AajTak : May 25, 2020, 12:16 PM
अमेरिका: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कोविड-19 से बचने के लिए हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन (HCQ) का सेवन करना बंद कर दिया है। अच्छी बात यह है कि यह दवाई बीच में नहीं छोड़ी गई है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने बताया कि व्हाइट हाउस में दो स्टाफ कोरोना संक्रमित पाए गए थे। जिसके बाद उन्होंने इससे बचने के लिए दो सप्ताह का कोर्स लेना शुरू किया था। अब वो ठीक हैं इसलिए दवाई लेना छोड़ रहे हैं।
ट्रंप ने बताया कि वे मलेरिया की दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन (HCQ) के दो सप्ताह का कोर्स पूरा करने के बाद ठीक महसूस कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हालांकि यह दवाई अभी तक कोविड-19 की रोकथाम के लिए प्रमाणित नहीं है लेकिन वो अब यहां ठीक हैं।एक इंटरव्यू के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, 'मेरा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन का दो सप्ताह का कोर्स समाप्त हो गया है। मैं यहां सही सलामत हूं।' उन्होंने आगे कहा कि अगर किसी चीज से सहायता मिलती है तो वो ठीक है मेरा यही मानना है।अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले हफ्ते कहा था कि वह मलेरिया रोधी दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन (HCQ) का सेवन कर रहे हैं। जबकि अमेरिका के विशेषज्ञ और नियामक यह कह चुके हैं कि कोरोना वायरस से लड़ने के लिए यह दवा उपयुक्त नहीं है। ट्रंप ने बताया कि उनका कोरोना वायरस का टेस्ट निगेटिव आया है और उनमें कोरोना के कोई लक्षण नहीं दिखे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि वह एहतियाती तौर पर डेढ़ हफ्ते से यह दवा ले रहे हैं।ट्रंप ने बताया, "मैं जिंक के साथ रोज एक गोली लेता हूं। यह पूछे जाने पर कि क्यों- इस पर उन्होंने जवाब दिया कि क्योंकि मैंने इसे लेकर अच्छा सुना है। कई अच्छी खबरें सुनी हैं।
हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन से कोई लाभ नहीं?
स्वास्थ्य के क्षेत्र में मशहूर पत्रिका द लैंसेट का कहना है कि मलेरिया के इलाज में इस्तेमाल आने वाली दवा क्लोरोक्वीन और हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन (HCQ) का कोविड-19 के मरीजों के इलाज में फायदा मिलने का कोई सबूत नहीं है। उसने ताजातरीन रिसर्च का हवाला देते हुए दावा किया है कि मर्कोलाइड के बिना या उसके साथ भी इन दोनों दवाइयों के इस्तेमाल से कोविड-19 मरीजों की मृत्युदर बढ़ जाती है। पत्रिका ने कहा कि ताजा रिसर्च करीब 15 हजार कोविड-19 मरीजों पर की गई है।
HCQ से कोविड-19 से संक्रमण की संभावना कमकोरोना वायरस के वैक्सीन के लिए पूरा विश्व प्रयास में जुटा है। उधर कई देश यह जानने की कोशिश में भी लगे हैं कि मौजूदा हालात में कोरोना से बचने के लिए कौन सी दवाई काम आ सकती है। वहीं भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने एक रिसर्च में पाया है कि हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन लेने से कोविड-19 से संक्रमण की संभावना कम हो जाती है।
