AajTak : Jul 04, 2020, 04:21 PM
Delhi: TikTok ने देश में 59 चीनी ऐप बैन होने के बाद बीजिंग से खुद को दूर कर लिया है। ये जानकारी न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के हवाले से मिली है। 28 जून को सरकार को लिखे गए एक लेटर में टिकटॉक के चीफ एग्जीक्यूटिव Kevin Mayer ने कहा कि चीनी सरकार ने कभी भी यूजर डेटा की मांग नहीं की है और अगर कभी डेटा मांगा भी जाएगा तो कंपनी ऐसी कोई जानकारी नहीं देगी। इस लेटर को रॉयटर्स ने शुक्रवार को देखा है।
चीनी कंपनी ByteDance के मालिकाना हक वाला शॉर्ट फॉर्म वीडियो ऐप TikTok चीन में उपलब्ध नहीं है। कंपनी ग्लोबल ऑडियंस को अपील करने के लिए चीनी रूट्स से दूर जाना चाहती है।इस हफ्ते की शुरुआत में देश में चीन के साथ सीमा विवाद के बाद टिकटॉक के अलावा Tencent Holdings के WeChat और Alibaba ग्रुप के UC Browser समेत कुल 59 ऐप बैन कर दिए गए थे।
मेयर ने सरकार को लिखे लेटर में कहा, मैं ये कंफर्म करता हूं कि चीनी सरकार ने हमसे भारतीय यूजर्स के टिकटॉक डेटा की कभी डिमांड नहीं की। उन्होंने आगे लिखा कि इंडियन यूजर्स का डेटा सिंगापुर में सर्वर में स्टोर होता है। अगर हमसे भविष्य में भी ऐसी कोई मांग की गई तो हम उसे पूरा नहीं करेंगे।मामले से जुड़े एक सूत्र ने रॉयटर्स को जानकारी दी है कि कंपनी ने ये लेटर अगले हफ्ते सरकार और कंपनी के बीच होने वाली मीटिंग से पहले भेजा है। वहीं, न्यूज एजेंसी को एक सरकारी सूत्र के हवाले से ये जानकारी मिली है कि ये बैन जल्द खत्म होने वाला नहीं है। वकीलों ने कहा है कि इसे कानूनन रूप से भी जीतना मुश्किल है क्योंकि भारत सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए ऐप्स को बैन किया है।
चीनी कंपनी ByteDance के मालिकाना हक वाला शॉर्ट फॉर्म वीडियो ऐप TikTok चीन में उपलब्ध नहीं है। कंपनी ग्लोबल ऑडियंस को अपील करने के लिए चीनी रूट्स से दूर जाना चाहती है।इस हफ्ते की शुरुआत में देश में चीन के साथ सीमा विवाद के बाद टिकटॉक के अलावा Tencent Holdings के WeChat और Alibaba ग्रुप के UC Browser समेत कुल 59 ऐप बैन कर दिए गए थे।
मेयर ने सरकार को लिखे लेटर में कहा, मैं ये कंफर्म करता हूं कि चीनी सरकार ने हमसे भारतीय यूजर्स के टिकटॉक डेटा की कभी डिमांड नहीं की। उन्होंने आगे लिखा कि इंडियन यूजर्स का डेटा सिंगापुर में सर्वर में स्टोर होता है। अगर हमसे भविष्य में भी ऐसी कोई मांग की गई तो हम उसे पूरा नहीं करेंगे।मामले से जुड़े एक सूत्र ने रॉयटर्स को जानकारी दी है कि कंपनी ने ये लेटर अगले हफ्ते सरकार और कंपनी के बीच होने वाली मीटिंग से पहले भेजा है। वहीं, न्यूज एजेंसी को एक सरकारी सूत्र के हवाले से ये जानकारी मिली है कि ये बैन जल्द खत्म होने वाला नहीं है। वकीलों ने कहा है कि इसे कानूनन रूप से भी जीतना मुश्किल है क्योंकि भारत सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए ऐप्स को बैन किया है।