उतर प्रदेश / 60 पार के दूल्हा-दुल्हन, 28 साल तक लिव-इन में रहे.... पापा के ब्याह में बाराती बनी बेटियां

उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले में 65 साल के व्यक्ति ने 60 साल की उम्र की महिला से पूरे विधि-विधान से शादी की। इस शादी में शामिल होने के लिए गांव में निमंत्रण कार्ड बांटे गए थे। एक युगल जोड़े की शादी की तरह इस शादी में सभी रस्में हुईं। दूल्हे का बेटा, बेटियों के साथ ही बहू और नाती-पोते सभी इस विवाह में शामिल हुए। 28 साल तक लिव-इन में रहने के बाद बुजुर्ग शादी के बंधन में बंधने को लेकर काफी खुश नजर आए।

Vikrant Shekhawat : Jun 22, 2021, 04:38 PM
UP: कहते हैं प्यार हर परीक्षा देने के लिए तैयार होता है। शायद ऐसा ही हुआ 60 वर्षीय महिला के जीवन में। 28 साल तक बिना शादी के लिव-इन में रहते जीवन के अगले पड़ाव पर पहुंची महिला का सपना साकार हो ही गया। बुजुर्ग जोड़े के वैवाहिक समारोह के साक्षी उनके खुद के बच्चों के साथ पूरा गांव बना।  

उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले में 65 साल के व्यक्ति ने 60 साल की उम्र की महिला से पूरे विधि-विधान से शादी की। इस शादी में शामिल होने के लिए गांव में निमंत्रण कार्ड बांटे गए थे। एक युगल जोड़े की शादी की तरह इस शादी में सभी रस्में हुईं। दूल्हे का बेटा, बेटियों के साथ ही बहू और नाती-पोते सभी इस विवाह में शामिल हुए। 28 साल तक लिव-इन में रहने के बाद बुजुर्ग शादी के बंधन में बंधने को लेकर काफी खुश नजर आए।  

जामो थाना क्षेत्र के खुटहना गांव में रविवार रात जश्न का माहौल था। गांव निवासी 65 वर्षीय मोतीलाल के घर पर रिश्तेदारों की भीड़ जुटी थी। ये भीड़ बुजुर्ग मोतीलाल के वैवाहिक समारोह की थी। वो अपने साथ 28 साल से लिव-इन में रह रहीं 60 वर्षीय मोहिनी देवी से विवाह रचा रहे थे। इस शादी में उनकी बेटियों से लेकर बहू और नाती-पोते खुशियां मनाते दिखाई दिए।

बहू-बेटियां और नाती-पोते सभी मोतीलाल की बारात में बाराती बने। गांव में हुई शादी में ढ़ोलक की थाप पर गाने-बजाने भी हुए। शादी की रस्में हिंदू रीति-रिवाज के अनुरूप अदा की गईं। अपनी शादी के लिए मोतीलाल ने कई गांव और पूरी रिश्तेदारी तक में कार्ड छपवाकर बंटवाए थे। सभी के लिए दावत की भी व्यवस्था की गई थी। 

रात के समय मोतीलाल और मोहिनी देवी ने सात फेरे लेकर अपने रिश्ते को धार्मिक मान्यता दी। मोतीलाल बताते हैं कि करीब 28 वर्ष पूर्व वो मोहिनी देवी को साथ लेकर आए थे, लेकिन उसके साथ ब्याह इस कारण से नहीं रचाया क्योंकि बेटी-बेटों के शादी-ब्याह में समस्या आएगी।

मोतीलाल ने बताया कि समाज ने उनको और उनकी पत्नी को अपनाया था। उन्होंने बताया कि अब जब हमनें खुद की बेटियां और बेटे ब्याह दिए और वो भी बाल-बच्चे वाले हो गए तो हमने मोहिनी के साथ विवाह रचा कर अपना जीवन पूर्ण किया है।

मोतीलाल की प्रिया और सीमा नाम की दो बेटियां हैं, जो पिता की शादी में बाराती बनी हैं। प्रिया और सीमा ने कहा कि उन्हें खुशी हो रही है। बहुत अच्छा लग रहा है, शादी में शामिल होते हुए। वहीं मोतीलाल की पत्नी मोहिनी ने बताया कि वो मकदूमपुर गांव की रहने वाली हैं।

मोतीलाल की शादी की रस्में पूरी कराने वाले पंडित तेज राम पांडेय ने बताया कि इनकी शादी नहीं हुई थी। हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार बिना विवाह पैदा होने वाली संतान का किया गया श्राद्ध व तर्पण पिता-माता को नहीं मिलता। इसीलिए इन्होंने इस उम्र में शादी की है। वहीं अमेठी जिले में हुई इस शादी को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है।