देश / उत्तराखंड में फिर 'रावत' या कोई और? CM के नाम पर हो सकता है यह बड़ा ट्विस्ट

उत्तराखंड में नया मुख्यमंत्री कौन होगा इसको लेकर अटकलों का दौर तेज हो चला है। सतपाल महाराज से लेकर धनसिंह रावत समेत कई नाम इसमें शामिल हैं। लेकिन इसमें सबसे चौंकाने वाली एंट्री उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मारी है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि त्रिवेंद्र सिंह रावत भी मुख्यमंत्री बनने की रेस में शामिल हैं।

Vikrant Shekhawat : Jul 03, 2021, 03:46 PM
उत्तराखंड में नया मुख्यमंत्री कौन होगा इसको लेकर अटकलों का दौर तेज हो चला है। सतपाल महाराज से लेकर धनसिंह रावत समेत कई नाम इसमें शामिल हैं। लेकिन इसमें सबसे चौंकाने वाली एंट्री उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मारी है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि त्रिवेंद्र सिंह रावत भी मुख्यमंत्री बनने की रेस में शामिल हैं। इसकी वजह यह है कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने इस बात के संकेत दिए हैं कि मौजूदा विधायकों में से ही कोई मुख्यमंत्री बनेगा।उत्तराखंड के प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मदन कौशिक के बयान ने भी इस संभावना को मजबूती दे दी है। असल में मदन कौशिक ने इस बात के संकेत दिए हैं कि कोई वर्तमान विधायक ही यहां पर सीएम की कुर्सी संभाल सकता है। अगर त्रिवेंद्र सिंह रावत दोबारा उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बनते हैं तो यह इस राज्य की सियासत में एक बड़ा ट्विस्ट होगा।

गौरतलब है कि प्रदेश में उपचुनाव की अनिश्चितताओं के बीच तीरथ सिंह रावत के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे के बाद से ही उत्तराखंड में राजनीतिक हलचल तेज हो चली है। आज शाम तीन बजे को पार्टी विधायकों की बैठक में विधायक दल के नए नेता का चुनाव होगा। इस बैठक के लिए सुपरवाइजर और पार्टी इंचार्ज भी पहुंच चुके हैं। जहां तक नए मुख्यमंत्री का सवाल है इसके लिए कई नाम चर्चा में हैं। रिपोर्टों के मुताबिक चौबातखाल से विधायक और कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, श्रीनगर से विधायक धनसिंह रावत, पुष्कार सिंह धामी और रितू खंडूरी मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार हैं। वहीं दोईवाला से विधायक पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की दावेदारी से भी लोग इंकार नहीं कर रहे हैं। कुछ रिपोर्टों में यह दावा किया गया है कि कई भाजपा विधायकों ने ​त्रिवेंद्र सिह रावत का नाम सुझाया है।

असल में त्रिवेंद्र सिंह रावत का नाम प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए भी आगे बढ़ाया जा रहा है। पार्टी के एक धड़े का मानना है कि अगले साल होने वाले चुनाव को देखते हुए किसी नए चेहरे पर दांव लगाने से बेहतर है कि त्रिवेंद्र सिंह रावत को ही एक फिर से बागडोर सौंप दी जाए। राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि कई दौर की मीटिंग्स के बाद तीरथ सिंह रावत के इस्तीफे के बाद उत्तराखंड में भाजपा की राजनीति कमजोर पड़ सकती है। गौरतलब है कि कांग्रेस पार्टी के विभिन्न नेताओं ने भाजपा पर जुबानी हमला शुरू कर दिया है। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला, नेशनल जनरल सेक्रेट्री और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा है कि भाजपा अपनी राजनीति ने देवभूमि को दूषित कर रही है। ऐसे में भाजपा के लिए यहां एक मजबूत चेहरे की मौजूदगी बहुत जरूरी हो जाती है।

इस सारी चर्चाओं के बीच भाजपा विधायक दल की बैठक के लिए तैयारियां तेजी से चल रही हैं। यह बैठक आज शाम तीन बजे भाजपा मुख्यालय में होगी। केंद्रीय पर्यवेक्षक नरेंद्र सिंह तोमर, नेशनल जनरल सेक्रेट्री डी पुरंदेश्वरी और उत्तराखंड भाजपा के जनरल सेक्रेटी इंचार्ज दुष्यंत कुमार गौतम की निगरानी में यह बैठक होगी।