Vikrant Shekhawat : Jun 15, 2021, 06:50 AM
नई दिल्ली: अगर आप सोना खरीदने जा रहे हैं तो यह आपके लिए जरूरी खबर है। आज से यानी 15 जून से गोल्ड हॉलमार्किंग (GOLD Hallmarking) को अनिवार्य कर दिया गया है। ऐसे में अगर आप खरीदारी करने जा रहे हैं तो उससे पहले नियमों को जान लेना जरूरी है। केंद्र सरकार ने सोने की ज्वैलरी पर बीआईएस हॉलमार्किंग अनिवार्य कर दिया है। 15 जून से सभी ज्वैलर्स के लिए यह अनिवार्य है कि वह सिर्फ बीआईएस प्रमाणित गहने बेचें।
गोल्ड हॉलमार्किंग को लेकर केंद्र सरकार पिछले डेढ़ साल से प्लान कर रही है और इस आदेश को आज से पूरे देश में लागू किया जा रहा है। वैसे यह आदेश पहले ही लागू हो सकता था, लेकिन देश में फैली महामारी के चलते इसको लागू नहीं किया जा सका। आइए आपको इस नियम के बारे में डिटेल में बताते हैं कि यह क्या नियम है और इसका आम जनता पर किस तरह से असर पड़ेगा।गोल्ड हॉलमार्किंग क्या है?
आपको बता दें केंद्र सरकार ने कहा कि गोल्ड हॉलमार्किंग के तहत देश के सभी सोना व्यापारी सोने के गहने या कलाकृति बेचने के लिए बीआईएस स्टैंडर्ड के मानकों को पूरा करें जो भी व्यापारी इन मानकों को पूरा नहीं करेगा उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।हो सकती है जेलअगर कोई भी सरकार की ओर से जारी किए गए नियमों का पालन नहीं करता है तो उस पर बीआईएस एक्ट, 2016 के सेक्शन 29 के तहत एक साल तक की जेल या 1 लाख रुपये से अधिक का जुर्माना भरना पड़ सकता है।कितने कैरेट गोल्ड की होगी हॉलमार्किंग?आपको बता दें 14 कैरेट, 18 कैरेट और 22 कैरेट शुद्धता वाले सोने की हॉलमार्किंग की जाएगी।घर में पड़े सोने का क्या होगा?बता दें सबसे जरूरी बात यह है कि आपके घर में रखे सोने का क्या होगा। अगर आपके दिमाग में भी यह सावल आ रहा है तो जान लें कि हॉलमार्किंग का यह नियम सोने के गहने बेचने वाले ज्वेलर्स के लिए लागू किया जाएगा। ग्राहक अपनी ज्वेलरी बिना हॉलमार्क के ही बेच सकते हैं।क्या होगा इस नियम का फायदा?
सरकार के इस कदम से सोने की शुद्धता का प्रमाण आसानी से दिया जा सकेगा। इसका प्रमाण होने से हैण्डक्राफ्ट गोल्ड मार्केट को भी बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ ही ज्वेलरी इंडस्ट्री का भी विस्तार होगा। वर्तमान में देशभर के 234 ज़िलों में 892 हॉलमार्किंग केंद्र संचालित हैं जो 28,849 बीआईएस रजिस्टर्ड ज्वेलर्स के लिए हॉलमर्किंग करते हैं। हालांकि, अब इस संख्या में और इजाफा होने की उम्मीद है।
गोल्ड हॉलमार्किंग को लेकर केंद्र सरकार पिछले डेढ़ साल से प्लान कर रही है और इस आदेश को आज से पूरे देश में लागू किया जा रहा है। वैसे यह आदेश पहले ही लागू हो सकता था, लेकिन देश में फैली महामारी के चलते इसको लागू नहीं किया जा सका। आइए आपको इस नियम के बारे में डिटेल में बताते हैं कि यह क्या नियम है और इसका आम जनता पर किस तरह से असर पड़ेगा।गोल्ड हॉलमार्किंग क्या है?
आपको बता दें केंद्र सरकार ने कहा कि गोल्ड हॉलमार्किंग के तहत देश के सभी सोना व्यापारी सोने के गहने या कलाकृति बेचने के लिए बीआईएस स्टैंडर्ड के मानकों को पूरा करें जो भी व्यापारी इन मानकों को पूरा नहीं करेगा उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।हो सकती है जेलअगर कोई भी सरकार की ओर से जारी किए गए नियमों का पालन नहीं करता है तो उस पर बीआईएस एक्ट, 2016 के सेक्शन 29 के तहत एक साल तक की जेल या 1 लाख रुपये से अधिक का जुर्माना भरना पड़ सकता है।कितने कैरेट गोल्ड की होगी हॉलमार्किंग?आपको बता दें 14 कैरेट, 18 कैरेट और 22 कैरेट शुद्धता वाले सोने की हॉलमार्किंग की जाएगी।घर में पड़े सोने का क्या होगा?बता दें सबसे जरूरी बात यह है कि आपके घर में रखे सोने का क्या होगा। अगर आपके दिमाग में भी यह सावल आ रहा है तो जान लें कि हॉलमार्किंग का यह नियम सोने के गहने बेचने वाले ज्वेलर्स के लिए लागू किया जाएगा। ग्राहक अपनी ज्वेलरी बिना हॉलमार्क के ही बेच सकते हैं।क्या होगा इस नियम का फायदा?
सरकार के इस कदम से सोने की शुद्धता का प्रमाण आसानी से दिया जा सकेगा। इसका प्रमाण होने से हैण्डक्राफ्ट गोल्ड मार्केट को भी बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ ही ज्वेलरी इंडस्ट्री का भी विस्तार होगा। वर्तमान में देशभर के 234 ज़िलों में 892 हॉलमार्किंग केंद्र संचालित हैं जो 28,849 बीआईएस रजिस्टर्ड ज्वेलर्स के लिए हॉलमर्किंग करते हैं। हालांकि, अब इस संख्या में और इजाफा होने की उम्मीद है।