Kanpur Shootout / शूटआउट की रात सिपाहियों को जेसीबी क्रॉस करा पीछे हट गया था संदिग्ध SO विनय तिवारी!

कानपुर में बिकरू कांड में गैंगस्टर विकास दुबे को पकड़ने गई पुलिस टीम पर हमले के 10 दिन बाद कई सच और तथ्य निकलकर सामने आने लगे हैं। गांव में दबिश देने गई पुलिस टीम में शामिल बिठूर थाने के एसओ कौशलेंद्र प्रताप सिंह के अनुसार, गांव पहुंचने के बाद जेसीबी दिखी तो एक-एक सभी दूसरी तरफ जाने लगे। चौबेपुर थाने के तत्कालीन एसओ विनय तिवारी ने अपने सिपाहियों को दूसरी तरफ भेजा, लेकिन खुद 100-150 मीटर दूर चले गए थे।

NavBharat Times : Jul 12, 2020, 09:22 AM
कानपुर: कानपुर में बिकरू कांड में गैंगस्टर विकास दुबे (Vikas Dubey) को पकड़ने गई पुलिस टीम पर हमले के 10 दिन बाद कई सच और तथ्य निकलकर सामने आने लगे हैं। गांव में दबिश देने गई पुलिस टीम में शामिल बिठूर थाने के एसओ कौशलेंद्र प्रताप सिंह के अनुसार, गांव पहुंचने के बाद जेसीबी दिखी तो एक-एक सभी दूसरी तरफ जाने लगे। चौबेपुर थाने के तत्कालीन एसओ विनय तिवारी (Chaubeypur SO Vinay Tiwari) ने अपने सिपाहियों को दूसरी तरफ भेजा, लेकिन खुद 100-150 मीटर दूर चले गए थे।

फायरिंग में जख्मी हुए एसओ कौशलेंद्र ने वारदात की रात का मंजर याद करते हुए बताया कि 2 जुलाई की रात 11:55 बजे चौबेपुर एसओ विनय तिवारी ने फोन पर बताया था कि सीओ के नेतृत्व में दबिश के लिए बिकरू चलना है। फोर्स लेकर जल्दी पहुंचे। 15 मिनट में कौशलेंद्र थाने से निकले और बिकरू के पहले दिलीपनगर गांव में सारी फोर्स एक साथ हो गई। बिकरू में गांव के बाहर गाड़ियां रोककर सभी पैदल अंदर गए। जेसीबी देख सिपाही और सभी बाकी लोग एक-दो कर विकास के घर की तरफ जाने लगे।


...तो क्या उस रात विकास से 'बातचीत' के लिए घर में गई थी पुलिस!

बिठूर के एसओ कौशलेंद्र ने बताया, 'मैं सब-इंस्पेक्टर अनूप के साथ विकास के घर के सामने पहुंचा ही था कि उसके घर में दो लोगों का मूवमेंट दिख गया। हम उन्हें देखकर पीछे हटने और सुरक्षित स्थान देखने के लिए बाईं तरफ मुड़े, तभी अचानक फायरिंग शुरू हो गई। हम इस परिस्थिति के लिए मानसिक रूप से तैयार नहीं थे। अचानक हुए हमले से फोर्स तितर-बितर हो गई। हर कोई बचने की जगह तलाशने लगा। मैंने भी पोजिशन लेकर फायरिंग शुरू की। सिपाही अजय को गोली लग गई थी। हम उन्हें दिख रहे थे।'

उन्होंने बताया, 'मैं भी घायल हो गया था। बाईं तरफ कुएं की तरफ आगे बढ़ने पर छत से फायर आ रहे थे। अजय ने मुझे बताया कि पेट में गोली लगने से ज्यादा ब्लीडिंग हो रही है। मेरी पिस्टल से 4-5 राउंड फायर हो चुके थे। सिर्फ कुछ ही गोलियां बची थी और अपने साथ टीम को बचाने के लिए सुरक्षित जगह तलाशनी थी। अंधेरे में मुझे एक ट्रॉली दिखी और किसी तरह बचते हुए हम उधर बढ़ने लगे, तभी बम मारो की आवाज आने लगी। एक टूटे घर में घुसकर हम अमर दूबे के घर से नीचे की ओर आगे बढ़े।'

विकास के एनकाउंटर के बाद खत्म नहीं हुआ अभियान

घायल एसओ कौशलेंद्र ने बताया, 'अजय ने बताया कि उसे पेट में गोली लगी है। वापस जीप की ओर लौटते हुए 100-150 मीटर दूर बनी सीमेंटेड रोड पर विनय दिखे। मैंने विनय को दूसरी गाड़ी की चाभी देते हुए कहा कि मेरी टीम घायल है। मैं इन्हें इलाज के लिए ले जा रहा हूं।'