सरकार ने शुक्रवार को एक संशोधित गाइडलाइन जारी की है। जिसके मुताबिक गैर कोविड-19 अस्पतालों में काम कर रहे बिना लक्षण वाले स्वास्थ्यसेवा कर्मियों, कंटेनमेंट जोन में निगरानी ड्यूटी पर तैनात कर्मियों और कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने संबंधी गतिविधियों में शामिल अर्द्धसैन्य बलों/पुलिसकर्मियों को रोग निरोधक दवा के तौर पर हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन (HCQ) का इस्तेमाल करने की सिफारिश की गई है।हालांकि, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ICMR द्वारा जारी संशोधित परामर्श में आगाह किया गया है कि दवा लेने वाले व्यक्ति को यह नहीं सोचना चाहिए कि वह एकदम सुरक्षित हो गया है।संशोधित परामर्श के अनुसार एनआईवी पुणे में एचसीक्यू की जांच में यह पाया गया कि इससे संक्रमण की दर कम होती है। इसमें कहा गया है कि यह दवा उन लोगों को नहीं देनी चाहिए, जो नजर कमजोर करने वाली रेटिना संबंधी बीमारी से ग्रस्त है, एचसीक्यू को लेकर अति संवेदनशीलता है और जिन्हें दिल की धड़कनों के घटने-बढ़ने की बीमारी है।
परामर्श में कहा गया है कि इस दवा को 15 साल से कम आयु के बच्चों तथा गर्भवती एवं दूध पिलाने वाली महिलाओं को नहीं देने की सिफारिश की जाती है। इसमें कहा गया है कि यह दवा औपचारिक सहमति के साथ किसी डॉक्टर की निगरानी में दी जाएगी।इससे पहले जारी किए गए सलाह के अनुसार, कोविड-19 को फैलने से रोकने एवं इसका इलाज करने में शामिल बिना लक्षण वाले सभी स्वास्थ्यसेवा कर्मियों और संक्रमित लोगों के घरों में संपर्क में आए लोगों में संक्रमण के खिलाफ इस दवा का इस्तेमाल करने की भी सिफारिश की गई है।ट्रंप का हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन का कोर्स पूरा, 2 हफ्ते से ले रहे थे दवाअमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कोविड-19 से बचने के लिए हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन (HCQ) का सेवन करना बंद कर दिया है। अच्छी बात यह है कि यह दवाई बीच में नहीं छोड़ी गई है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने बताया कि व्हाइट हाउस में दो स्टाफ कोरोना संक्रमित पाए गए थे। जिसके बाद उन्होंने इससे बचने के लिए दो सप्ताह का कोर्स लेना शुरू किया था। अब वो ठीक हैं इसलिए दवाई लेना छोड़ रहे हैं।ट्रंप ने बताया कि वे मलेरिया की दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन (HCQ) के दो सप्ताह का कोर्स पूरा करने के बाद ठीक महसूस कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हालांकि यह दवाई अभी तक कोविड-19 की रोकथाम के लिए प्रमाणित नहीं है लेकिन वो अब यहां ठीक हैं।एक इंटरव्यू के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, 'मेरा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन का दो सप्ताह का कोर्स समाप्त हो गया है। मैं यहां सही सलामत हूं।' उन्होंने आगे कहा कि अगर किसी चीज से सहायता मिलती है तो वो ठीक है मेरा यही मानना है।अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले हफ्ते कहा था कि वह मलेरिया रोधी दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन (HCQ) का सेवन कर रहे हैं। जबकि अमेरिका के विशेषज्ञ और नियामक यह कह चुके हैं कि कोरोना वायरस से लड़ने के लिए यह दवा उपयुक्त नहीं है। ट्रंप ने बताया कि उनका कोरोना वायरस का टेस्ट निगेटिव आया है और उनमें कोरोना के कोई लक्षण नहीं दिखे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि वह एहतियाती तौर पर डेढ़ हफ्ते से यह दवा ले रहे हैं।ट्रंप ने बताया, "मैं जिंक के साथ रोज एक गोली लेता हूं। यह पूछे जाने पर कि क्यों- इस पर उन्होंने जवाब दिया कि क्योंकि मैंने इसे लेकर अच्छा सुना है। कई अच्छी खबरें सुनी हैं।हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन से कोई लाभ नहीं?
