AajTak : Sep 16, 2020, 08:13 AM
UP: कोरोनाकाल में जहां एक ओर युवा अपने भविष्य और हाथ से फिसलती नौकरी को बचाने के लिए परेशान है तो वहीं उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले के तीन पढ़े-लिखे युवा कोरोना काल में नौकरी छोड़कर चर्चा में हैं। ये तीनों नए जमाने की कृषि के जरिए पीएम मोदी के आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करने में जुटे हैं।दरअसल, वाराणसी के चिरईगांव ब्लॉक के चौबेपुर क्षेत्र का गांव नारायनपुर इन दिनों तीन दोस्तों की वजह से खासा चर्चा में हैं, क्योंकि ये तीनों यहां के ग्रामीणों को नए युग की कृषि सिखा रहे हैं। गांव के ही अपने मकान के बाहर खुद से बनाए गए छोटे तालाबों में युवा पढ़े-लिखे किसान श्वेतांक, रोहित और अमित सीप की खेती कर रहे हैं। इसके अलावा तीनों ही मधुमक्खी पालन और बकरी पालन भी कर रहे हैं।युवा किसानों में से एक सीप की खेती की बागडोर संभालने वाले श्वेतांक ने बताया कि ये दूसरी खेती की तरह है, लेकिन पारंपरिक खेती से थोड़ी अलग मोती की खेती है। एक कृषि उद्यम के जरिए और उनकी मदद से ये मोती की खेती कर रहे हैं। एमए- बीएड होने के बावजूद श्वेतांक की रूचि सीप की खेती में ही थी। इसलिए इंटरनेट के जरिए वे इसके बारे में जानकारी लेने लगे और एक जगह से ट्रेनिंग भी ली। रोज नए लोग जुड़ते जा रहें हैं। उन्होंने बताया कि सीप से मोती निकालने के काम में तीन गुना तक मुनाफा होता है।मधुमक्खी पालन की देखभाल करने वाले मोहित आनंद पाठक ने बताया कि बीएचयू से बीए करने के बाद वे पारंपरिक खेती के बजाए कुछ नया करने की चाह में दिल्ली गांधी दर्शन से प्रशिक्षण लेने के बाद मधुमक्खी पालन करने लगे। जिसके तहत बनारस में खुद काम शुरू किया तो बनारस के बाहर भी अन्य किसानों की मदद की। वे खुद दूसरों को भी प्रशिक्षित कर रहे हैं। अब उनसे शहद बेचने वाली कंपनियां और औषधालय भी शहद ले जा रहे हैं।वहीं तीनों दोस्तों में से रोहित आनंद पाठक एक हैं जो एक समिति कृषि उद्यम से पहले तो खुद एक प्रतिनिधि के रूप में जुड़े थे और अब खुद के और दो दोस्तों को साथ लेकर नई शुरूआत की है। कोरोनाकाल में एक बड़ी कंपनी के रीजनल हेड की नौकरी छोड़कर वे अपनी सरजमी वाराणसी में आ गए।
इस तरह की खेती ये तीनों दोस्त खुद कर रहे हैं, इसके अलावा दो सौ लोगों को और इस साल जोड़ने का लक्ष्य है। उनका कहना है कि कोरोना महामारी ने काफी कुछ सिखा दिया है, क्योंकि आने वाले दिनों में परिवेश काफी तेजी से बदल रहा है और ऐसे ही काम के जरिए ना केवल हम खुद के लिए आय का जरिया पैदा कर रहे हैं, बल्कि खुद को नए वातावरण में ढाल भी रहे हैं।तीनों दोस्तों की इस मुहिम से खुश होकर यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री और इलाके के विधायक अनिल राजभर भी उनकी हौसलाअफजाई करने उनके गांव पहुंचे और उनके काम करने के तरीकों को भी जाना। उन्होंने बताया कि अपनी अच्छी नौकरी छोड़कर ये युवा न केवल खुद, बल्कि अन्य लोगों को भी आत्मनिर्भर बनाने की मुहिम में जुड़े हुए हैं।
इस तरह की खेती ये तीनों दोस्त खुद कर रहे हैं, इसके अलावा दो सौ लोगों को और इस साल जोड़ने का लक्ष्य है। उनका कहना है कि कोरोना महामारी ने काफी कुछ सिखा दिया है, क्योंकि आने वाले दिनों में परिवेश काफी तेजी से बदल रहा है और ऐसे ही काम के जरिए ना केवल हम खुद के लिए आय का जरिया पैदा कर रहे हैं, बल्कि खुद को नए वातावरण में ढाल भी रहे हैं।तीनों दोस्तों की इस मुहिम से खुश होकर यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री और इलाके के विधायक अनिल राजभर भी उनकी हौसलाअफजाई करने उनके गांव पहुंचे और उनके काम करने के तरीकों को भी जाना। उन्होंने बताया कि अपनी अच्छी नौकरी छोड़कर ये युवा न केवल खुद, बल्कि अन्य लोगों को भी आत्मनिर्भर बनाने की मुहिम में जुड़े हुए हैं।