झांसी / दो नन के साथ दो छात्राएं यात्रा कर रही थीं धर्मांतरण की शिकायत पर ट्रेन से उतारा

उत्तर प्रदेश के झांसी (Jhansi) में बीते 19 मार्च को हरिद्वार (Haridwar) से उड़ीसा जा रही उत्कल एक्सप्रेस से दो नन और दो छात्राओं को झांसी रेलवे स्टेशन पर उतार लिया गया। दरअसल इन पर कुछ लोगों ने धर्मांतरण का शक जाहिर किया था। मामले में जीआरपी ने जांच की तो शिकायत गलत पाई गई और धर्मांतरण का मामला नहीं निकला। इसके बाद जीआरपी ने अगले दिन उसी ट्रेन से दोनों नन और छात्राओं को उड़ीसा रवाना कर दिया।

Vikrant Shekhawat : Mar 24, 2021, 05:46 PM
झांसी। उत्तर प्रदेश के झांसी (Jhansi) में बीते 19 मार्च को हरिद्वार (Haridwar) से उड़ीसा जा रही उत्कल एक्सप्रेस से दो नन और दो छात्राओं को झांसी रेलवे स्टेशन पर उतार लिया गया। दरअसल इन पर कुछ लोगों ने धर्मांतरण का शक जाहिर किया था। मामले में जीआरपी ने जांच की तो शिकायत गलत पाई गई और धर्मांतरण का मामला नहीं निकला। इसके बाद जीआरपी ने अगले दिन उसी ट्रेन से दोनों नन और छात्राओं को उड़ीसा रवाना कर दिया।

उधर इस मामले में अब सियासत शुरू हो गई है। केरल के मुख्यमंत्री ने पूरे मामले की शिकायत गृहमंत्री अमित शाह से करते हुए मामले में कार्रवाई की मांग कर दी है। गृह मंत्री ने उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है। वहीं मामले में यूपी के एडीजी कानून व्यवस्था ने बताया कि मामले में एडीजी रेलवे से पूरी रिपोर्ट तलब कर ली गई है।

दरअसल उत्कल एक्सप्रेस की बोगी नंबर 22, 29 में दो नन के साथ दो छात्राएं यात्रा कर रही थीं। इसी ट्रेन में ऋषिकेश से कुछ बजरंग दल के लोग भी बैठे यात्रा कर रहे थे। बजरंग दल के लोगों को यह शंका हुई कि दोनों लड़कियों को धर्म परिवर्तन के लिए उड़ीसा ले जाया जा रहा है। बजरंग दल के कार्यकर्ता विजय शंकर तिवारी ने इस मामले की सूचना सबसे पहले जीआरपी, ग्वालियर को दी तो ग्वालियर जीआरपी के ट्रेन अटेंड नहीं कर पाने पर मामले की सूचना झांसी जीआरपी को दी गई।

इसके बाद ट्रेन के झांसी स्टेशन पर पहुंचते ही तत्काल पूरे मामले की जांच में जीआरपी ने शुरू कर दी। शिकायतकर्ता के मुताबिक धर्म-परिवर्तन के आरोप पर जीआरपी ने जांच की। दोनों लड़कियों के कागजात को व्हाट्सअप पर देखा गया। इसके बाद चारों लोगों को जांच में एक ही धर्म का पाया गया। फिर जीआरपी ने चारों को उत्कल एक्सप्रेस से उड़ीसा के लिए रवाना करवा दिया।

बताया जा रहा कि पश्चिम दिल्ली की दो नन लीबिया थॉमस और हेमलता के साथ उड़ीसा निवासी दो छात्राएं श्वेता, पुत्री हनुमा एका निवासी गोइलो थाना वरहमनी जिला सुंदरगढ़, उड़ीसा और प्रीति टिग्गा पुत्री फैदर टिग्गा निवासी शीलपुंजी चंडीपोस थाना गुरोदिया जिला सुंदरगढ़, उड़ीसा भी यात्रा कर रही थीं। बजरंग दल के कार्यकर्ताओं की सूचना पर मौके पर पहुंची जीआरपी ने जांच की तो सूचना गलत पाई गई थी। इसके बाद दोनों नन और दोनो छात्राओं को जाने दिया गया।

वहीं इस मामले में सिरों मालाबार चर्च ने झांसी में 19 मार्च को ट्रेन में हुई इस घटना की निंदा करते हुए आरोप लगाया गया है कि बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने दोनों नन के साथ बदसलूकी की। चारों लोग दिल्ली से उड़ीसा राज्य के राऊरकेला के लिए पहली बार यात्रा कर रही थीं।

पूरे मामले में जीआरपी एसपी सौमित्र यादव ने बताया कि धर्मपरिवर्तन की शिकायत पूरी तरह से गलत पाई गई थी। चारों लोग एक धर्म से थे, इसलिये इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई। उधर इस मामले ने एक बार फिर से तब तूल पकड़ लिया, जब केरल के मुख्यमंत्री ने पूरे मामले की शिकायत गृहमंत्री अमित शाह से मामले में कार्रवाई की मांग कर दी।

इस पूरे मामले में उत्तर प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक, कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि 19 मार्च को उत्कल एक्सप्रेस का मामला है। कुछ यात्रियों पर धर्मांतरण का शक कुछ लोगों ने जताया था। जीआरपी और आरपीएफ ने उन लोगों को झांसी में उतारा। कानून व्यवस्था न बिगड़े इसलिए उन्हें झांसी रेलवे स्टेशन पर उतारा गया था। जांच में सभी के प्रमाणपत्र दुरूस्त पाए गए। मामला धर्मांतरण से जुड़ा नहीं निकला। अगले दिन उन्हें उसी ट्रेन से भेज दिया गया। जिन्होंने शक जताया था, उनके खिलाफ कोई तहरीर मिलेगी तो कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल पुलिस के दुर्व्यवहार की कोई शिकायत नहीं मिली है। पूरे मामले पर एडीजी रेलवे से रिपोर्ट मांगी गई है।