स्वास्थ्य के क्षेत्र में मशहूर पत्रिका द लैंसेट का कहना है कि मलेरिया के इलाज में इस्तेमाल आने वाली दवा क्लोरोक्वीन और हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन (HCQ) का कोविड-19 के मरीजों के इलाज में फायदा मिलने का कोई सबूत नहीं है। उसने ताजातरीन रिसर्च का हवाला देते हुए दावा किया है कि मर्कोलाइड के बिना या उसके साथ भी इन दोनों दवाइयों के इस्तेमाल से कोविड-19 मरीजों की मृत्युदर बढ़ जाती है। पत्रिका ने कहा कि ताजा रिसर्च करीब 15 हजार कोविड-19 मरीजों पर की गई है।
HCQ से कोविड-19 से संक्रमण की संभावना कमकोरोना वायरस के वैक्सीन के लिए पूरा विश्व प्रयास में जुटा है। उधर कई देश यह जानने की कोशिश में भी लगे हैं कि मौजूदा हालात में कोरोना से बचने के लिए कौन सी दवाई काम आ सकती है। वहीं भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने एक रिसर्च में पाया है कि हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन लेने से कोविड-19 से संक्रमण की संभावना कम हो जाती है।सरकार ने शुक्रवार को एक संशोधित गाइडलाइन जारी की है। जिसके मुताबिक गैर कोविड-19 अस्पतालों में काम कर रहे बिना लक्षण वाले स्वास्थ्यसेवा कर्मियों, कंटेनमेंट जोन में निगरानी ड्यूटी पर तैनात कर्मियों और कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने संबंधी गतिविधियों में शामिल अर्द्धसैन्य बलों/पुलिसकर्मियों को रोग निरोधक दवा के तौर पर हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन (HCQ) का इस्तेमाल करने की सिफारिश की गई है।हालांकि, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ICMR द्वारा जारी संशोधित परामर्श में आगाह किया गया है कि दवा लेने वाले व्यक्ति को यह नहीं सोचना चाहिए कि वह एकदम सुरक्षित हो गया है।संशोधित परामर्श के अनुसार एनआईवी पुणे में एचसीक्यू की जांच में यह पाया गया कि इससे संक्रमण की दर कम होती है। इसमें कहा गया है कि यह दवा उन लोगों को नहीं देनी चाहिए, जो नजर कमजोर करने वाली रेटिना संबंधी बीमारी से ग्रस्त है, एचसीक्यू को लेकर अति संवेदनशीलता है और जिन्हें दिल की धड़कनों के घटने-बढ़ने की बीमारी है।परामर्श में कहा गया है कि इस दवा को 15 साल से कम आयु के बच्चों तथा गर्भवती एवं दूध पिलाने वाली महिलाओं को नहीं देने की सिफारिश की जाती है। इसमें कहा गया है कि यह दवा औपचारिक सहमति के साथ किसी डॉक्टर की निगरानी में दी जाएगीइससे पहले जारी किए गए सलाह के अनुसार, कोविड-19 को फैलने से रोकने एवं इसका इलाज करने में शामिल बिना लक्षण वाले सभी स्वास्थ्यसेवा कर्मियों और संक्रमित लोगों के घरों में संपर्क में आए लोगों में संक्रमण के खिलाफ इस दवा का इस्तेमाल करने की भी सिफारिश की गई है।
ट्रंप ने बताया कि वे मलेरिया की दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन (HCQ) के दो सप्ताह का कोर्स पूरा करने के बाद ठीक महसूस कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हालांकि यह दवाई अभी तक कोविड-19 की रोकथाम के लिए प्रमाणित नहीं है लेकिन वो अब यहां ठीक हैं।एक इंटरव्यू के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, 'मेरा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन का दो सप्ताह का कोर्स समाप्त हो गया है। मैं यहां सही सलामत हूं।' उन्होंने आगे कहा कि अगर किसी चीज से सहायता मिलती है तो वो ठीक है मेरा यही मानना है।अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले हफ्ते कहा था कि वह मलेरिया रोधी दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन (HCQ) का सेवन कर रहे हैं। जबकि अमेरिका के विशेषज्ञ और नियामक यह कह चुके हैं कि कोरोना वायरस से लड़ने के लिए यह दवा उपयुक्त नहीं है। ट्रंप ने बताया कि उनका कोरोना वायरस का टेस्ट निगेटिव आया है और उनमें कोरोना के कोई लक्षण नहीं दिखे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि वह एहतियाती तौर पर डेढ़ हफ्ते से यह दवा ले रहे हैं।ट्रंप ने बताया, "मैं जिंक के साथ रोज एक गोली लेता हूं। यह पूछे जाने पर कि क्यों- इस पर उन्होंने जवाब दिया कि क्योंकि मैंने इसे लेकर अच्छा सुना है। कई अच्छी खबरें सुनी हैं।
हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन से कोई लाभ नहीं?
