News18 : Aug 29, 2020, 08:43 AM
बीजिंग। चीन से खबर आ रही है कि जिनपिंग सरकार ने वुहान से कोरोना वायरस से जुड़ी जानकारियां लीक होने के चलते अब कार्रवाई करनी शुरू की है। वुहान सेंट्रल हॉस्पिटल की चीफ को सबसे पहले इसकी सजा मिली है और उन्हें तत्काल प्रभाव से पद और पार्टी से भी निकाल दिया गया है। यही वो अस्पताल है जहां दुनिया का पहला कोरोना संक्रमण का मामला दर्ज किया गया था और यहीं के कुछ डॉक्टर्स ने खुलासा किया था कि संक्रमण कितना खतरनाक है और इसे कैसे छुपाया जा रहा है।
कोरोना वायरस फैलने के शुरूआती दौर में जिस तरह स्थिति को लंभाला गया उसकी चीन में और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी आलोचना हुई। चीनी मीडिया में आ रही ख़बरों के अनुसार चीन के जिस अस्पताल में दुनिया का सबसे पहला कोरोना संक्रमण का मामला दर्ज किया गया था वहां की प्रमुख को निलंबित कर दिया गया है। काएक्सिन समाचार वेबसाइट के अनुसार वुहान सेंट्रल हॉस्पिटल की पार्टी सेक्रेटरी चाई ली को उनकी भूमिका से 'निलंबित' कर दिया गया है।
यहीं से सामने आया था संक्रमणबता दें कि इसी साल फरवरी में यहां काम करने वाले नेत्र-विशेषज्ञ डॉक्टर ली वेनलियांग की मौत हो गई थी। 30 दिसंबर को उन्होंने अपने साथी डॉक्टरों को चेताया था कि उन्होंने कुछ मरीज़ों में सार्स जैसे वायरस के लक्षण देखे हैं। इसी के बाद से अस्पताल प्रशासन और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के लोग कथित तौर पर उन्हें परेशान कर रहे थे। यहां तक कि स्थानीय पुलिस ने उनसे मुंह बंद रखने को कहा था।साथ ही आरोप लगाया गया था कि वे लोगों को भ्रमित कर रहे हैं। हालांकि देश में संक्रमण के चलते हालात बिगड़े और उन्हें चीनी सोशल मीडिया में 'हीरो' बताया जाने लगा।कई लोगों ने कहा कि उन्होंने समय रहते लोगों को सतर्क करने का काम किया।अस्पताल के कई डॉक्टर कोरोना से मारे गएइसी साल जनवरी में हू वेईफेंग कोरोना पॉज़िटिव पाए गए थे। जून में इसी अस्पताल में डॉक्टर हू वेईफेंग की मौत हो गई। इसके बाद से चीनी सोशल मीडिया पर अस्पताल की प्रमुख चाई ली की जांच किए जाने और उन्हें बर्ख़ास्त किए जाने की मांग की जा रही थी।आलोचकों का कहना है कि शुरूआती दौर में वायरस के बारे में चेतावनी देने में देरी करने और अस्पताल में कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए उचित व्यवस्था न करने के लिए चाई ली ज़िम्मेदार हैं। वुहान में मौजूद एक जानकार ने जून में रेडियो फ्री एशिया को बताया कि चाई ली डॉक्टर ज़रूर हैं लेकिन वो उससे अधिक एक सरकारी अधिकारी हैं और 'कोरोना महामारी के दौरान उन्होंने जो फ़ैसले लिए वो ऊपर से मिले आदेश के आधार पर थे।'
चीन में स्कूलों को पूरी तरह खोलने की तैयारीउधर चीन में कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के एहतियाती उपायों के साथ स्कूलों को पूरी तरह खोलने की तैयारी की जा रही है। देश में शुक्रवार को संक्रमण के केवल नौ मामले सामने आए हालांकि ये सभी संक्रमित लोग विदेश से आए हैं। अस्पतालों में कोविड-19 के 288 मरीजों का इलाज चल रहा है और 361 अन्य पृथक-वास में रखे गए हैं। पिछले साल वुहान में पहली बार वायरस का पता चलने के बाद से चीन में अब तक संक्रमण के 85,013 मामले सामने आए हैं और 4,634 लोगों की मौत हुई है।लगभग 25 प्रतिशत छात्र जो स्कूल नहीं जा पा रहे थे वह सोमवार से स्कूल जा सकेंगे। कॉलेज और यूनिवर्सिटी के छात्र भी अगले सप्ताह से कक्षाओं में शामिल हो सकेंगे।
