Live Hindustan : Sep 08, 2019, 07:12 AM
केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने शनिवार को कहा कि आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (जेएवाई) में कैंसर इलाज को शामिल करने के एक प्रस्ताव पर स्वास्थ्य मंत्रालय अध्ययन कर रहा है। इस कार्यक्रम में मंत्री ने कहा कि गोमूत्र का इस्तेमाल आज कई दवाइयां तैयार करने में किया जाता है। गोमूत्र से कैंसर की दवा भी बनाई जा रही है। उन्होंने का कहना है कि हमारा आयुष्मान मंत्रालय भी इस पर काम कर रहा है।
इस योजना में कैंसर को शामिल क्यों नहीं किये जाने के एक सवाल के जवाब में चौबे ने यहां पत्रकारों से कहा कि केंद्र एक अलग योजना के तहत वर्तमान में तीन प्रकार के कैंसर का उपचार प्रदान कर रहा है, और अब जेएवाई के तहत इस घातक बीमारी को शामिल करने के प्रस्ताव पर अध्ययन किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा था कि देश 2030 तक गैर-संचारी रोग से मुक्त होना चाहता है और स्वास्थ्य मंत्रालय इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए काम करेगा। तमिलनाडु में चिकित्सा प्रणाली की सराहना करते हुए चौबे ने कहा कि मंत्रालय ने 75 मेडिकल कॉलेजों का उन्नयन (अपग्रेडेशन) किया है।
इस योजना में कैंसर को शामिल क्यों नहीं किये जाने के एक सवाल के जवाब में चौबे ने यहां पत्रकारों से कहा कि केंद्र एक अलग योजना के तहत वर्तमान में तीन प्रकार के कैंसर का उपचार प्रदान कर रहा है, और अब जेएवाई के तहत इस घातक बीमारी को शामिल करने के प्रस्ताव पर अध्ययन किया जा रहा है।
वह श्री रामकृष्ण अस्पताल में 'कैंसर के खिलाफ जंग अभियान का उद्घाटन करने आये थे। देश को कैंसर मुक्त बनाये जाने के सवाल पर चौबे ने कहा कि गैर-संचारी रोग दुनियाभर में एक चुनौती बन गए हैं।#WATCH Ashwini Choubey, Minister of State for Health: Several medicines are prepared today using cow urine, including the medicines for Cancer. Our Ayushman Ministry is also working on this. pic.twitter.com/OD3nWEj9ta
— ANI (@ANI) September 7, 2019
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा था कि देश 2030 तक गैर-संचारी रोग से मुक्त होना चाहता है और स्वास्थ्य मंत्रालय इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए काम करेगा। तमिलनाडु में चिकित्सा प्रणाली की सराहना करते हुए चौबे ने कहा कि मंत्रालय ने 75 मेडिकल कॉलेजों का उन्नयन (अपग्रेडेशन) किया है।