स्वास्थ्य के क्षेत्र में मशहूर पत्रिका द लैंसेट का कहना है कि मलेरिया के इलाज में इस्तेमाल आने वाली दवा क्लोरोक्वीन और हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन (HCQ) का कोविड-19 के मरीजों के इलाज में फायदा मिलने का कोई सबूत नहीं है। उसने ताजातरीन रिसर्च का हवाला देते हुए दावा किया है कि मर्कोलाइड के बिना या उसके साथ भी इन दोनों दवाइयों के इस्तेमाल से कोविड-19 मरीजों की मृत्युदर बढ़ जाती है। पत्रिका ने कहा कि ताजा रिसर्च करीब 15 हजार कोविड-19 मरीजों पर की गई है।
HCQ से कोविड-19 से संक्रमण की संभावना कमकोरोना वायरस के वैक्सीन के लिए पूरा विश्व प्रयास में जुटा है। उधर कई देश यह जानने की कोशिश में भी लगे हैं कि मौजूदा हालात में कोरोना से बचने के लिए कौन सी दवाई काम आ सकती है। वहीं भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने एक रिसर्च में पाया है कि हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन लेने से कोविड-19 से संक्रमण की संभावना कम हो जाती है।
सरकार ने शुक्रवार को एक संशोधित गाइडलाइन जारी की है। जिसके मुताबिक गैर कोविड-19 अस्पतालों में काम कर रहे बिना लक्षण वाले स्वास्थ्यसेवा कर्मियों, कंटेनमेंट जोन में निगरानी ड्यूटी पर तैनात कर्मियों और कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने संबंधी गतिविधियों में शामिल अर्द्धसैन्य बलों/पुलिसकर्मियों को रोग निरोधक दवा के तौर पर हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन (HCQ) का इस्तेमाल करने की सिफारिश की गई है।हालांकि, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ICMR द्वारा जारी संशोधित परामर्श में आगाह किया गया है कि दवा लेने वाले व्यक्ति को यह नहीं सोचना चाहिए कि वह एकदम सुरक्षित हो गया है।संशोधित परामर्श के अनुसार एनआईवी पुणे में एचसीक्यू की जांच में यह पाया गया कि इससे संक्रमण की दर कम होती है। इसमें कहा गया है कि यह दवा उन लोगों को नहीं देनी चाहिए, जो नजर कमजोर करने वाली रेटिना संबंधी बीमारी से ग्रस्त है, एचसीक्यू को लेकर अति संवेदनशीलता है और जिन्हें दिल की धड़कनों के घटने-बढ़ने की बीमारी है।
परामर्श में कहा गया है कि इस दवा को 15 साल से कम आयु के बच्चों तथा गर्भवती एवं दूध पिलाने वाली महिलाओं को नहीं देने की सिफारिश की जाती है। इसमें कहा गया है कि यह दवा औपचारिक सहमति के साथ किसी डॉक्टर की निगरानी में दी जाएगी।इससे पहले जारी किए गए सलाह के अनुसार, कोविड-19 को फैलने से रोकने एवं इसका इलाज करने में शामिल बिना लक्षण वाले सभी स्वास्थ्यसेवा कर्मियों और संक्रमित लोगों के घरों में संपर्क में आए लोगों में संक्रमण के खिलाफ इस दवा का इस्तेमाल करने की भी सिफारिश की गई है।ट्रंप का हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन का कोर्स पूरा, 2 हफ्ते से ले रहे थे दवाअमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कोविड-19 से बचने के लिए हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन (HCQ) का सेवन करना बंद कर दिया है। अच्छी बात यह है कि यह दवाई बीच में नहीं छोड़ी गई है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने बताया कि व्हाइट हाउस में दो स्टाफ कोरोना संक्रमित पाए गए थे। जिसके बाद उन्होंने इससे बचने के लिए दो सप्ताह का कोर्स लेना शुरू किया था। अब वो ठीक हैं इसलिए दवाई लेना छोड़ रहे हैं।ट्रंप ने बताया कि वे मलेरिया की दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन (HCQ) के दो सप्ताह का कोर्स पूरा करने के बाद ठीक महसूस कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हालांकि यह दवाई अभी तक कोविड-19 की रोकथाम के लिए प्रमाणित नहीं है लेकिन वो अब यहां ठीक हैं।एक इंटरव्यू के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, 'मेरा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन का दो सप्ताह का कोर्स समाप्त हो गया है। मैं यहां सही सलामत हूं।' उन्होंने आगे कहा कि अगर किसी चीज से सहायता मिलती है तो वो ठीक है मेरा यही मानना है।अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले हफ्ते कहा था कि वह मलेरिया रोधी दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन (HCQ) का सेवन कर रहे हैं। जबकि अमेरिका के विशेषज्ञ और नियामक यह कह चुके हैं कि कोरोना वायरस से लड़ने के लिए यह दवा उपयुक्त नहीं है। ट्रंप ने बताया कि उनका कोरोना वायरस का टेस्ट निगेटिव आया है और उनमें कोरोना के कोई लक्षण नहीं दिखे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि वह एहतियाती तौर पर डेढ़ हफ्ते से यह दवा ले रहे हैं।ट्रंप ने बताया, "मैं जिंक के साथ रोज एक गोली लेता हूं। यह पूछे जाने पर कि क्यों- इस पर उन्होंने जवाब दिया कि क्योंकि मैंने इसे लेकर अच्छा सुना है। कई अच्छी खबरें सुनी हैं।हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन से कोई लाभ नहीं?
