Vikrant Shekhawat : May 10, 2022, 07:03 AM
देहरादून। उत्तराखंड में चारधाम यात्रा शुरू हुए अभी एक सप्ताह ही हुआ है और 15 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। इस पूरे घटनाक्रम ने अब स्वास्थ्य विभाग की तैयारियों की पोल खोल दी है। हालांकि अपना पूरा लाव लश्कर स्वास्थ्य विभाग ने चारधाम यात्रा में लगा रखा है लेकिन फिर भी लोगों की मौत होना एक बड़ा सवाल खड़ा करता है। अब इसके पीछे एक बड़ा कारण हेल्थ स्क्रिनिंग की अनिवार्यता न होना भी माना जा रहा है।
चारधाम यात्रा के लिए स्वास्थ्य विभाग अपनी तैयारी होने का भले ही लाख दावा करे लेकिन 3 मई से शुरू हुई यात्रा में अब तक 15 लोगों की मौत हॉर्ट अटैक और अन्य स्वास्थ्य कारणों के चलते हो चुकी है। वहीं 1 व्यक्ति की जान पैर फिसलने से गई। हेल्थ स्क्रिनिंग की अनिवार्यता न होना भी इसकी बड़ी वजह माना जा रहा है, जो कि हेल्थ डिपॉर्टमेन्ट मानता है कि रिकॉर्ड श्रद्धालुओं को देखते हुए संभव नहीं है। कॉर्डिलॉजिस्ट की कमी के मद्देनजर डिपॉर्टमेंट ने एम्स से 15 दिन की ट्रेनिंग डॉक्टर्स को करवाई थी।वहीं धामों में श्रद्धालुओं की संख्या सीमीत रखने के भी सरकार के ऑर्डर हैं। लेकिन इसको मैनेज करने में परिवहन विभाग मान रहा है कि दिक्कत आ रही है, ग्रीन कॉर्ड, ट्रिप कॉर्ड जारी हुए लेकिन निजी वाहन से लेकर हैली सेवा के जरिये लोग पहुंच रहे हैं जो मैनेज करने में दिक्कत आ रही है। अब यात्रा पर आए लोगों को दर्शन करने से रोका नहीं जा सकता है लेकिन रजिस्ट्रेशन के साथ साथ हेल्थ चेकअप को लेकर भी अगर गाइडलाइन्स जारी हो जाएं तो स्वास्थ्य कारणों से मौत का आंकड़ा कम जरूर हो सकता है।
चारधाम यात्रा के लिए स्वास्थ्य विभाग अपनी तैयारी होने का भले ही लाख दावा करे लेकिन 3 मई से शुरू हुई यात्रा में अब तक 15 लोगों की मौत हॉर्ट अटैक और अन्य स्वास्थ्य कारणों के चलते हो चुकी है। वहीं 1 व्यक्ति की जान पैर फिसलने से गई। हेल्थ स्क्रिनिंग की अनिवार्यता न होना भी इसकी बड़ी वजह माना जा रहा है, जो कि हेल्थ डिपॉर्टमेन्ट मानता है कि रिकॉर्ड श्रद्धालुओं को देखते हुए संभव नहीं है। कॉर्डिलॉजिस्ट की कमी के मद्देनजर डिपॉर्टमेंट ने एम्स से 15 दिन की ट्रेनिंग डॉक्टर्स को करवाई थी।वहीं धामों में श्रद्धालुओं की संख्या सीमीत रखने के भी सरकार के ऑर्डर हैं। लेकिन इसको मैनेज करने में परिवहन विभाग मान रहा है कि दिक्कत आ रही है, ग्रीन कॉर्ड, ट्रिप कॉर्ड जारी हुए लेकिन निजी वाहन से लेकर हैली सेवा के जरिये लोग पहुंच रहे हैं जो मैनेज करने में दिक्कत आ रही है। अब यात्रा पर आए लोगों को दर्शन करने से रोका नहीं जा सकता है लेकिन रजिस्ट्रेशन के साथ साथ हेल्थ चेकअप को लेकर भी अगर गाइडलाइन्स जारी हो जाएं तो स्वास्थ्य कारणों से मौत का आंकड़ा कम जरूर हो सकता है।