Vikrant Shekhawat : May 13, 2022, 08:23 PM
चेन्नई। तमिलनाडु (Tamilnadu) के उच्च शिक्षा मंत्री पोनमुडी ने शुक्रवार को विवादित बयान देते हुए कहा कि भाषा के रूप में हिंदी (Hindi ) की तुलना में अंग्रेजी अधिक मूल्यवान है। उन्होंने भाषा का मजाक बनाने की कोशिश करते हुए कहा कि हिंदी बोलने वाले तो पानीपुरी बेच रहे हैं। उन्होंने कहा कि हिंदी को अनिवार्य के स्थान पर वैकल्पिक होना चाहिए। उनके ऐसे बयान से नया विवाद शुरू हो गया है। वे भारथिअर विश्वविद्यालय कोयंबटूर में एक दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। समारोह में तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि के साथ मंच साझा करते हुए, उन्होंने सवाल किया कि हिंदी क्यों सीखनी चाहिए, जबकि अंग्रेजी एक अंतरराष्ट्रीय भाषा पहले से ही सिखाई जा रही है
उच्च शिक्षा मंत्री पोनमुडी ने तंज कसते हुए कहा कि हिंदी बोलने वाले तो कोयंबटूर में पानीपुरी बेच रहे हैं। पोनमुडी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के लाभकारी पहलुओं को लागू करने का वादा किया, लेकिन दावा किया कि राज्य सरकार केवल दो-भाषा प्रणाली को लागू करने के लिए दृढ़ है। उन्होंने कहा कि भारत में तमिलनाडु की शिक्षा प्रणाली सबसे अच्छी और एडवांस है। तमिल छात्र किसी भी भाषा को सीख सकते हैं। उन्होंने कहा कि हिंदी भाषी छोटे काम या सेवा चाकरी जैसी नौकरी कर रहे हैं, सड़क किनारे पानीपुरी बेच रहे हैं। अब अंग्रेजी अंतरराष्ट्रीय भाषा है, जो हिंदी से अधिक मूल्यवान है।
उच्च शिक्षा मंत्री पोनमुडी ने तंज कसते हुए कहा कि हिंदी बोलने वाले तो कोयंबटूर में पानीपुरी बेच रहे हैं। पोनमुडी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के लाभकारी पहलुओं को लागू करने का वादा किया, लेकिन दावा किया कि राज्य सरकार केवल दो-भाषा प्रणाली को लागू करने के लिए दृढ़ है। उन्होंने कहा कि भारत में तमिलनाडु की शिक्षा प्रणाली सबसे अच्छी और एडवांस है। तमिल छात्र किसी भी भाषा को सीख सकते हैं। उन्होंने कहा कि हिंदी भाषी छोटे काम या सेवा चाकरी जैसी नौकरी कर रहे हैं, सड़क किनारे पानीपुरी बेच रहे हैं। अब अंग्रेजी अंतरराष्ट्रीय भाषा है, जो हिंदी से अधिक मूल्यवान है।