दुनिया / महिला ने बॉस से मांगी 1 घंटे की छुट्टी, कंपनी ने किया इनकार, अब भरना होगा 2 करोड़ का मुआवज़ा

महिलाओं के लिए बच्चों की ज़िम्मेदारी के साथ नौकरी (Working Mother) करना आसान नहीं होता. हालांकि इस तर्क को ज्यादातर कंपनियां तवज्ज़ो नहीं देतीं. कुछ ऐसा ही हुआ एक ब्रिटिश कंपनी के साथ. इस कंपनी अपनी एक महिला कर्मचारी को दिन में 1 घंटे की छुट्टी देने से इनकार कर दिया, जिसके बदले उन्हें महिला को उसके सालाना पैकेज से भी ज्यादा का मुआवज़ा चुकाना पड़ा

Vikrant Shekhawat : Oct 07, 2021, 07:40 PM
महिलाओं के लिए बच्चों की ज़िम्मेदारी के साथ नौकरी (Working Mother) करना आसान नहीं होता. हालांकि इस तर्क को ज्यादातर कंपनियां तवज्ज़ो नहीं देतीं. कुछ ऐसा ही हुआ एक ब्रिटिश कंपनी के साथ. इस कंपनी अपनी एक महिला कर्मचारी को दिन में 1 घंटे की छुट्टी देने से इनकार कर दिया, जिसके बदले उन्हें महिला को उसके सालाना पैकेज से भी ज्यादा का मुआवज़ा चुकाना पड़ा.

Daily Mail की रिपोर्ट के मुताबिक लंदन स्थित एक रियेल एस्टेट कंपनी में ऐलिस थॉम्पसन (Alice Thompson) सेल्स मैनेजर (Sales Manager)थीं. उनकी एक छोटी बच्ची है. ऐसे में उन्होंने अपनी कंपनी से सप्ताह में 4 दिन शाम 6 बजे के बजाय 5 बजे तक काम करने की इज़ाजत मांगी थी. कंपनी ने उनकी इस बात को खारिज कर दिया था.

Thompson की बात Boss ने की खारिज

ऐलिस थॉम्पसन (Alice Thompson) ने अपने बॉस को अपनी परेशानी बताते हुए कहा था कि उनकी छोटी बच्ची है, जिसे वे चाइल्डकेयर में छोड़ कर आती हैं. वो चाइल्डकेयर चूंकि शाम 5 बजे बंद हो जाता है, ऐसे में उन्हें हफ्ते में 4 दिन एक घंटे पहले छुट्टी दे दी जाए. थॉम्पसन की दलील को खारिज़ करते हुए बॉस ने साफ कहा कि एक घंटे पहले काम खत्म करने को पार्ट टाइम जॉब माना जाएगा और उन्हें इस तरह की छुट्टी नहीं दी जाएगी. ब्रिटिश कंपनी Manors Estate के इनकार के बाद ऐलिस थॉम्पसन को अपनी नौकरी छोड़ देनी पड़ी.

1.2 करोड़ था पैकेज, मिला 1.8 करोड़ का मुआवज़ा

ऐलिस थॉम्पसन (Alice Thompson) ने एम्प्लॉयमेंट ट्रिब्यूनल (Employment Tribunal) में ये शिकायत की और थॉम्पसन ने कंपनी पर लैंगिक भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि वह नहीं चाहतीं कि जो कुछ उन्हें सहना पड़ा है वो उनकी बेटी को भी आगे चलकर सहना पड़े. Tribunal ने एलिस थॉम्पसन की दलीलें मानते हुए Manors Estate Company के रवैये को गैर ज़िम्मेदार माना और मुआवज़े के तौर पर 181,000 पाउंड यानि करीब 2 करोड़ रुपये देने का आदेश दिया. ट्रिब्यूनल ने अपने फैसले में साफ कहा – ‘नर्सरी आमतौर पर 5 बजे बंद हो जाती है, ऐसे में एक मां को 6 बजे तक काम करने के लिए मजबूत करना पूरी तरह से गलत है.’