Vikrant Shekhawat : Sep 17, 2020, 06:43 PM
भारत जी-20 देशों के साथ बेहतर दुनिया के लिए काम करने के लिए प्रतिबद्ध है: प्रकाश जावडेकर
Delhi | सऊदी अरब के सुल्तान की अध्यक्षता में जी-20 देशों की पर्यावरण मंत्रिस्तरीय बैठक (ईएमएम) आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई। भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए, केंद्रीय पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन और वन मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा, भारत ने पर्यावरण, वन और वन्य जीवों की रक्षा के साथ-साथ प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
जावडेकर ने कहा, भारत एक बेहतर दुनिया के लिए जी 20 देशों के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, भारत के पास विशाल जैव-विविधता और पारिस्थितिकी तंत्र है। उन्होंने कहा, भारत कोरल रीफ संरक्षण बढ़ाने के लिए उपाय कर रहा है। श्री जावडेकर ने कहा कि जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए भारत के कदम महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया को जलवायु परिवर्तन से निपटने और ठोस परिणाम प्राप्त करने के लिए कारगर कदम उठाने होंगे।
पर्यावरण मंत्री ने भारत के राष्ट्रीय तटीय मिशन कार्यक्रम द्वारा किए गए प्रयासों पर प्रकाश डाला। इसके तहत सरकार ने देश में कोरल रीफ़ की रक्षा और उन्हें बचाने के लिए कई कदम उठाए हैं। उन्होंने भू-क्षरण रोकने की दिशा में उपायों और जलवायु परिवर्तन पर नियंत्रण के वैश्विक लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए भारत के प्रयासों को भी साझा किया। उन्होंने कहा कि भारत का मानना है कि सामान, साझा लेकिन अलग-अलग जिम्मेदारियां, वित्त और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में साझेदारी प्रमुख स्तंभ हैं। भारत पेरिस समझौते और जलवायु परिवर्तन से जुड़ी प्रतिबद्धताओं के बारे में बातचीत कर रहा है। भारत पेरिस समझौते के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए पर्याप्त कार्रवाई कर रहा है और इसका अनुपालन करने वाले कुछ देशों में से एक है.
भू-क्षरण कम करने के लिए वैश्विक पहल का उद्देश्य जी 20 सदस्य देशों में भू-क्षरण को रोकने की मौजूदा कार्य योजना पर काम करना है। इसके अलावा वैश्विक स्तर पर टिकाऊ विकास के लक्ष्य-एसडीजी की उपलब्धि पर संभावित प्रभाव को ध्यान में रखते हुए और किसी को नुकसान न पहुंचाने के सिद्धांत का पालन करने के लिए मौजूदा ढांचे के कार्यान्वयन को मजबूत करना है।
वैश्विक कोरल रीफ अनुसंधान और विकास में वृद्धि का मंच एक अभिनव पहल है जिसका उद्देश्य वैश्विक अनुसंधान और विकास (आरएंडडी) कार्यक्रम तैयार करना है, जो कोरल रीफ संरक्षण, बहाली और अनुकूलन के सभी पहलुओं में अनुसंधान, नवाचार और क्षमता निर्माण को गति देकर इस दिशा में किये गए प्रयासों को मजबूत करता है। इसके अलावा इस पहल का प्रयास कोरल रीफ के संरक्षण और उनके नुकसान को रोकने के लिए किए गए उपायों और प्रतिबद्धताओं को मज़बूती प्रदान करना है।
जावडेकर ने पर्यावरण मंत्रियों की बैठक के अध्यक्ष अब्दुलरहमान अल-फादले को धन्यवाद दिया। इसके अलावा ट्रोइका के पर्यावरण मंत्री, जापान के शिनजिरो कोइज़ुमी और इटली के सर्जियो कोस्टा को बैठक की मेजबानी के लिए धन्यवाद भी दिया।
Delhi | सऊदी अरब के सुल्तान की अध्यक्षता में जी-20 देशों की पर्यावरण मंत्रिस्तरीय बैठक (ईएमएम) आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई। भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए, केंद्रीय पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन और वन मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा, भारत ने पर्यावरण, वन और वन्य जीवों की रक्षा के साथ-साथ प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
