Vikrant Shekhawat : Dec 16, 2020, 06:37 PM
देश: मध्य प्रदेश के विदिशा के विजय मंदिर और भारत के नए संसद भवन की तस्वीर सोशल मीडिया में वायरल हो रही हैं. तस्वीर को देखकर कई यूजर्स भारत के नये संसद भवन को अमेरिका के पेंटागन की नकल बता रहे हैं. लेकिन इसका डिजाइन विदिशा के विजय मंदिर से मिलता जुलता दिखाई दे रहा है.
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत बनने वाले नए संसद भवन की आकृति विदिशा के बीजा मंडल यानी विजय मंदिर से हूबहू मिलती है. भव्य विजय मंदिर त्रिभुजाकार है जिसकी आकृति साफ देखी जा सकती है. मंदिर के ऊंचे बेस को देखकर इसका आकार और नई संसद भवन की आकृति एक जैसी दिखती है.
इस भव्य मंदिर को मुगल आक्रमण में तोड़ा गया था. इस मंदिर को परमार काल में परमार राजाओं ने बनवाया था. जिसे बाद में औरंगजेब ने ध्वस्त कर दिया था. अब यह मंदिर बीजा मंडल एएसआई के संरक्षण में है पिछले कुछ दिनों से यहां साफ-सफाई एवं जीर्णोद्धार के काम चल रहे हैं.
इतिहासकारों का क्या कहना हैं. :-इतिहासकारों का कहना है कि औरंगजेब ने इसे 1682 के लगभग तोपों से उड़वा दिया था. जिसके बाद मालवा का राज्य जब मराठों के पास आया. फिर से इसे खड़ा करने का प्रयास किया गया. इसकी ऊंचाई 100 मीटर के लगभग थी. इसका आधा मील में फैलाव बताया जाता है.
देश का वर्तमान संसद भवन का डिजाइन भी मुरैना के 64 योगिनी मंदिर से मिलता है. अब नए भवन का डिजाइन भी मध्य प्रदेश के विदिशा के विजय मंदिर से मिलता-जुलता है.
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत बनने वाले नए संसद भवन की आकृति विदिशा के बीजा मंडल यानी विजय मंदिर से हूबहू मिलती है. भव्य विजय मंदिर त्रिभुजाकार है जिसकी आकृति साफ देखी जा सकती है. मंदिर के ऊंचे बेस को देखकर इसका आकार और नई संसद भवन की आकृति एक जैसी दिखती है.
इस भव्य मंदिर को मुगल आक्रमण में तोड़ा गया था. इस मंदिर को परमार काल में परमार राजाओं ने बनवाया था. जिसे बाद में औरंगजेब ने ध्वस्त कर दिया था. अब यह मंदिर बीजा मंडल एएसआई के संरक्षण में है पिछले कुछ दिनों से यहां साफ-सफाई एवं जीर्णोद्धार के काम चल रहे हैं.
इतिहासकारों का क्या कहना हैं. :-इतिहासकारों का कहना है कि औरंगजेब ने इसे 1682 के लगभग तोपों से उड़वा दिया था. जिसके बाद मालवा का राज्य जब मराठों के पास आया. फिर से इसे खड़ा करने का प्रयास किया गया. इसकी ऊंचाई 100 मीटर के लगभग थी. इसका आधा मील में फैलाव बताया जाता है.
देश का वर्तमान संसद भवन का डिजाइन भी मुरैना के 64 योगिनी मंदिर से मिलता है. अब नए भवन का डिजाइन भी मध्य प्रदेश के विदिशा के विजय मंदिर से मिलता-जुलता है.