उत्तराखंड / त्रिवेंद्र सरकार ने प्रमोशन में आरक्षण को लेकर लिया बड़ा फैसला, एससी-एसटी कर्मचारियों को नहीं मिलेंगा आरक्षण

त्रिवेंद्र सरकार ने प्रमोशन में आरक्षण को लेकर बड़ा फैसला लिया है। दिया जाएगा। इसके तहत जल्द शासनादेश जारी होगा। बुधवार को भाजपा सरकार ने जनरल ओबीसी संगठन के पक्ष में हड़ताल पर गए कर्मचारियों की सभी मांगें मान ली है। बता दें कि जनरल ओबीसी संगठन कर्मचारी प्रमोशन पर लगी रोक हटाने की मांग को लेकर दो हफ्ते से ज्यादा समय से बेमियादी हड़ताल पर थे।

AMAR UJALA : Mar 18, 2020, 05:41 PM
उत्तराखंड में त्रिवेंद्र सरकार ने प्रमोशन में आरक्षण को लेकर बड़ा फैसला लिया है।  दिया जाएगा। इसके तहत जल्द शासनादेश जारी होगा। बुधवार को भाजपा सरकार ने जनरल ओबीसी संगठन के पक्ष में हड़ताल पर गए कर्मचारियों की सभी मांगें मान ली है। बता दें कि जनरल ओबीसी संगठन कर्मचारी प्रमोशन पर लगी रोक हटाने की मांग को लेकर दो हफ्ते से ज्यादा समय से बेमियादी हड़ताल पर थे। आज मुख्य सचिव और कर्मचारी नेताओं के बीच हुई वार्ता में उनकी मांगों पर सहमति बनी। जिसके बाद कर्मचारियों ने ढोल नगाड़े पर नाचकर खूब जश्न मनाया।

इससे पहले मुख्यमंत्री ने प्रमोशन पर रोक के मसले पर राज्य निगम कर्मचारी अधिकारी महासंघ से वार्ता की। उन्होंने मुख्य सचिव को इस संबंध में बैठक करने के निर्देश दिए थे। जिसके तहत मुख्य सचिव ने आज महासंघ के नेताओं के साथ बैठक की।

महासंघ ने मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर बुधवार से उत्तराखंड जनरल ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन की बेमियादी हड़ताल में शामिल होने की चेतावनी दी थी। सोमवार को इस संबंध में महासंघ की ओर से मुख्य सचिव को एक पत्र भी सौंपा गया था।

महासंघ के प्रदेश महासचिव बीएस रावत के मुताबिक, मंगलवार को महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश गोसाईं व उनके नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाकात की थी। सीएम से मुलाकात की और प्रमोशन से रोक हटाने का अनुरोध किया था। 

सीएम ने दूरभाष पर मुख्य सचिव को मांग के संबंध में महासंघ से वार्ता करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद अपर सचिव मुख्यमंत्री सुरेश चंद्र जोशी ने मुख्यमंत्री के निर्देश के क्रम में पत्र जारी किया।

पहले दिन उड़ी आदेश की धज्जी, परेड मैदान में जुटे हड़ताली कर्मचारी

कोरोना वायरस से बचाव को लेकर 50 से अधिक लोगों की भीड़ पर रोक लगाने के आदेश को ठेंगा दिखाते हुए मंगलवार को सैकड़ों जनरल ओबीसी कर्मचारियों ने परेड मैदान में जोरदार नारेबाजी के बीच प्रदर्शन किया।

इस दौरान बीच बीच में पुलिस की ओर से धरना स्थल के आसपास प्रशासन ने मुनादी कर 50 से अधिक लोगों की भीड़ जुटने पर कार्रवाई की चेतावनी भी जारी की। लेकिन मुनादी से बेपरवाह कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन जारी रखा और प्रदेश में बिजली, पानी, बस सेवाएं ठप कर देने की चेतावनी दी। 

कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए कर्मचारी मुंह पर मास्क लगाकर धरना स्थल पर पहुंचे। इनमें कई कर्मचारी अपने परिवार के सदस्यों के साथ धरने में शामिल हुए।

भाजपा विधायकों का समर्थन जारी

मंगलवार को भाजपा विधायक विनोद कंडारी, भरत चौधरी और केदार सिंह रावत ने भी जनरल ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन के आंदोलन का समर्थन किया था। इसके साथ ही उनके पक्ष में मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था। पत्र में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आलोक में सरकार से निर्णय लेने का अनुरोध किया था। उनसे पहले भी भाजपा कई विधायक सीएम को पत्र लिख चुके थे।

नवीं की छात्रा यशस्वी ने आरक्षण पर किया प्रहार

धरना स्थल पर परिवार के साथ पहुंची नवीं कक्षा की छात्रा यशस्वी सेमवाल ने आरक्षण पर प्रहार किया था। कहा था कि माइनस अंक पाने वाले आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवार का चयन एवं प्रतिभाशाली को बाहर का रास्ता दिखाना समानता के अधिकार का हनन है।