NDTV : Aug 17, 2019, 03:25 PM
लखनऊ: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पीएम को बधाई देने के लिए छापे गए पोस्टर पर कुलदीप सिंह सेंगर (Kuldeep Singh Sengar) की भी फोटो लगाने का कड़े शब्दों में विरोध किया है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि अब तो हद ही हो गई है. बता दें कि स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पीएम मोदी को बधाई देने के लिए यूपी के उन्नाव में पोस्टर छापे गए थे. इन्हीं पोस्टर में उन्नाव रेप मामले के आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की फोटो लगाई गई थी. प्रियंका गांधी ने एनडीटीवी की खबर को अपने ट्विटर हैंडल से शेयर करते हुए लिखा कि CBI ने रिपोर्ट दे दी. सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगा दी, लेकिन भाजपा वालों के दिल में अभी भी बलात्कार के आरोपी कुलदीप सिंह सेंगर का वास है. भाजपा के बड़े नेताओं का फोटो भी उनके साथ है, क्या उनसे कोई टिप्पणी आएगी? आगे उन्होंने लिखा इनफ इज इनफ. बता दें कि कुछ दिन पहले बलात्कार के आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को भले ही भारतीय जनता पार्टी से निकाल दिया गया है लेकिन पार्टी के एक नेता द्वारा स्वतंत्रता दिवस पर दिए गए विज्ञापन में उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ जगह मिली थी. उन्नाव के एक प्रमुख अखबार में उंगू नगर पंचायत के अध्यक्ष अनुज कुमार दीक्षित ने स्वंतत्रता दिवस पर एक विज्ञापन दिया था. इस विज्ञापन में कुलदीप सिंह सेंगर और उनकी पत्नी तथा जिला पंचायत अध्यक्ष संगीता सिंह सेंगर की तस्वीरें हैं. सेंगर बांगरमऊ विधानसभा सीट से विधायक हैं और उंगू उनके विधानसभा क्षेत्र में ही आता है. बताया जाता है कि दीक्षित को भाजपा में लाने में सेंगर की अहम भूमिका थी.विज्ञापन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह तथा उप्र विधानसभा अध्यक्ष हरदय नारायण दीक्षित की भी तस्वीरें हैं. भाजपा ने हालांकि विवाद से खुद को अलग रखा. पार्टी प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने लखनऊ में पीटीआई-भाषा को बताया ‘‘सेंगर की तस्वीर विज्ञापन में देना किसी की निजी पसंद हो सकती है. पार्टी और सरकार का इससे कोई लेना-देना नहीं है.'' उन्होंने कहा ‘‘पार्टी और सरकार को जो करना था, वह कर किया जा चुका है। हमारी सेंगर के साथ कोई सहानुभूति नहीं है.''सेंगर पर 2017 में एक नाबालिग लड़की से अपने उन्नाव स्थित आवास पर बलात्कार करने का आरोप है. तब पीड़िता की उम्र 17 साल थी. सेंगर को कुछ ही दिन पहले भाजपा से निष्कासित कर दिया गया था. पिछले साल अप्रैल में पीड़िता ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास के बाहर आत्मदाह करने की कोशिश की थी. घटना के बाद एक मामला दर्ज किया गया था. इस घटना के अगले दिन पीड़िता के पिता की पुलिस की हिरासत में मौत हो गई थी.गत 27 जुलाई को पीड़िता और उसके परिवार को लेकर जा रही कार को तेज रफ्तार ट्रक ने टक्कर मार दी थी. दुर्घटना में पीड़िता की मौसी और चाची की मौत हो गयी जबकि पीड़िता और उसके वकील गंभीर रूप से जख्मी हो गये थे. पीड़िता और वकील को पहले लखनऊ के केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर में भर्ती किया गया. बाद में उच्चतम न्यायालय के आदेश पर उन्हें दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था जहां अभी उनका इलाज चल रहा है.