लेगी. दूसरी तरफ र‍िटेल इंफलेशन (खुदरा महंगाई) को लेकर वर्ल्‍ड बैंक की र‍िपोर्ट में क‍िसी तरह की राहत नहीं दी गई है. वर्ल्‍ड बैंक का अनुमान है कि व‍ित्‍त वर्ष 2022-23 में खुदरा महंगाई 7.1 प्रतिशत पर रहेगी. आपको बता दें जनवरी 2022 से महंगाई सरकार के संतोषजनक स्‍तर से ऊपर बनी हुई है.

ब्‍याज दर में 190 बेस‍िस प्‍वाइंट की बढ़ोतरी

इससे पहले सरकार की तरफ से बताया गया क‍ि एश‍िया की चौथी बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था जुलाई-स‍ितंबर त‍िमाही में जुलाई से स‍ितंबर के बीच 6.3 प्रत‍िशत की दर से बढ़ी. पूरे व‍ित्‍त वर्ष के दौरान जीडीपी (GDP) का आंकड़ा 6.8-7 प्रत‍िशत रहने की संभावना है. महंगाई का काबू में करने के ल‍िए आरबीआई (RBI) की तरफ से मई से लेकर अब तक ब्‍याज दर में 190 बेस‍िस प्‍वाइंट की बढ़ोतरी की जा चुकी है. इसके बावजूद महंगाई दर में हल्‍की ग‍िरावट दर्ज की गई है.

वर्ल्‍ड बैंक ने यह भी उम्‍मीद जताई क‍ि दुन‍िया की दूसरी अर्थव्‍यवस्‍थाओं के मुकाबले भारत पर आर्थ‍िक मंदी का असर कम पड़ेगा. वर्ल्‍ड बैंक के इकोनॉम‍िस्‍ट धुव्र शर्मा ने कहा क‍ि भारत की ऋण स्थिरता को लेकर च‍िंत‍ित नहीं हैं. सार्वजन‍िक ऋण में ग‍िरावट आई है.