Adani Group / अमेरिका में कोई रिश्वत का आरोप नहीं… अडानी ग्रुप का आया बड़ा बयान

अडानी ग्रीन एनर्जी ने अमेरिकी रिश्वतखोरी मामले में आरोपों को खारिज किया। कंपनी ने कहा कि गौतम अडानी और अन्य अधिकारियों पर अमेरिकी फेडरल करप्शन प्रैक्टिस एक्ट का उल्लंघन नहीं हुआ। सीनियर लॉयर मुकुल रोहतगी ने भी अडानी का पक्ष रखा, आरोपपत्र में स्पष्ट आरोपों की कमी बताई।

Vikrant Shekhawat : Nov 27, 2024, 11:00 AM
Adani Group: हाल ही में अमेरिकी रिश्वतखोरी के मामले में अडानी ग्रुप और उनके प्रमुख गौतम अडानी को लेकर कई तरह की खबरें सामने आई हैं। इन खबरों को लेकर अडानी ग्रीन एनर्जी ने अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा है कि इन आरोपों की कोई सच्चाई नहीं है। कंपनी ने बुधवार को शेयर बाजार में फाइलिंग के माध्यम से इस मामले में अपनी तरफ से सफाई दी। उन्होंने बताया कि उनके खिलाफ अमेरिकी फेडरल करप्शन प्रैक्टिस एक्ट के तहत किसी भी प्रकार के आरोप नहीं हैं।

अडानी ग्रीन की ओर से सफाई

अडानी ग्रीन एनर्जी ने अपनी फाइलिंग में जानकारी दी कि गौतम अडानी, सागर अडानी और विनीत जैन पर अमेरिकी न्याय विभाग की ओर से किए गए प्रोसिक्यूशन या यूएस सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) की शिकायत में किसी प्रकार के रिश्वतखोरी या भ्रष्टाचार के आरोप नहीं हैं। कंपनी ने कहा कि अमेरिका के न्याय विभाग ने केवल Azure और CDPQ नामक अधिकारियों पर रिश्वतखोरी का आरोप लगाया है।

अदालत में क्या कहा गया?

न्यूयॉर्क की फेडरल कोर्ट में सुनवाई के दौरान यह आरोप लगाया गया कि अडानी ग्रुप की कंपनी ने अमेरिकी निवेशकों को धोखा देने और सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट्स के लिए भारत के सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने का प्रयास किया। बताया गया कि 2020 से 2024 के बीच करीब 265 मिलियन डॉलर की रिश्वत दी गई। इस रिश्वत के लिए अमेरिकी कंपनी Azure Power Global को जानकारी नहीं दी गई थी। इन आरोपों के अनुसार, यह कॉन्ट्रैक्ट 20 सालों में लगभग 17 हजार करोड़ रुपये के मुनाफे की संभावना रखता था, जिससे कथित तौर पर अडानी ग्रुप ने झूठे दावे किए और लोन लिए।

मुकुल रोहतगी का बयान

इस मामले में देश के पूर्व अटॉर्नी जनरल और वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी भी सामने आए। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्पष्ट किया कि वे अडानी ग्रुप के प्रवक्ता के रूप में नहीं, बल्कि एक स्वतंत्र कानूनी विशेषज्ञ के रूप में इस मामले पर टिप्पणी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रोसिक्यूशन में कुल 5 आरोप शामिल हैं, जिनमें से सबसे अहम धारा 1 और 5 हैं। इन धाराओं में गौतम अडानी और सागर अडानी पर कोई आरोप नहीं लगाए गए हैं। रोहतगी ने बताया कि धारा-5 में जिन व्यक्तियों का नाम लिया गया है, वे अडानी ग्रुप से संबंधित नहीं हैं।

रोहतगी ने आरोपपत्र की प्रकृति पर भी प्रकाश डाला और बताया कि इसमें यह स्पष्ट करना होता है कि आरोपित व्यक्ति ने क्या किया है। उन्होंने कहा कि आरोपपत्र में यह नहीं बताया गया कि रिश्वत कैसे दी गई या किस अधिकारी को रिश्वत दी गई। इसके अलावा, आरोपित कंपनियों की जानकारी भी दी गई है, जिससे यह साबित करना अडानी ग्रुप के लिए आवश्यक है कि वे इन घटनाओं से जुड़े नहीं हैं।

निष्कर्ष

अडानी ग्रीन एनर्जी और उनके प्रमुख गौतम अडानी ने अमेरिकी मामले में आरोपों का विरोध करते हुए अपने पक्ष को स्पष्ट किया है। यह मामला कई अंतर्राष्ट्रीय कानूनी प्रक्रियाओं और वित्तीय विवादों की जटिलताओं को उजागर करता है, लेकिन अडानी ग्रुप की ओर से आई सफाई और मुकुल रोहतगी का बयान इस बात की पुष्टि करते हैं कि आरोपों की गंभीरता पर सवाल उठाए जा रहे हैं।

अदालती सुनवाई और कानूनी प्रक्रिया की पूरी जानकारी आने वाले दिनों में इस मामले की गंभीरता को समझने में सहायक होगी। लेकिन फिलहाल, अडानी ग्रुप का कहना है कि ये आरोप पूरी तरह से निराधार हैं।