Vikrant Shekhawat : May 23, 2021, 04:53 PM
पानीपत। पानीपत के गांव आसन कला में उस वक्त दर्दनाक हादसा हो गया जब एक मालगाड़ी की चपेट में आने से 17 गायों की मौत हो गई। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक करीब 20 से 22 गाय रेलवे ट्रैक की साइड से जा रही थीं। उसी समय वहां मालगाड़ी निकल रही थी। मालगाड़ी के ड्राइवर ने चेतावनी देने के लिए हॉर्न बजाया, लेकिन हॉर्न बजने की आवाज से डरकर गाय रेलवे ट्रैक पर चढ़ गई। इसके साथ ही मालगाड़ी की चपेट में आने से 17 गायों की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि एक गाय और एक बैल की जान बच गई, जिन्हें पास लगती गौशाला में छोड़ दिया गया। वही मृतक गायों को ग्रामीणों ने अपने स्तर पर एनिमल विभाग की मदद से उन्हें दफनाया दिया है।
इस दुर्घटना को लेकर लोगों मेें नाराजगी है। गौ सेवक आजाद सिंह आर्य ने इसे मालगाड़ी के ड्राइवर की लापरवाही बताया। उन्होंने कहा कि ड्राइवर को साफ तौर पर दिख गया था कि रेलवे ट्रैक पर गाए हैं ।अगर वो चाहता तो ब्रेक मार सकता था और गायों की जान बचाई जा सकती थी। उन्होंने कहा इससे पहले भी दर्जनों गायों की ट्रेन की चपेट में आने से मौत हो गई थी। इसको लेकर वह कई बार रेलवे प्रशासन से रेलवे ट्रैक के दोनों साइड रेलिंग लगवाने की गुहार लगा चुके हैं, लेकिन रेलवे प्रशासन ने कोई सुनवाई नहीं की।वहीं, प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि हादसा इतना दर्दनाक था कि करीब 5 से 6 गाय रेलगाड़ी के अगले हिस्से में फंस गईं। उन गायों को बड़ी मशक्कत के बाद बाहर निकाला गया। बहरहाल मृतक गायों को ग्रामीणों ने दफना दिया है। इस दर्दनाक हादसे को लेकर रेलवे प्रशासन द्वारा भी सुरक्षा की दृष्टि से कुछ कठोर कदम जरूर उठाए जाने चाहिए। इतनी बड़ी संख्या में गायों की मौत पर ग्रामीणों ने दुख प्रकट किया है
इस दुर्घटना को लेकर लोगों मेें नाराजगी है। गौ सेवक आजाद सिंह आर्य ने इसे मालगाड़ी के ड्राइवर की लापरवाही बताया। उन्होंने कहा कि ड्राइवर को साफ तौर पर दिख गया था कि रेलवे ट्रैक पर गाए हैं ।अगर वो चाहता तो ब्रेक मार सकता था और गायों की जान बचाई जा सकती थी। उन्होंने कहा इससे पहले भी दर्जनों गायों की ट्रेन की चपेट में आने से मौत हो गई थी। इसको लेकर वह कई बार रेलवे प्रशासन से रेलवे ट्रैक के दोनों साइड रेलिंग लगवाने की गुहार लगा चुके हैं, लेकिन रेलवे प्रशासन ने कोई सुनवाई नहीं की।वहीं, प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि हादसा इतना दर्दनाक था कि करीब 5 से 6 गाय रेलगाड़ी के अगले हिस्से में फंस गईं। उन गायों को बड़ी मशक्कत के बाद बाहर निकाला गया। बहरहाल मृतक गायों को ग्रामीणों ने दफना दिया है। इस दर्दनाक हादसे को लेकर रेलवे प्रशासन द्वारा भी सुरक्षा की दृष्टि से कुछ कठोर कदम जरूर उठाए जाने चाहिए। इतनी बड़ी संख्या में गायों की मौत पर ग्रामीणों ने दुख प्रकट किया है