Vikrant Shekhawat : Feb 04, 2021, 10:56 AM
अनोखी शादी | देश में नए कृषि कानूनों को लेकर धरना-प्रदर्शन जारी है लेकिन अमरोहा जिले में किसान आंदोलन के समर्थन को लेकर एक अनोखी शादी होने जा रही है। कई दशक तक किसानों की पहचान का प्रतीक रहे हल की जगह अब ट्रैक्टर ने ले ली है। किसान के बेटे की छह फरवरी को होने वाली शादी में दूल्हा हरमेंद्र ट्रैक्टर से बारात लेकर दुल्हन को ब्याहने जाएगा। इतना ही नहीं दूल्हे ने शादी कार्ड पर भी ट्रैक्टर की तस्वीर छपवाई है और किसान आंदोलन के समर्थन में संदेश लिखा है कि किसान नहीं तो भोजन नहीं। बारात स्थल भी किसान आंदोलन के समर्थन के बैनर व पोस्टर से सजा होगा।इस समय देशभर में किसान आंदोलन का मुद्दा छाया हुआ है। राजधानी दिल्ली के अलावा अलग अलग शहरों में किसान आंदोलन का असर देखा जा सकता है। ऐसे में किसान परिवारों से जुड़े लोग अपने अपने ढंग से किसान आंदोलन को समर्थन दे रहे हैं। मंडी धनौरा के खादर इलाके के गांव शाहजहांपुर के किसान सरदार प्यार्रे सिंह ने अपने पुत्र हरमेंद्र्र सिंह की शादी बछरायूं थाना क्षेत्र के गांव ढयोटी निवासी स्व.पवन देवल की पुत्र प्रियांशी के साथ तय की है। कृषि आंदोलन को समर्थन देती हुई यह शादी छह फरवरी को संपन्न होगी। दूल्हा हरमेंद्र आलीशान कार की बजाए ट्रैक्टर पर सवार होकर दुल्हन को ब्याहने जाएगा। वहीं दुल्हन पक्ष की ओर से भी बारात स्थल को किसान आंदोलन के समर्थन के बैनर पोस्टर से सजाया जाएगा। प्यार्रे ंसह ने बेटे की शादी के कार्ड पर ट्रैक्टर का तस्वीर छपवाई है और साथ ही किसान आंदोलन के समर्थन में नो फार्मर्स नो फूड का संदेश लिखा है। यहीं नही शादी का कार्ड बांटते समय भी वह लोगों को नए कृषि कानूनों के लागू होने से, होने वाले नुकसान बता रहे है। फिलहाल अनूठे अंदाज में किसान आंदोलन को समर्थन करने से जुड़ी यह शादी सभी के बीच चर्चा का विषय बनी है। दुल्हन पक्ष का भी मिला समर्थन :दूल्हे के भाई कश्मीर सिंह ने बताया कि वह किसान परिवार से हैं। इस समय कृषि कानूनों के विरोध में बड़ी संख्या में किसान दिल्ली में धरना दे रहे हैं। लेकिन किसानों की कोई सुनवाई नहीं हो रही है। ऐसे में उन्होंने अपने परिवार के साथ कृषि आंदोलन को समर्थन देने के लिए ट्रैक्टर पर बारात ले जाना तय किया। दुल्हन पक्ष ने भी इसमें उनका साथ देने का वादा किया है।शादी कार्ड की भी हो रही चर्चा दूल्हे के भाई कश्मीर सिंह ने बताया कि उन्होंने शादी में 1500 कार्ड छपवाएं है। उनके मुताबिक एक परिवार में पांच से 10 लोग रहते हैं इस तरह इस छोटी से कोशिश से 15000 लोगों तक यह संदेश जा सकता है कि कृषि बिल किसानों के विरोध में हैं और इनका विरोध जरूरी है। उन्होंने कहा कि इस पहल से काफी हद तक किसान आंदोलन को और अधिक मजबूती मिल सकेगी।