कोरोना वायरस फैलने के शुरूआती दौर में जिस तरह स्थिति को लंभाला गया उसकी चीन में और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी आलोचना हुई। चीनी मीडिया में आ रही ख़बरों के अनुसार चीन के जिस अस्पताल में दुनिया का सबसे पहला कोरोना संक्रमण का मामला दर्ज किया गया था वहां की प्रमुख को निलंबित कर दिया गया है। काएक्सिन समाचार वेबसाइट के अनुसार वुहान सेंट्रल हॉस्पिटल की पार्टी सेक्रेटरी चाई ली को उनकी भूमिका से 'निलंबित' कर दिया गया है।
यहीं से सामने आया था संक्रमणबता दें कि इसी साल फरवरी में यहां काम करने वाले नेत्र-विशेषज्ञ डॉक्टर ली वेनलियांग की मौत हो गई थी। 30 दिसंबर को उन्होंने अपने साथी डॉक्टरों को चेताया था कि उन्होंने कुछ मरीज़ों में सार्स जैसे वायरस के लक्षण देखे हैं। इसी के बाद से अस्पताल प्रशासन और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के लोग कथित तौर पर उन्हें परेशान कर रहे थे। यहां तक कि स्थानीय पुलिस ने उनसे मुंह बंद रखने को कहा था।साथ ही आरोप लगाया गया था कि वे लोगों को भ्रमित कर रहे हैं। हालांकि देश में संक्रमण के चलते हालात बिगड़े और उन्हें चीनी सोशल मीडिया में 'हीरो' बताया जाने लगा।कई लोगों ने कहा कि उन्होंने समय रहते लोगों को सतर्क करने का काम किया।अस्पताल के कई डॉक्टर कोरोना से मारे गएइसी साल जनवरी में हू वेईफेंग कोरोना पॉज़िटिव पाए गए थे। जून में इसी अस्पताल में डॉक्टर हू वेईफेंग की मौत हो गई। इसके बाद से चीनी सोशल मीडिया पर अस्पताल की प्रमुख चाई ली की जांच किए जाने और उन्हें बर्ख़ास्त किए जाने की मांग की जा रही थी।आलोचकों का कहना है कि शुरूआती दौर में वायरस के बारे में चेतावनी देने में देरी करने और अस्पताल में कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए उचित व्यवस्था न करने के लिए चाई ली ज़िम्मेदार हैं। वुहान में मौजूद एक जानकार ने जून में रेडियो फ्री एशिया को बताया कि चाई ली डॉक्टर ज़रूर हैं लेकिन वो उससे अधिक एक सरकारी अधिकारी हैं और 'कोरोना महामारी के दौरान उन्होंने जो फ़ैसले लिए वो ऊपर से मिले आदेश के आधार पर थे।'
चीन में स्कूलों को पूरी तरह खोलने की तैयारीउधर चीन में कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के एहतियाती उपायों के साथ स्कूलों को पूरी तरह खोलने की तैयारी की जा रही है। देश में शुक्रवार को संक्रमण के केवल नौ मामले सामने आए हालांकि ये सभी संक्रमित लोग विदेश से आए हैं। अस्पतालों में कोविड-19 के 288 मरीजों का इलाज चल रहा है और 361 अन्य पृथक-वास में रखे गए हैं। पिछले साल वुहान में पहली बार वायरस का पता चलने के बाद से चीन में अब तक संक्रमण के 85,013 मामले सामने आए हैं और 4,634 लोगों की मौत हुई है।लगभग 25 प्रतिशत छात्र जो स्कूल नहीं जा पा रहे थे वह सोमवार से स्कूल जा सकेंगे। कॉलेज और यूनिवर्सिटी के छात्र भी अगले सप्ताह से कक्षाओं में शामिल हो सकेंगे।