AajTak : Feb 27, 2020, 12:50 PM
लंदन: मेंस वियर डिजाइनर हरिकृष्णन अपने लेटेस्ट डिजाइन को लेकर सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गए हैं। हरिकृष्णन ने एक ऐसा लेटेक्स ट्राउजर डिजाइन किया है जिसने लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींच लिया है। लंदन कॉलेज ऑफ फैशन में अपने ग्रेजुएट कलेक्शन के दौरान मॉडल्स ने हरिकृष्णन की ट्राउजर पहनकर रैंप वॉक किया। इस लेटेक्स ट्राउजर को क्रॉप्ड जैकेट के साथ टीमअप किया गया है।
गुब्बारे की तरह दिखने वाले ये पैंट्स 30 तरह के रबड़ से बनाए गए हैं, जो आमतौर पर सफेद, लाल, हरे या फिर कंट्रास्ट कलर्स में आते हैं। ये पैंट्स कमर पर जितने फिट हैं, जांघों पर गुब्बारे की तरह उतने ही चौड़े हैं। एड़ी से ठीक ऊपर इनकी सिलाई होती है जिसकी वजह से इनका शेप इतना चौड़ा हो जाता है।
नीचे से करीब सात मिलीमीटर चौड़े इस पैंट को देखकर लगता है कि जैसे इसमें पंप से हवा भरी गई हो। हरिकृष्णन ने बताया कि ऐसा स्टफ बनाने विचार मुझे तब आया जब मैं अपने कुत्ते के साथ खेल रहा था। मैं सोचने लगा कि मैं कुत्ते को कितना विशाल दिखता होऊंगा। मैं एक छोटे एंगल से बड़ी चीज को देखने की कोशिश करने लगा।
'मैं अपने आसपास के लोगों को ट्रेडिशनल कपड़ों से अलग हट कर कुछ पहनते हुए देखना चाहता था। इसलिए मेरे मन में इस तरह के कपड़े बनाने का कॉन्सेप्ट आया।' इसके फैब्रिकेशन, टेक्सचर, कलर और पैटर्न सब पर बहुत काम करना पड़ा। हरिकृष्णन ने बताया कि ऐसे ट्राउजर्स के लिए लेटेक्स ही सबसे परफेक्ट मैटेरियल है क्योंकि ये आसानी से स्ट्रैच हो जाता है और इसमें चमक होती है। इस ट्राउजर की कटिंग के लिए उन्होंने मॉर्फिंग तकनीक अपनाई थी।
इन ट्राउजर्स के अलावा हरिकृष्णन ने एक टैंक टॉप और उसके मैचिंग के शॉर्ट्स भी डिजाइन किए हैं, जो लकड़ी की मोतियों को जोड़कर बनाए गए हैं। इसे बनाने से पहले हरिकृष्णन ने कर्नाटक के चन्नापटना शहर में एक महीने तक कुछ कारीगरों के साथ रह कर उनसे ये कला सीखी।
हरिकृष्णन ने कहा कि किसी को उम्मीद नहीं थी कि जिन क्राफ्ट से खिलौने और अन्य सामान बनाए जाते हैं उनसे कपड़े भी बनाए जा सकते हैं। हरिकृष्णन ने बताया, 'मेरे लिए फैशन वो है जो बाजार में बिक सके, जो फ्लेक्सिबल और समय के हिसाब से हो। मैं लोगों की कल्पना की सोच को और बढ़ाना चाहता हूं।'
गुब्बारे की तरह दिखने वाले ये पैंट्स 30 तरह के रबड़ से बनाए गए हैं, जो आमतौर पर सफेद, लाल, हरे या फिर कंट्रास्ट कलर्स में आते हैं। ये पैंट्स कमर पर जितने फिट हैं, जांघों पर गुब्बारे की तरह उतने ही चौड़े हैं। एड़ी से ठीक ऊपर इनकी सिलाई होती है जिसकी वजह से इनका शेप इतना चौड़ा हो जाता है।
नीचे से करीब सात मिलीमीटर चौड़े इस पैंट को देखकर लगता है कि जैसे इसमें पंप से हवा भरी गई हो। हरिकृष्णन ने बताया कि ऐसा स्टफ बनाने विचार मुझे तब आया जब मैं अपने कुत्ते के साथ खेल रहा था। मैं सोचने लगा कि मैं कुत्ते को कितना विशाल दिखता होऊंगा। मैं एक छोटे एंगल से बड़ी चीज को देखने की कोशिश करने लगा।
'मैं अपने आसपास के लोगों को ट्रेडिशनल कपड़ों से अलग हट कर कुछ पहनते हुए देखना चाहता था। इसलिए मेरे मन में इस तरह के कपड़े बनाने का कॉन्सेप्ट आया।' इसके फैब्रिकेशन, टेक्सचर, कलर और पैटर्न सब पर बहुत काम करना पड़ा। हरिकृष्णन ने बताया कि ऐसे ट्राउजर्स के लिए लेटेक्स ही सबसे परफेक्ट मैटेरियल है क्योंकि ये आसानी से स्ट्रैच हो जाता है और इसमें चमक होती है। इस ट्राउजर की कटिंग के लिए उन्होंने मॉर्फिंग तकनीक अपनाई थी।
इन ट्राउजर्स के अलावा हरिकृष्णन ने एक टैंक टॉप और उसके मैचिंग के शॉर्ट्स भी डिजाइन किए हैं, जो लकड़ी की मोतियों को जोड़कर बनाए गए हैं। इसे बनाने से पहले हरिकृष्णन ने कर्नाटक के चन्नापटना शहर में एक महीने तक कुछ कारीगरों के साथ रह कर उनसे ये कला सीखी।
हरिकृष्णन ने कहा कि किसी को उम्मीद नहीं थी कि जिन क्राफ्ट से खिलौने और अन्य सामान बनाए जाते हैं उनसे कपड़े भी बनाए जा सकते हैं। हरिकृष्णन ने बताया, 'मेरे लिए फैशन वो है जो बाजार में बिक सके, जो फ्लेक्सिबल और समय के हिसाब से हो। मैं लोगों की कल्पना की सोच को और बढ़ाना चाहता हूं।'