CWC Meeting News: महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में करारी हार के बाद कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) ने अहम बैठक बुलाई, जिसमें पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने चुनावी प्रदर्शन और संगठनात्मक ढांचे पर मंथन किया। इस बैठक में महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ईवीएम के बजाय पारंपरिक बैलेट पेपर पर लौटने की मांग को दोहराया। उन्होंने कहा,
"इस मामले में कोई बीच का रास्ता नहीं है। या तो ईवीएम होगा या फिर बैलेट।"राहुल गांधी ने उठाए चुनाव आयोग पर सवाल
सूत्रों के अनुसार, बैठक में राहुल गांधी ने चुनाव आयोग की भूमिका और चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि चुनावी प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने के लिए जरूरी है कि आयोग की जवाबदेही तय की जाए। राहुल ने यह भी कहा,
"जिस तरह कांग्रेस ने जातिगत जनगणना और आरक्षण सीमा बढ़ाने जैसे मुद्दों पर स्पष्ट रुख अपनाया है, वैसे ही अन्य संवेदनशील मुद्दों पर भी मजबूत स्थिति लेनी होगी।"केसी वेणुगोपाल: संगठनात्मक सुधार पर फोकस
CWC के बाद कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि बैठक में हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों की समीक्षा की गई। उन्होंने बताया कि पार्टी ने ब्लॉक और जिला स्तर पर संगठनात्मक स्थिति का आकलन करने के लिए विशेष समितियों के गठन का निर्णय लिया है।उन्होंने कहा,
"हमारे संगठन को मजबूत बनाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे। आगामी चुनावों के लिए पार्टी रणनीतियों को धार देने के लिए ठोस कार्ययोजना तैयार की जाएगी।"निष्पक्ष चुनाव के लिए जवाबदेह चुनाव आयोग की मांग
बैठक में कांग्रेस ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) की तर्ज पर चुनाव आयोग की जवाबदेही सुनिश्चित करने की मांग की। पार्टी का मानना है कि निष्पक्ष चुनाव के लिए आयोग पर दबाव बनाना जरूरी है। इसके अलावा, 1991 के ‘प्लेस ऑफ वर्शिप (स्पेशल प्रोविज़न्स) एक्ट’ की रक्षा के लिए कांग्रेस ने अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया।
गांधीजी के योगदान को याद करेगी कांग्रेस
बैठक में कांग्रेस ने महात्मा गांधी के अध्यक्ष बनने की 100वीं वर्षगांठ मनाने का निर्णय लिया। दिसंबर में बेलागवी में इस अवसर पर एक विस्तारित कार्यकारी समिति की बैठक और विशाल रैली का आयोजन होगा। पार्टी इस समारोह के माध्यम से कार्यकर्ताओं और आम जनता के बीच नए जोश का संचार करने का प्रयास करेगी।
निष्कर्ष
कांग्रेस पार्टी की यह बैठक उसके लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकती है। पार्टी ने जहां संगठनात्मक सुधार की बात कही है, वहीं चुनावी प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए ईवीएम पर सवाल उठाते हुए बैलेट पेपर की वापसी की पुरजोर वकालत की है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस अपने वादों और रणनीतियों को जमीन पर किस तरह से लागू करती है।