देश / भारत में जनसंख्या विस्फोट पर लगेगा लगाम? प्रजनन दर में आई कमी

देश में प्रजनन दर में गिरावट दर्ज की गई है। यह 2.2 से घटकर दो रह गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राष्ट्रीय परिवार कल्याण सर्वेक्षण-5 (एनएचएफएस-5) के दूसरे चरण के आंकड़े जारी किए हैं। इसमें यह निष्कर्ष निकला है। यह सर्वेक्षण यूपी, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, राजस्थान और झारखंड समेत 14 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में किया गया। पहले चरण में 22 राज्यों के आंकड़े पिछले साल दिसंबर में जारी हुए थे।

Vikrant Shekhawat : Nov 24, 2021, 09:25 PM
New Delhi : देश में प्रजनन दर में गिरावट दर्ज की गई है। यह 2.2 से घटकर दो रह गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राष्ट्रीय परिवार कल्याण सर्वेक्षण-5 (एनएचएफएस-5) के दूसरे चरण के आंकड़े जारी किए हैं। इसमें यह निष्कर्ष निकला है। यह सर्वेक्षण यूपी, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, राजस्थान और झारखंड समेत 14 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में किया गया। पहले चरण में 22 राज्यों के आंकड़े पिछले साल दिसंबर में जारी हुए थे। एनएचएफएस-5 सर्वे 2019 से 2021 के बीच किया गया है।

वर्ष 2015-16 में हुए एनएचएफएस-4 सर्वे में देश की कुल प्रजनन दर (प्रति महिला बच्चों की औसत संख्या) 2.2 दर्ज की गई थी। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण और नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पाल ने एक कार्यक्रम में बुधवार को यह सर्वे जारी किया। इसके अनुसार राष्ट्रीय स्तर पर कुल प्रजनन दर 2 दर्ज की गई है। चंडीगढ़ में प्रजनन दर सबसे कम 1.4 तथा यूपी में सबसे ज्यादा 2.4 दर्ज की गई।

रिपोर्ट के अनुसार, मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड और यूपी को छोड़कर करीब-करीब सभी राज्य प्रजनन दर को 2.1 या इससे नीचे लाने का लक्ष्य हासिल कर चुके हैं। रिपोर्ट के अनुसार, गर्भनिरोधकों के इस्तेमाल की दर राष्ट्रीय स्तर पर 54 से बढ़कर 67 फीसदी पहुंच गई है। लेकिन पंजाब में यह दर अभी भी कम है। साथ ही गर्भनिरोध के आधुनिक तरीकों के भी इस्तेमाल में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है।

टीकाकरण भी बढ़ा

रिपोर्ट के अनुसार 12 से 23 महीने के बच्चों के टीकाकरण में बढ़ोतरी हुई है जो 62 से बढ़कर 76 फीसदी तक पहुंच गया है। सर्वे में शामिल 14 राज्यों में से 11 में इस उम्र के तीन चौथाई से अधिक बच्चों का टीकाकरण हुआ है। सबसे ज्यादा 90 फीसदी टीकाकरण ओडिशा में दर्ज किया गया है।

जांच कराने वाली गर्भवती महिलाओं में वृद्धि

इसी प्रकार प्रसव पूर्व चार या इससे अधिक जांच कराने वाली गर्भवती महिलाओं का प्रतिशत भी 51 से बढ़कर 58 फीसदी दर्ज किया गया है। पंजाब को छोड़कर करीब-करीब सभी राज्यों में इसमें प्रगति हुई है। इसी प्रकार सांस्थानिक प्रसव 79 से बढ़कर 89 फीसदी दर्ज किए गए हैं। तमिलनाडु एवं पुडुचेरी में सौ फीसदी सांस्थनिक प्रसव दर्ज किए गए हैं। जबकि सात राज्यों में यह 90 फीसदी से अधिक रहे। हालांकि चिंताजनक बात यह है कि निजी क्षेत्र में होने वाले सांस्थानिक प्रसव में शल्य क्रिया से प्रसव के मामले भी बढ़े हैं।

बच्चों के पोषण में थोड़ी प्रगति

बच्चों के पोषण में थोड़ी प्रगति हुई है। छोटे कद के बच्चों का प्रतिशत 38 से घटकर 36 दर्ज किया गया है। जबकि निर्बल (कद के अनुपात से कम वजन) बच्चों की संख्या 21 से घटकर 19 फीसदी रही। कम वजन वाले बच्चों की संख्या 36 से कम होकर 32 फीसदी पाई गई।

79 फीसदी महिलाओं के पास बैंक अकाउंट

रिपोर्ट के अनुसार, बैंक खाते का संचालन करने वाली महिलाओं का प्रतिशत 53 से बढ़कर 79 हो गया है।