Sudan Civil War / 5 पॉइंट में समझिए सूडान में फंसे भारतीयों बचाने का मिशन- अमेरिका, ब्रिटेन, यूएन के संपर्क में भारत

सूडान के हालात नाजुक बने हुए हैं. जो सुरक्षाबल कभी अपने देश की रक्षा करते थे आज उसी देश में कब्जे के लिए आपस में ही भिड़ गए. अब तक करीब 200 लोगों की जान इस जंग में जा चुकी है. सूडान में करीब चार हजार भारतीय रहते हैं जिसमें 1000 से ज्यादा भारतीय तो दशकों पहले से वहां बसे हुए हैं. इस सिविल वॉर में वो फंस गए हैं. लेकिन भारत सरकार हर बार की तरह इस बार भी भारतीयों को सुरक्षित वहां से निकालने के प्रयास कर रही है.

Vikrant Shekhawat : Apr 19, 2023, 11:33 AM
Sudan Civil War: सूडान के हालात नाजुक बने हुए हैं. जो सुरक्षाबल कभी अपने देश की रक्षा करते थे आज उसी देश में कब्जे के लिए आपस में ही भिड़ गए. अब तक करीब 200 लोगों की जान इस जंग में जा चुकी है. सूडान में करीब चार हजार भारतीय रहते हैं जिसमें 1000 से ज्यादा भारतीय तो दशकों पहले से वहां बसे हुए हैं. इस सिविल वॉर में वो फंस गए हैं. लेकिन भारत सरकार हर बार की तरह इस बार भी भारतीयों को सुरक्षित वहां से निकालने के प्रयास कर रही है. विदेश मंत्रालय कई देशों के संपर्क में हैं. हालांकि अब तक जो रिपोर्ट्स सामने आ रही हैं उनमें एक भारतीय की मौत गोली लगने से हो चुकी है.

सूडान मामले में राजनीति

सूडान मामले में देश के भीतर राजनीति भी तेज हो गई है. कर्नाटक के पूर्व सीएम सिद्धारमैया ने ट्वीट कर कहा कि कर्नाटक के 35 लोग सूडान में फंसे हुए हैं. इसके जवाब में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने करारा जवाब देते हुए इस मामले में राजनीति न करने की सलाह दी है. साथ ही उनको ये भी बताया है कि सरकार अपने लोगों को जल्द बाहर लाने के लिए जुटी हुई है. हालांकि उन्होंने ये भी बताया कि अब इसका खुलासा वो नहीं कर सकते कि सरकार कैसे काम में जुटी हुई है. जयशंकर ने बताया कि युद्ध बहुत भयंकर हो रहा है. ऐसे में उनकी आवाजाही नहीं हो पा रही.

सूडान गृह युद्ध की 5 बड़ी बातें

  • सरकारी सूत्रों ने बताया कि विदेश मंत्रालय भारत अपने नागरिकों को वहां से सुरक्षित निकालने के लिए कई देशों से बातचीत कर रहा है. भारत अमेरिका, ब्रिटेन, सऊदी अरब, यूएई जिनकी वहां पर पहुंच अधिक है उसने लगातार संपर्क कर मामला सुलझाने की कोशिश हो रही है.
  • विदेश मंत्री एस जयशंकर ने खुद सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात के विदेश मंत्रियों से बात की है. दोनों ही देशों ने भारत को पूरी मदद का भरोसा दिया है. याद कीजिए जब रूस ने यूक्रेन में हमला कर दिया था तो वहां पर सैकड़ों भारतीय छात्र फंस गए थे. लेकिन भारत की कूटनीटि की वजह से रूस और यूक्रेन ने कुछ वक्त के लिए युद्ध रोका और वो बच्चे वहां से वापस निकल पाए.
  • भारतीय को निकालने के लिए भारतीय विदेश मंत्रालय वाशिंगटन डीसी में भारतीय हाई कमीशन और लंदन में उच्चायुक्त अपने-अपने समकक्षों से बात कर रहे हैं. सरकारी सोर्स ने बताया कि भारत संयुक्त राष्ट्र के साथ मिलकर भी काम कर रहा है. इनकी सूडान में अच्छी खासी मौजूदगी है.
  • भारत ने बीते कई सालों में इस तरह के ऑपरेशन चलाए हैं. जब कोरोना के वक्त भारत से दूर अपने लोग फंस गए थे तभ भारत ऑपरेशन वंदे भारत चलाया था. ये अब तक का सबसे बड़ा मिशन था. लेकिन भारत ने अपने लोगों को सकुशल भारत बुलाया था. रूस-यूक्रेन संकट काल में भी भारत ने अपने लोगों की जान बचाई थी.
  • भारत सरकार ने राजधानी दिल्ली में एक हेल्प सेंटर बनाया है. इसके अलावा खार्तूम में भारतीय दूतावास के साथ दिल्ली लगातार संपर्क कर रहा है. हर जानकारी भारत को मिल रही है. वहां पर भारत के लोगों की क्या स्थिति है उसकी जानकारी भी मिल रही है.