Fastest Internet / चीन ने ऐसे लॉन्च किया दुनिया का सबसे तेज इंटरनेट- पीछे छूटा अमेरिका

अमेरिका को पीछे छोड़ते हुए चीन ने दुनिया का सबसे तेज इंटरनेट लॉन्च कर दिया है. यह इतना तेज काम करता है कि एक सेकंड में 150 HD फिल्मों को ट्रांसफर किया जा सकता है. चीन में 1.2 टेराबाइट प्रति सेकंड की स्पीड मिल रही है. इस उपलब्धि के बाद यहां मिनटों में होने वाली डाउनलोडिंग को सेकंडभर में किया जा सकेगा. चर्चा थी कि 2025 से पहले दुनिया में सबसे तेज इंटरनेट तैयार नहीं होना मुश्किल है लेकिन चीन ने समय से पहले ही इसे लॉन्च

Vikrant Shekhawat : Nov 16, 2023, 07:43 PM
Fastest Internet: अमेरिका को पीछे छोड़ते हुए चीन ने दुनिया का सबसे तेज इंटरनेट लॉन्च कर दिया है. यह इतना तेज काम करता है कि एक सेकंड में 150 HD फिल्मों को ट्रांसफर किया जा सकता है. चीन में 1.2 टेराबाइट प्रति सेकंड की स्पीड मिल रही है. इस उपलब्धि के बाद यहां मिनटों में होने वाली डाउनलोडिंग को सेकंडभर में किया जा सकेगा. चर्चा थी कि 2025 से पहले दुनिया में सबसे तेज इंटरनेट तैयार नहीं होना मुश्किल है लेकिन चीन ने समय से पहले ही इसे लॉन्च करके दुनिया को चौंका दिया है.

चीन के इस दुनिया के सबसे तेज इंटरनेट को शिंगुआ यूनिवर्सिटी, चाइना मोबाइल, हुवावो टेक्नोलॉजी और Cernet कॉर्पोरेशन ने मिलकर बनाया है. ऐसे में सवाल है जो काम अमेरिका और रूस जैसे देश नहीं कर पाए वो चीन ने कैसे कर दिखाया.

जो दुनिया नहीं कर पाई वो चीन ने कैसे कर दिखाया?

सबसे फास्ट इंटरनेट को लॉन्च करने के पीछे चीन की 10 सालों की मेहनत है. चीन ने भविष्य में तकनीक और मजबूत बनाने के लिए प्रोजेक्ट की शुरुआत की शुरुआत की थी. नई उपलब्धि चीन के लिए फ्यूचर इंटरनेट टेक्नोलॉजी इंफ्रास्ट्रक्चर का अहम हिस्सा है. यह चीन एजुकेशन एंड रिसर्च नेटवर्क का नया रूप है. यह चीन का सबसे बड़ा एजुकेशनल और रिसर्च कम्प्युटर नेटवर्क है. यह नेटवर्क चीन के 3 हजार किलोमीटर लम्बे ऑप्टिकल फाइबर के जरिए फैला हुआ है.

इस नेटवर्क को चीन का बैकबोन नेटवर्क भी कहते हैं क्योंकि यह तीन हिस्सों को कवर करके कनेक्टिविटी को मजबूत बनाता है. इसमें नॉर्थ का बीजिंग, सेंट्रल का वुहान और साउथ का गुआंगझो शामिल है. इन तीनों ही जगहों पर 1 सेकंड में 1.2 Tb की स्पीड से डाटा को ट्रांसफर किया जा सकता है.

चीन ने ऐसा कैसे कर दिखाया, अब इसे समझ लेते हैं. चीन ने तकनीक में सफलता हासिल करने के लिए कई सालों पहले ही योजना बनानी शुरू कर दी थी. यहां इंटरनेट टेक्नोलॉजी से जुड़े कम्पोनेंट बनाने के लिए धीरे-धीरे अमेरिका और जापान पर निर्भरता घटानी शुरू कर दी थी. उसने स्वदेशी कम्पोनेंट बनाने शुरू किए.

यही नहीं, इंटरनेट को तेज बनाने के लिए जो भी सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर का इस्तेमाल किया गया है, उसे चीन ने अपने यहां ही बना रहा है. इसमें राउटर, स्विचेस से लेकर ऑप्टिकल फाइबर कनेक्शन तक शामिल हैं.

अब आगे क्या?

चीन यहीं नहीं रूका है, अब यहां इससे भी ज्यादा स्पीड को बढ़ाने की तैयारी है. इस प्रोजेक्ट से जुड़ी टीम यहां मल्टीपल ऑप्टिकल पाथ को एक साथ जोड़कर डाटा ट्रांसमिशन की स्पीड को और भी बढ़ाने की फिराक में हैं.

तकनीक से जुड़ी चीजों के मामले में चीन अब निर्भरता पूरी तरह से खत्म करना चाहता है. हालिया, सबसे तेज इंटरनेट इसका उदाहरण है. चीन अब सिर्फ तकनीक के क्षेत्र में ही नहीं, अंतरिक्ष में भी अपनी धाक बढ़ाने की तैयारी में है. ड्रैगन अपने स्पेस स्टेशन का आकार दोगुना करना चाहता है. इसके लिए कई वैज्ञानिकों ने काम करना शुरू कर दिया है. इसके अलावा यहां कई मिशन लॉन्च करने की तैयारी है.