इंडिया / स्वामी चिन्मयानंद की जेल में पहली रात, बैरक की छत तो कभी दीवारों को निहारते रहे

स्वामी चिन्मयानंद ने जेल में पहली रात करवटें बदलकर कर काटी। कभी वे बैरक की छत निहारते रहे तो कभी दीवारें। अगल-बगल लेटे अन्य बंदियों के खर्राटों ने स्वामी को काफी बेचैन किया। बैरक में पंखे तो चल रहे थे मगर उनकी हवा इतनी तेज नहीं थी कि मच्छरों को रोक सकें। जेल जाने के बाद शुक्रवार शाम को चिन्मयानंद की तबीयत बिगड़ने लगी। डाक्टर ने उनका मुआयना किया और दवा दी। सोने के लिए उन्हें जिस बैरक में भेजा गया उसमें 25 कैदी थे।

Live Hindustan : Sep 22, 2019, 07:48 AM
स्वामी चिन्मयानंद ने जेल में पहली रात करवटें बदलकर कर काटी। कभी वे बैरक की छत निहारते रहे तो कभी दीवारें। अगल-बगल लेटे अन्य बंदियों के खर्राटों ने स्वामी को काफी बेचैन किया। बैरक में पंखे तो चल रहे थे मगर उनकी हवा इतनी तेज नहीं थी कि मच्छरों को रोक सकें।

जेल जाने के बाद शुक्रवार शाम को चिन्मयानंद की तबीयत बिगड़ने लगी। डाक्टर ने उनका मुआयना किया और दवा दी। सोने के लिए उन्हें जिस बैरक में भेजा गया उसमें 25 कैदी थे। वे सभी स्वामी को जानते थे। उन्होंने चिन्मयानंद का ध्यान रखा।

किसी ने बिस्तर लगा दिया तो कोई उन्हें प्रणाम करने लगा। जिस स्वामी की दिनचर्या में मंदिर के घंटे-घडियालों का बड़ा महत्व था उन्हें शुक्रवार की रात भी घंटों की आवाज तो सुनाई दे रहे थी मगर, वे जेल में समय बताने के लिए बजने वाले घंटे थे। 

दो विधायक मिले

स्वामी से मुलाकात करने सुबह ददरौल विधायक मानवेंद्र सिंह पहुंचे। उन्होंने चिन्मयानंद का हालचाल जाना। मानवेंद्र सिंह एसएस कॉलेज कमेटी के पदाधिकारी भी हैं। उनके साथ तिलहर के विधायक रोशन लान वर्मा ने भी चिन्मयानंद का हालचाल जाना। जेल में स्वामी चिन्मयानंद के साथ सामान्य बंदियों की ही तरह व्यवहार किया जा रहा है।