News18 : Sep 08, 2020, 08:38 AM
नई दिल्ली। लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर हालात लगातार तनावपूर्ण बने हुए हैं। बातचीत की कोशिशों के बीच पूर्वी लद्दाख इलाके में चीनी सेना (Chinese PLA) ने भारतीय चौकी की तरफ फिर से गोलीबारी की है। भारतीय जवानों ने इसका वाजिब जवाब भी दिया है। अब LAC पर तनाव के बीच बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी (Subramanian Swamy) ने कहा कि हम इस हालत में चीन से बातचीत ही क्यों कर रहे हैं?
बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने मंगलवार को ट्वीट किया, 'विदेश मंत्री जयशंकर को मॉस्को में अपने चीनी समकक्ष से क्यों मिलना है? खासतौर पर रक्षा मंत्रियों से मुलाकात के बाद? 5 मई 2020 के बाद से भारत के पास चीन से विदेश नीति पर कोई विवाद सुलझाने की जरूरत नहीं है। इसलिए पीएम नरेंद्र मोदी को विदेश मंत्री से अपनी यात्रा रद्द करने के लिए कहना चाहिए। यह हमारे संकल्प को कम करता है।'कहां हुई है ताजा फायरिंग?LAC पर फायरिंग की ये घटना पैंगोंग झील के दक्षिणी हिस्से में हुई, जहां भारत सामरिक नजरिये से काफी मजबूत स्थिति में आ गया है। चीन की सरकारी मीडिया 'ग्लोबल टाइम्स' ने भारतीय सैनिकों पर पैंगॉन्ग त्सो के दक्षिणी किनारे पर फायरिंग करने का आरोप लगाया है। हालांकि, सेना से जुड़े सूत्रों का कहना है कि चीन की ओर से भारतीय क्षेत्र में पहले फायरिंग की गई, जिसके बाद भारत की तरफ से जवाबी कार्रवाई हुई। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में होने का दावा किया गया है। खास बात यह है कि 1975 के बाद सीमा पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच इस तरह से पहली बार फायरिंग हुई है।चीन को खटक रहा है ब्लैक टॉप और हेल्मेट टॉपसेना के सूत्रों ने पुष्टि की कि 'वार्निंग शॉट्स' फायर किए गए थे। चीन की नजर हमारे ब्लैक टॉप और हेल्मेट टॉप पर है। सीमा पर तैनात जवान तब से हाई अलर्ट पर हैं, जब से चीन की ओर से इन दोनों चोटियों पर कब्जा करने की कोशिश की है। हमारे जवानों ने इन दोनों चोटियों को पूरी तरह से नियंत्रण में ले रखा है। इससे खुन्नस खाए चीनी सैनिक इन दोनों चोटियों पर नियंत्रण हासिल करने के लिए आगे बढ़ रहे हैं।
शुक्रवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ हुई थी चीन के रक्षा मंत्री की बैठकइससे पहले शुक्रवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और चीन के रक्षा मंत्री जनरल वेई फेंगही की करीब दो घंटे तक पूर्वी लद्दाख में सीमा पर बढ़े तनाव को लेकर बैठक हुई थी। इस बातचीत में सिंह ने वेई को विशेष तौर पर कहा कि भारत अपनी ‘एक इंच जमीन नहीं छोड़ेगा’ और वह किसी भी कीमत पर अपनी अखंडता और संप्रभुता की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है।आधिकारिक बयान के मुताबिक, राजनाथ सिंह ने चीनी समकक्ष को बता दिया कि चीन को सख्ती से वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) का सम्मान करना चाहिए और यथा स्थिति को बदलने के लिए कोई भी एकतरफा कोशिश नहीं करनी चाहिए। पूर्वी लद्दाख में मई के शुरुआत में शुरू हुई तनातनी के बाद दोनों पक्ष की शीर्षस्थ स्तर पर यह पहली आमने-सामने की बैठक थी।
बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने मंगलवार को ट्वीट किया, 'विदेश मंत्री जयशंकर को मॉस्को में अपने चीनी समकक्ष से क्यों मिलना है? खासतौर पर रक्षा मंत्रियों से मुलाकात के बाद? 5 मई 2020 के बाद से भारत के पास चीन से विदेश नीति पर कोई विवाद सुलझाने की जरूरत नहीं है। इसलिए पीएम नरेंद्र मोदी को विदेश मंत्री से अपनी यात्रा रद्द करने के लिए कहना चाहिए। यह हमारे संकल्प को कम करता है।'कहां हुई है ताजा फायरिंग?LAC पर फायरिंग की ये घटना पैंगोंग झील के दक्षिणी हिस्से में हुई, जहां भारत सामरिक नजरिये से काफी मजबूत स्थिति में आ गया है। चीन की सरकारी मीडिया 'ग्लोबल टाइम्स' ने भारतीय सैनिकों पर पैंगॉन्ग त्सो के दक्षिणी किनारे पर फायरिंग करने का आरोप लगाया है। हालांकि, सेना से जुड़े सूत्रों का कहना है कि चीन की ओर से भारतीय क्षेत्र में पहले फायरिंग की गई, जिसके बाद भारत की तरफ से जवाबी कार्रवाई हुई। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में होने का दावा किया गया है। खास बात यह है कि 1975 के बाद सीमा पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच इस तरह से पहली बार फायरिंग हुई है।चीन को खटक रहा है ब्लैक टॉप और हेल्मेट टॉपसेना के सूत्रों ने पुष्टि की कि 'वार्निंग शॉट्स' फायर किए गए थे। चीन की नजर हमारे ब्लैक टॉप और हेल्मेट टॉप पर है। सीमा पर तैनात जवान तब से हाई अलर्ट पर हैं, जब से चीन की ओर से इन दोनों चोटियों पर कब्जा करने की कोशिश की है। हमारे जवानों ने इन दोनों चोटियों को पूरी तरह से नियंत्रण में ले रखा है। इससे खुन्नस खाए चीनी सैनिक इन दोनों चोटियों पर नियंत्रण हासिल करने के लिए आगे बढ़ रहे हैं।
कब हो सकती है विदेश मंत्री जयशंकर की चीनी समकक्ष से मुलाकात?विदेश मंत्री एस जयशंकर के चार दिवसीय रूस यात्रा पर जाने के दौरान मंगलवार को ईरान रुकने की संभावना है। मामले की जानकारी रखने वाले लोगों के मुताबिक मॉस्को में जयशंकर द्वारा चीनी समकक्ष वांग यी के साथ द्विपक्षीय बैठक करने की उम्मीद है। जयशंकर मॉस्को में आयोजित आठ सदस्यीय शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल होने जा रहे हैं जिसमें भारत और चीन सदस्य हैं।Why does the Foreign Minister Jaishankar have to meet his Chinese counter part in Moscow? Especially after the Defence Ministers have met? India has no foreign policy issues to settle since may 5, 2020. Therefore PM must ask the EAM to cancel his trip. It dilutes our resolve.
— Subramanian Swamy (@Swamy39) September 8, 2020
शुक्रवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ हुई थी चीन के रक्षा मंत्री की बैठकइससे पहले शुक्रवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और चीन के रक्षा मंत्री जनरल वेई फेंगही की करीब दो घंटे तक पूर्वी लद्दाख में सीमा पर बढ़े तनाव को लेकर बैठक हुई थी। इस बातचीत में सिंह ने वेई को विशेष तौर पर कहा कि भारत अपनी ‘एक इंच जमीन नहीं छोड़ेगा’ और वह किसी भी कीमत पर अपनी अखंडता और संप्रभुता की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है।आधिकारिक बयान के मुताबिक, राजनाथ सिंह ने चीनी समकक्ष को बता दिया कि चीन को सख्ती से वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) का सम्मान करना चाहिए और यथा स्थिति को बदलने के लिए कोई भी एकतरफा कोशिश नहीं करनी चाहिए। पूर्वी लद्दाख में मई के शुरुआत में शुरू हुई तनातनी के बाद दोनों पक्ष की शीर्षस्थ स्तर पर यह पहली आमने-सामने की बैठक थी।