देश / वाह रे गर्मी..इस साल सिर्फ छह महीने में बिक गए 60 लाख एसी, बना रिकॉर्ड

ग्लोबल वार्मिंग और दुनियाभर में बढ़ते तापमान की चर्चाओं के बीच देश में एक और चौंकाने वाला आंकड़ा सामने आया है। देश में इन दिनों वैसे तो भीषण गर्मी पड़ रही है लेकिन इस गर्मी से निजात पाने के लिए सिर्फ छह महीने में ही घरेलू बाजार में एसी की बिक्री 60 लाख इकाई के रिकॉर्ड पर पहुंच गई है। यह तब हुआ जबकि बीते छह महीने में एसी के दाम दो से तीन बार बढ़े हैं।

Vikrant Shekhawat : Jul 18, 2022, 10:39 AM
New Delhi : ग्लोबल वार्मिंग और दुनियाभर में बढ़ते तापमान की चर्चाओं के बीच देश में एक और चौंकाने वाला आंकड़ा सामने आया है। देश में इन दिनों वैसे तो भीषण गर्मी पड़ रही है लेकिन इस गर्मी से निजात पाने के लिए सिर्फ छह महीने में ही घरेलू बाजार में एसी की बिक्री 60 लाख इकाई के रिकॉर्ड पर पहुंच गई है। यह तब हुआ जबकि बीते छह महीने में एसी के दाम दो से तीन बार बढ़े हैं। 

दरअसल, पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक मौजूदा साल की पहली छमाही में ही घरेलू बाजार में एसी की बिक्री 60 लाख इकाई के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। लगभग 10 से 15 फीसदी तक महंगे होने के बावजूद एसी की बिक्री पर कोई असर नहीं पड़ा है, बल्कि यह बिक्री रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। बताया गया है कि वोल्टास ने करीब 12 लाख आवासीय एसी बेचे, एलजी इलेक्ट्रॉनिक इंडिया ने पहली छमाही में घरेलू बाजार में दस लाख से अधिक इन्वर्टर एसी बेचे।

वहीं हिताची, डायकिन, पैनासोनिक और हायर जैसे अन्य एसी विनिर्माताओं ने भी बिक्री में वृद्धि दर्ज की और साल की दूसरी छमाही में भी बिक्री अच्छी रहने का अनुमान जताया है। उधर कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स एंड अप्लायंसेज मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष एरिक ब्रेगेंजा ने भी बताया कि इस साल की पहली छमाही एसी उद्योग के लिए काफी अच्छी रही है। पहले कभी बिक्री आंकड़े इतने अधिक नहीं रहे।

इससे पहले 2019 में जब कोरोना का असर नहीं था तब पहली छमाही में एसी की 42.5 से 45 लाख इकाई की बिक्री हुई थी। लेकिन इस बार यह आंकड़ा पीछे छूट चुका है। रिपोर्ट के मुताबिक डायकिन इंडिया के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक ने बताया कि अप्रैल-जून तिमाही में कंपनी ने करीब चार लाख इकाइयां बेचीं और 2022 की पहली छमाही में करीब सात लाख इकाइयों की बिक्री की।

रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र है कि 2019 की तुलना में करीब 30 फीसदी वृद्धि और पिछले वर्ष के मुकाबले 175 प्रतिशत की वृद्धि हासिल हुई है। फिलहाल यह तो आंकड़े रहे, इसके उलट इन एसी के प्रभावों के बारे में अभी चर्चा होनी बाकी है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक इनके प्रभावों को नजरअंदाज करना आने वाले समय में काफी भयावह साबित हो सकता है।