स्वास्थ्य के क्षेत्र में मशहूर पत्रिका द लैंसेट का कहना है कि मलेरिया के इलाज में इस्तेमाल आने वाली दवा क्लोरोक्वीन और हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन (HCQ) का कोविड-19 के मरीजों के इलाज में फायदा मिलने का कोई सबूत नहीं है। उसने ताजातरीन रिसर्च का हवाला देते हुए दावा किया है कि मर्कोलाइड के बिना या उसके साथ भी इन दोनों दवाइयों के इस्तेमाल से कोविड-19 मरीजों की मृत्युदर बढ़ जाती है। पत्रिका ने कहा कि ताजा रिसर्च करीब 15 हजार कोविड-19 मरीजों पर की गई है।
HCQ से कोविड-19 से संक्रमण की संभावना कमकोरोना वायरस के वैक्सीन के लिए पूरा विश्व प्रयास में जुटा है। उधर कई देश यह जानने की कोशिश में भी लगे हैं कि मौजूदा हालात में कोरोना से बचने के लिए कौन सी दवाई काम आ सकती है। वहीं भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने एक रिसर्च में पाया है कि हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन लेने से कोविड-19 से संक्रमण की संभावना कम हो जाती है।सरकार ने शुक्रवार को एक संशोधित गाइडलाइन जारी की है। जिसके मुताबिक गैर कोविड-19 अस्पतालों में काम कर रहे बिना लक्षण वाले स्वास्थ्यसेवा कर्मियों, कंटेनमेंट जोन में निगरानी ड्यूटी पर तैनात कर्मियों और कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने संबंधी गतिविधियों में शामिल अर्द्धसैन्य बलों/पुलिसकर्मियों को रोग निरोधक दवा के तौर पर हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन (HCQ) का इस्तेमाल करने की सिफारिश की गई है।हालांकि, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ICMR द्वारा जारी संशोधित परामर्श में आगाह किया गया है कि दवा लेने वाले व्यक्ति को यह नहीं सोचना चाहिए कि वह एकदम सुरक्षित हो गया है।संशोधित परामर्श के अनुसार एनआईवी पुणे में एचसीक्यू की जांच में यह पाया गया कि इससे संक्रमण की दर कम होती है। इसमें कहा गया है कि यह दवा उन लोगों को नहीं देनी चाहिए, जो नजर कमजोर करने वाली रेटिना संबंधी बीमारी से ग्रस्त है, एचसीक्यू को लेकर अति संवेदनशीलता है और जिन्हें दिल की धड़कनों के घटने-बढ़ने की बीमारी है।परामर्श में कहा गया है कि इस दवा को 15 साल से कम आयु के बच्चों तथा गर्भवती एवं दूध पिलाने वाली महिलाओं को नहीं देने की सिफारिश की जाती है। इसमें कहा गया है कि यह दवा औपचारिक सहमति के साथ किसी डॉक्टर की निगरानी में दी जाएगीइससे पहले जारी किए गए सलाह के अनुसार, कोविड-19 को फैलने से रोकने एवं इसका इलाज करने में शामिल बिना लक्षण वाले सभी स्वास्थ्यसेवा कर्मियों और संक्रमित लोगों के घरों में संपर्क में आए लोगों में संक्रमण के खिलाफ इस दवा का इस्तेमाल करने की भी सिफारिश की गई है।