Indian Population / घट गई भारत में हिंदुओं की संख्या, मुसलमानों की आबादी में इतना हुआ इजाफा

प्रधानमंत्री को सलाह देने वाली इकोनॉमिक एडवायजरी काउंसिल ने काफी अहम आंकड़ा जारी किया है। काउंसिल की ओर से जारी किए गए एक वर्किंग पेपर के मुताबिक, भारत में 1950 के बाद से हिंदुओं की आबादी में बड़ी गिरावट देखी गई है। वहीं, मुस्लिमों की आबादी का ग्राफ तेजी से बढ़ा है। बहुसंख्यकों की आबादी में गिरावट का ये ट्रेंड नेपाल और म्यांमार में भी देखा गया है। हालांकि, 38 इस्लामिक देशों में मु्स्लिमों की आबादी में बढ़ोतरी देखी गई

Vikrant Shekhawat : May 09, 2024, 12:30 PM
Indian Population: प्रधानमंत्री को सलाह देने वाली इकोनॉमिक एडवायजरी काउंसिल ने काफी अहम आंकड़ा जारी किया है। काउंसिल की ओर से जारी किए गए एक वर्किंग पेपर के मुताबिक, भारत में 1950 के बाद से हिंदुओं की आबादी में बड़ी गिरावट देखी गई है। वहीं, मुस्लिमों की आबादी का ग्राफ तेजी से बढ़ा है। बहुसंख्यकों की आबादी में गिरावट का ये ट्रेंड नेपाल और म्यांमार में भी देखा गया है। हालांकि, 38 इस्लामिक देशों में मु्स्लिमों की आबादी में बढ़ोतरी देखी गई है। आइए समझते हैं इन आकड़ों को आसान भाषा में। 

हिंदुओं की आबादी में कमी

इकोनॉमिक एडवायजरी काउंसिल की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में साल 1950 से 2015 के बीच हिंदुओं की आबादी 7.82 फीसदी कम हो गई है। वहीं, इसी दौरान मुस्लिमों की आबादी में 43.15 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। आसान भाषा में समझें तो 1950 में हिंदू 84.68 प्रतिशत थे। हालांकि, 2015 में हिंदुओं की हिस्सेदारी 78.06 फीसदी पर आ गई। इस दौरान हिंदुओं की आबादी में 7.82 प्रतिशत की कमी हुई। वहीं, 1950 में मुस्लिम भारत में 9.84 फीसदी थे। 2015 में बढ़ोतरी के साथ ये संख्या 14.09 फीसदी हो गई है। 1951-2015 के बीच मुस्लिमों की आबादी में 43.15 फीसदी का इजाफा देखा गया। 

भारत में फल-फूल रहे हैं अल्पसंख्यक

प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद की रिपोर्ट बताती है कि भारत में अल्पसंख्यक सुरक्षित हैं काफी अच्छी तरह फल-फूल रहे हैं। भारत में सिर्फ मुस्लिम ही नहीं बल्कि सिख और ईसाई धर्म की आबादी में भी बढ़ोतरी हुई है। रिपोर्ट के मुताबिक, देश में सिख आबादी में  6.58 प्रतिशत और ईसाई आबादी में  5.38 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। हालांकि, देश में पारसी और जैन धर्म के लोगों की आबादी घटी है। 

मुस्लिमों देशों में अलग है ट्रेंड

किसी मुस्लिम बहुल देश में आबादी में परिवर्तन का ये ट्रेंड थोड़ा अलग है। जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक,  38 मुस्लिम बहुल देशों में मुसलमानों की हिस्सेदारी बढ़ी है। पाकिस्तान में 1950 में मुस्लिम 77.45 फीसदी थे। अब पड़ोसी देश में मुस्लिम 80.36 प्रतिशत हो गए। इस दौरान बांग्लादेश में मुस्लिम 74.24 प्रतिशत से बढ़कर 88.02 प्रतिशत हो गए। अफगानिस्तान में मुस्लिम आबादी 88.75 प्रतिशत से बढ़कर 89.01 प्रतिशत हो गई। मालदीव में मुस्लिम 99.83 प्रतिशत से घटकर 98.36 प्रतिशत हैं जो कि मामूली गिरावट है। 

भारत के इन पड़ोसियों का हाल भी जानें

इस रिपोर्ट में म्यांमार में बौद्धों की आबादी 78.53 प्रतिशत से घटकर 70.80 प्रतिशत, श्रीलंका में बौद्धों की आबादी 64.28 प्रतिशत से बढ़कर 67.65 प्रतिशत और भूटान में बौद्धों की आबादी 71.44 प्रतिशत से बढ़कर 84.07 प्रतिशत हो गई है। हालांकि, दूसरी ओर नेपाल में देखें तो हिंदुओं की आबादी 84.30 प्रतिशत से घटकर 81.26 प्रतिशत हो गई है। 

क्या कहती है स्टडी?

स्टडी के मुताबिक, 1950 में हिंदुओं की आबादी 84.68% थी जो 2015 में घटकर 78.06% हो गई. म्यांमार के बाद भारत में ही सबसे ज्यादा हिंदू आबादी कम हुई है. म्यांमार में भी हिंदुओं की आबादी 10% तक घटी है. यह 167 देशों में किए गए सर्वे में सबसे ज्यादा है. भारतीय उपमहाद्वीप में मालदीव को छोड़कर सभी मुस्लिम बहुसंख्यक देशों में उनकी हिस्सेदारी बढ़ी है.

1971 में अस्तित्व में आए बांग्लादेश में मुसलमानों की आबादी में 18 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. बहुसंख्यक धार्मिक समूह की हिस्सेदारी में इस तरह की सबसे बड़ी वृद्धि हुई है. पाकिस्तान में मुसलमानों की संख्या में 10 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई है.

नेपाल में तीन प्रमुख धर्मों में से बहुसंख्यक हिंदू आबादी की हिस्सेदारी में 4 प्रतिशत की गिरावट आई. बौद्ध आबादी की हिस्सेदारी में 3 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि मुस्लिम आबादी में 2 प्रतिशत की वृद्धि हुई.