AMAR UJALA : Jun 06, 2020, 11:46 AM
भारत: को एक बार फिर जुलाई में टिड्डियों के हमले का सामना करना पड़ सकता है। संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) ने इस बात की चेतावनी दी है। केंद्र सरकार ने टिड्डियों के हमले के मद्देनजर 16 राज्यों को सतर्क रहने को कहा है, जिनमें इस हमले से बुरी तरह प्रभावित राजस्थान और मध्यप्रदेश जैसे राज्य भी शामिल हैं।
एफएओ ने गुरुवार को कहा कि मानसून से पहले मई में दक्षिण-पश्चिम पाकिस्तान से राजस्थान में टिड्डियों का दल पहुंचा और 1962 के बाद पहली बार टिड्डियों का दल उत्तरी राज्यों में पहुंचा। एफएओ के अनुसार, राजस्थान के रेगिस्तान में मानसून की शुरुआत में अंडे देने के लिए लौटने से पहले टिड्डियों का दल पूर्व और पश्चिम की तरफ बढ़ेगा। वहीं, जून में दक्षिण ईरान की तरफ से टिड्डियों का दल भारत में आएगा। इसके बाद 'हॉर्न ऑफ अफ्रीका' की तरफ से जुलाई में टिड्डियों का बड़ा दल भारत पहुंचेगा। विशेषज्ञों के अनुसार, टिड्डियों का दल पाकिस्तान से भारत में दाखिल हुआ और इसने पंजाब, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में फसलों को चट कर दिया। वर्तमान में टिड्डियों का दल 'हॉर्न ऑफ अफ्रीका' से होते हुए ही भारत आया था।
एफएओ ने कहा कि पूर्वी अफ्रीका में, उत्तर-पश्चिमी केन्या में टिड्डियों ने अंडे देना शुरू कर दिया है और कई टिड्डी दल इकट्ठा हो रहे हैं। ये सभी दल जून के दूसरे सप्ताह से लेकर मध्य जुलाई तक अपरिपक्व टिड्डों के साथ भारत की ओर बढ़ेंगे। संगठन ने कहा कि ऐसी ही स्थिति सोमालिया और इथियोपिया में उत्पन्न हो रही है। अधिकांश नई टिड्डियां मध्य-जून के बाद केन्या से इथियोपिया और उत्तर सूडान से दक्षिण सूडान की ओर जाएंगी, जबकि अन्य टिड्डियां उत्तरी इथियोपिया में चली जाएंगी। उन्होंने कहा कि उत्तर-पूर्व सोमालिया तक पहुंचने वाले टिड्डियों को लेकर संभावना है कि वे उत्तरी हिंद महासागर में भारत-पाकिस्तान सीमा क्षेत्र की ओर बढ़ सकती हैं।बता दें कि, टिड्डियां एक दिन में 150 किमी तक उड़ सकती हैं और एक वर्ग-किलोमीटर का झुंड 35,000 लोगों के जितना भोजन खा सकता है।
एफएओ ने गुरुवार को कहा कि मानसून से पहले मई में दक्षिण-पश्चिम पाकिस्तान से राजस्थान में टिड्डियों का दल पहुंचा और 1962 के बाद पहली बार टिड्डियों का दल उत्तरी राज्यों में पहुंचा। एफएओ के अनुसार, राजस्थान के रेगिस्तान में मानसून की शुरुआत में अंडे देने के लिए लौटने से पहले टिड्डियों का दल पूर्व और पश्चिम की तरफ बढ़ेगा। वहीं, जून में दक्षिण ईरान की तरफ से टिड्डियों का दल भारत में आएगा। इसके बाद 'हॉर्न ऑफ अफ्रीका' की तरफ से जुलाई में टिड्डियों का बड़ा दल भारत पहुंचेगा। विशेषज्ञों के अनुसार, टिड्डियों का दल पाकिस्तान से भारत में दाखिल हुआ और इसने पंजाब, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में फसलों को चट कर दिया। वर्तमान में टिड्डियों का दल 'हॉर्न ऑफ अफ्रीका' से होते हुए ही भारत आया था।
एफएओ ने कहा कि पूर्वी अफ्रीका में, उत्तर-पश्चिमी केन्या में टिड्डियों ने अंडे देना शुरू कर दिया है और कई टिड्डी दल इकट्ठा हो रहे हैं। ये सभी दल जून के दूसरे सप्ताह से लेकर मध्य जुलाई तक अपरिपक्व टिड्डों के साथ भारत की ओर बढ़ेंगे। संगठन ने कहा कि ऐसी ही स्थिति सोमालिया और इथियोपिया में उत्पन्न हो रही है। अधिकांश नई टिड्डियां मध्य-जून के बाद केन्या से इथियोपिया और उत्तर सूडान से दक्षिण सूडान की ओर जाएंगी, जबकि अन्य टिड्डियां उत्तरी इथियोपिया में चली जाएंगी। उन्होंने कहा कि उत्तर-पूर्व सोमालिया तक पहुंचने वाले टिड्डियों को लेकर संभावना है कि वे उत्तरी हिंद महासागर में भारत-पाकिस्तान सीमा क्षेत्र की ओर बढ़ सकती हैं।बता दें कि, टिड्डियां एक दिन में 150 किमी तक उड़ सकती हैं और एक वर्ग-किलोमीटर का झुंड 35,000 लोगों के जितना भोजन खा सकता है।