Vikrant Shekhawat : Jul 23, 2021, 07:39 AM
बेंगलुरु: कर्नाटक हाई कोर्ट में ट्विटर इंडिया के एमडी मनीष माहेश्वरी ने गुरुवार को यूपी के बुलंदशहर निवासी बुजुर्ग की लोनी में दाढ़ी काटने के मामले में अपनी दलीलें पेश की। प्रबंध निदेशक मनीष माहेश्वरी ने गुरुवार को ट्विटर इंडिया को एक "स्वतंत्र इकाई" के रूप में वर्णित किया है। उन्होंने दावा किया गया था कि इसकी मूल कंपनी, ट्विटर इंक का इसमें एक भी हिस्सा नहीं है। यह उससे अलग है।कर्नाटक उच्च न्यायालय की एकल पीठ को मनीष माहेश्वरी के वकील सीवी नागेश ने अपने मुवक्किल की ओर से जवाब दिया। जब न्यायमूर्ति जी नरेंद्र ने पूछा कि क्या सोशल मीडिया दिग्गज को "मूल कंपनी" कहा जा सकता है। तो उन्होंने कहा कि, ट्विटर इंक एक मूल कंपनी है। हमारा इससे कोई लेना-देना नहीं है। ट्विटर इंडिया एक स्वतंत्र संगठन और स्वतंत्र संस्थान है। जायंट को मूल कंपनीकहा जा सकता है।नागेश ने ट्विटर इंडिया को ट्विटर इंक की "केवल एक संबद्ध कंपनी" के रूप में वर्णित किया है। इसने न्यायाधीश को यह इंगित करने के लिए प्रेरित किया कि "संबद्ध कंपनी" जैसी कोई चीज नहीं है। इस पर जस्टिस नरेंद्र ने आगे कहा कि सामान्य शब्दों में ऐसी चीज को "सिस्टर कंपनी" या "एसोसिएट" कहा जाता है। न्यायाधीश के अवलोकन पर प्रतिक्रिया देते हुए वकील ने कहा, ट्विटर इंक का ट्विटर इंडिया में" एक भी शेयर "नहीं है। यह एक पूरी तरह से अलग इकाई है।नागेश ने शुक्रवार को रिकॉर्ड पर एक मेमो रखने का भी प्रस्ताव रखा कि ट्विटर इंक, जिसका मुख्यालय संयुक्त राज्य अमेरिका में सैन फ्रांसिस्को में है, वह शेयरधारक नहीं है। इस पर गाजियाबाद पुलिस के वकील पी प्रसन्ना कुमार ने कहा कि ट्विटर इंक को "यह कहने के परिणाम भुगतने होंगे कि वे नहीं जानते कि ट्विटर इंडिया कौन है? कुमार ने कहा, "मेरा मानना है कि कंपनी के 99 फीसदी शेयर ट्विटर इंक के पास हैं। कुमार ने कहा, याचिकाकर्ता के सभी सहयोगी आज तक केंद्र सरकार की एजेंसियों के समक्ष ट्विटर इंडिया और ट्विटर इंक का प्रतिनिधित्व करते रहे हैं।