जावडेकर ने कहा, भारत एक बेहतर दुनिया के लिए जी 20 देशों के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, भारत के पास विशाल जैव-विविधता और पारिस्थितिकी तंत्र है। उन्होंने कहा, भारत कोरल रीफ संरक्षण बढ़ाने के लिए उपाय कर रहा है। श्री जावडेकर ने कहा कि जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए भारत के कदम महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया को जलवायु परिवर्तन से निपटने और ठोस परिणाम प्राप्त करने के लिए कारगर कदम उठाने होंगे।
पर्यावरण मंत्री ने भारत के राष्ट्रीय तटीय मिशन कार्यक्रम द्वारा किए गए प्रयासों पर प्रकाश डाला। इसके तहत सरकार ने देश में कोरल रीफ़ की रक्षा और उन्हें बचाने के लिए कई कदम उठाए हैं। उन्होंने भू-क्षरण रोकने की दिशा में उपायों और जलवायु परिवर्तन पर नियंत्रण के वैश्विक लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए भारत के प्रयासों को भी साझा किया। उन्होंने कहा कि भारत का मानना है कि सामान, साझा लेकिन अलग-अलग जिम्मेदारियां, वित्त और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में साझेदारी प्रमुख स्तंभ हैं। भारत पेरिस समझौते और जलवायु परिवर्तन से जुड़ी प्रतिबद्धताओं के बारे में बातचीत कर रहा है। भारत पेरिस समझौते के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए पर्याप्त कार्रवाई कर रहा है और इसका अनुपालन करने वाले कुछ देशों में से एक है.
जावडेकर ने भू-क्षरण और कोरल रीफ संरक्षण कार्यक्रम के वैश्विक पहल की शुरुआत की सराहना की। उन्होंने इस वर्ष जी-20 के तहत उत्सर्जन और जलवायु परिवर्तन के अनुकूलन से संबंधित जलवायु परिवर्तन पर दो दस्तावेज़ों को जारी करने पर भी खुशी व्यक्त की।At the #G20 Environment meeting stated that the world has to channel its best practices to deal with #ClimateChange. India is committed to working with G20 nations for a better world and applauds the launch of the Global Initiative to Reduce #LandDegradation & #CoralReef program pic.twitter.com/79yj3BqUt7
— Prakash Javadekar (@PrakashJavdekar) September 16, 2020
भू-क्षरण कम करने के लिए वैश्विक पहल का उद्देश्य जी 20 सदस्य देशों में भू-क्षरण को रोकने की मौजूदा कार्य योजना पर काम करना है। इसके अलावा वैश्विक स्तर पर टिकाऊ विकास के लक्ष्य-एसडीजी की उपलब्धि पर संभावित प्रभाव को ध्यान में रखते हुए और किसी को नुकसान न पहुंचाने के सिद्धांत का पालन करने के लिए मौजूदा ढांचे के कार्यान्वयन को मजबूत करना है।
वैश्विक कोरल रीफ अनुसंधान और विकास में वृद्धि का मंच एक अभिनव पहल है जिसका उद्देश्य वैश्विक अनुसंधान और विकास (आरएंडडी) कार्यक्रम तैयार करना है, जो कोरल रीफ संरक्षण, बहाली और अनुकूलन के सभी पहलुओं में अनुसंधान, नवाचार और क्षमता निर्माण को गति देकर इस दिशा में किये गए प्रयासों को मजबूत करता है। इसके अलावा इस पहल का प्रयास कोरल रीफ के संरक्षण और उनके नुकसान को रोकने के लिए किए गए उपायों और प्रतिबद्धताओं को मज़बूती प्रदान करना है।
जावडेकर ने पर्यावरण मंत्रियों की बैठक के अध्यक्ष अब्दुलरहमान अल-फादले को धन्यवाद दिया। इसके अलावा ट्रोइका के पर्यावरण मंत्री, जापान के शिनजिरो कोइज़ुमी और इटली के सर्जियो कोस्टा को बैठक की मेजबानी के लिए धन्यवाद भी दिया।