देश / केंद्र सरकार ने हवाई यात्रा के किराये में किया बदलाव कहा- इससे कम किराया नहीं लेगी एयरलाइंस

केंद्र सरकार ने हवाई किराया के संबंध में जारी अपने पिछले आदेश में बदलाव किया है। वास्तव में, मई 2020 में, केंद्र ने हवाई यात्रा के लिए इकोनॉमी क्लास की सीटों के लिए लोअर किराया सीमा निर्धारित की। अब नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने प्रीमियम इकोनॉमी क्लास की सीटों के लिए लोअर फेयर लिमिट लागू करने का फैसला किया है।

Vikrant Shekhawat : Oct 12, 2020, 06:47 AM
नई दिल्‍ली. केंद्र सरकार ने हवाई किराया के संबंध में जारी अपने पिछले आदेश में बदलाव किया है। वास्तव में, मई 2020 में, केंद्र ने हवाई यात्रा के लिए इकोनॉमी क्लास की सीटों के लिए लोअर किराया सीमा निर्धारित की। अब नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने प्रीमियम इकोनॉमी क्लास की सीटों के लिए लोअर फेयर लिमिट लागू करने का फैसला किया है।

प्रीमियम इकोनॉमी क्‍लास की सीट्स पर लागू नहीं होगी ये अपर फेयर लिमिट

नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने कहा कि अर्थव्यवस्था वर्ग की सीटों के लिए सरकार द्वारा निर्धारित ऊपरी किराया सीमा प्रीमियम अर्थव्यवस्था वर्ग की सीटों पर लागू नहीं होगी। 21 मई को, मंत्रालय ने घरेलू हवाई यात्रा के किराए में सात बैंड के माध्यम से निचली और ऊपरी सीमा निर्धारित की थी। ये सात बैंड उड़ान की अवधि के आधार पर तय किए गए थे। ये बैंड 24 अगस्त तक लागू थे। बाद में, समय अवधि बढ़ाकर 24 नवंबर कर दी गई। बता दें कि लॉकडाउन में ढील दिए जाने के बाद 25 मई से देश में घरेलू हवाई यात्रा फिर से शुरू की गई थी।

40 फीसदी सीटें लोअर-अपर फेयर के बीच के अमाउंट से कम पर बेचनी होंगी

आदेश के अनुसार, इन हवाई किराए में यूडीएफ, पीएसएफ और जीएसटी शामिल नहीं हैं। मंत्रालय ने मई 2020 में स्पष्ट कर दिया कि प्रत्येक एयरलाइन कंपनी को कम से कम और ऊपरी वायु मेले की सीमा के बीच कम से कम 40 प्रतिशत सीटें कम से कम उड़ानों के लिए बेचनी होंगी। सरल शब्दों में, एयरलाइन के लिए लोअर एयर फेयर 3,500 और अपर एयर फेयर के बीच का स्तर 6,700 रुपये है। इसलिए, 40 फीसदी सीटों को 6,700 रुपये से कम में बेचा जाएगा।