बिहार में हुई अनोखी शादी / जन्म से अंधे दूल्हा-दुल्हन, जाति, अमीर और गरीब के भेदभाव से हटकर किया विवाह

बिहार के गया में, दूल्हा और दुल्हन का विवाह गया के विष्णुपद मंदिर में हुआ, जो जाति, उच्च, निम्न, अमीर और गरीब के भेदभाव से ऊपर उठकर हुआ। इन दोनों को जन्म से ही नहीं देखा जा सकता है। इस अनोखी शादी का उदाहरण देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। महाराष्ट्र के नागपुर के राठौर परिवार के एक युवक गोपाल ने आज समाज के सामने विष्णुपद मंदिर में गया के निवासी पिंकी से सात फेरे लिए।

Vikrant Shekhawat : Nov 08, 2020, 07:37 AM
बिहार के गया में, दूल्हा और दुल्हन का विवाह गया के विष्णुपद मंदिर में हुआ, जो जाति, उच्च, निम्न, अमीर और गरीब के भेदभाव से ऊपर उठकर हुआ। इन दोनों को जन्म से ही नहीं देखा जा सकता है। इस अनोखी शादी का उदाहरण देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। महाराष्ट्र के नागपुर के राठौर परिवार के एक युवक गोपाल ने आज समाज के सामने विष्णुपद मंदिर में गया के निवासी पिंकी से सात फेरे लिए। विष्णुपद मंदिर प्रबंधन समिति के पंडा समाज, एनजीओ कन्या विवाह और विकास सोसाइटी के सचिव विकास माली ने पूरे विवाह का खर्च वहन किया।

वर-वधू जन्म से नहीं देख सकते

संगठन के सचिव, विकास कुमार ने कहा कि उन्हें गया में बागेश्वरी इलाके की निवासी पिंकी कुमारी के परिवार ने शादी के खर्च के लिए अक्षम बताया था। संस्था पिंकी की शादी का पूरा खर्च उठाने को तैयार हो गई और आज पिंकी और गोपाल की शादी का समापन गया के विष्णुपद मंदिर परिसर में संपन्न हुआ।

इस अवसर पर, पिंकी ने समाज को संदेश दिया कि जिस तरह हमने जाति, धर्म, संप्रदाय, अमीर और गरीब के बंधन से ऊपर उठकर आदर्श विवाह किया है। उसी तरह आज समाज में दहेज जैसी कुरीतियों से ऊपर उठकर, युवा पुरुषों और महिलाओं को विवाह करना चाहिए और समाज को सही दिशा देने के लिए पहल करनी चाहिए।

बता दें कि इस एनजीओ ने अब तक बिहार और आसपास के राज्यों में रहने वाले गरीब, असहाय, गरीब परिवारों में पले-बढ़े लगभग 10,000 जोड़ों की शादी की है। शादी समारोह के संपूर्ण खर्चों के अलावा, विदाई रजाई, चड्डी, श्रृंगार वस्तुओं सहित कई उपयोगी सामग्री देकर खुशी से विदाई दी जाती है।