दो अध्ययनों से पता चला है कि दुनिया भर में कई लोगों की मौत का जिम्मेदार कोविड-19 वायरस चीन के वुहान शहर स्थित सी-फूड बाजार से ही मनुष्यों में फैला है। पहले अध्ययन में स्थानीय विश्लेषण के माध्यम से यह साबित किया गया है कि दिसंबर 2019 में सबसे पहले आए मामले वुहान बाजार के ही थे जबकि दूसरे शोधपत्र में भी परीक्षण के नमूने जीवित जानवरों की बिक्री से ही जुड़े पाए गए।अमेरिका के एरिजोना विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर माइकलवोरोबे ने ट्वीट किया कि हमने सॉर्स-कोव-2 की उत्पत्ति पर डब्ल्यूएचओ मिशन की रिपोर्ट का इस्तेमाल करते हुए मानचित्र पर दिसंबर-2019 में शुरुआत के साथ वुहान के अधिकांश ज्ञात कोविड-19 मामलों के अक्षांश और देशांतर निकाले। दोनों शोधपत्रों के लेखक वोरोबे ने कहा, हमने पाया कि दिसंबर में मामले हुआनन बाजार के करीब के पाए गए और इसका केंद्र यही जीवित पशुओं का बाजार था।दूसरे अध्ययन में पाया गया कि दो प्रमुख वायरल वंशी कम से कम दो घटनाओं का नतीजा थे जिनमें वायरस जानवरों से मनुष्यों में आ गया। शोध के मुताबिक, पहला वंश संचरण 2019 में नवंबर के अंत या दिसंबर की शुरुआत का था और दूसरा वंश संभवत: पहली घटना के हफ्तों के भीतर पैदा हो गया। इसके बाद यह पूरी दुनिया में फैलता चला गया।हांगकांग : लाशों को रखने के लिए कम पड़ रही है जगहस्वायत्तशासी क्षेत्र में कोरोना से इतने लोगों की मौत हो गई है कि अस्पतालों और मुर्दाघरों में लाशों को रखने के लिए जगह कम पड़ रही है। संक्रमण के मामले इससे मरने वालों की संख्या रिकॉर्ड स्तर छू रही है। हांगकांग पब्लिक डॉक्टर्स एसोसिएशन के प्रमुख टोनी लिंग ने बताया कि पूरे शहर के अस्पतालों में दर्जनों लाशें मुर्दाघरों तक पहुंचाए जाने का इंतजार कर रही हैं। इस छोटे से क्षेत्र में पिछले 24 घंटों में 83 लोगों की कोरोना से मौत हो गई है जबकि पिछले एक सप्ताह में करीब 300 लोग संक्रमण से जान गंवा चुके हैं।न्यूजीलैंड लौटने वालों के लिए पृथक-वास अब अनिवार्य नहींन्यूजीलैंड ने देश में आने वाले वाले अपने देश के नागरिकों के लिए स्वयं को पृथक-वास में रखने की अनिवार्यता को खत्म करने का निर्णय लिया है प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न ने कहा, टीकाकरण करा चुके लोगों के लिए यहां आने के बाद एक सप्ताह तक पृथक-वास में रहने की अनिवार्यता बुधवार को खत्म हो जाएगी। शुरुआत में यह बदलाव अन्य देशों से लौटने वाले न्यूजीलैंड के नागरिकों पर लागू होगा, क्योंकि पर्यटकों को अब भी देश में आने की अनुमति नहीं है।