उत्तर प्रदेश / उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में बिजली दरों में वृद्धि नहीं करने का फैसला किया

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि इस साल बिजली की कीमतों में कोई वृद्धि न हो। हालांकि, उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग के एक अधिकारी ने कहा, अगर सरकार वार्षिक राजस्व आवश्यकता (एआरआर) के अंतर को जनता तक नहीं पहुंचाना चाहती है, तो उसे सब्सिडी के माध्यम से उस अंतर को भरना होगा।

Vikrant Shekhawat : May 29, 2021, 01:55 PM
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बिजली की दरें नहीं बढ़ेंगी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज प्रदेश की उच्चस्तरीय टीम 9 के बैठक में अधिकारियों से साफ कहा कि उत्तर प्रदेश में बिजली के दाम अभी नहीं बढ़ेंगे। बता दें कि इससे पहले राज्य में बिजली के दाम बढ़ने की चर्चा हो रही थी। सूत्रों के अनुसार राज्य में रेगुलेटरी सरचार्ज के नाम पर 10 फीसदी तक बिजली के दाम बढ़ाने की तैयारियां थी। लेकिन कोविड 19 की स्थिति को देखते हुए राज्य में बिजली की दरें फिलहाल न बढ़ाने का फैसला किया गया है।

इससे पहले भारतीय जनता पार्टी की सहयोगी दल रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आठवले) ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कोरोना की दूसरी लहर के दौरान संकट में आए प्रदेश के लोगों का बिजली का बिल माफ करने की मांग की थी। रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आठवले) के यूपी अध्यक्ष पवन भाई गुप्ता ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देश पर कोरोना प्रकोप से त्रस्त जनता को कुछ राहत देने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से तीन मांगें करते हुए पत्र दिया गया है। उन्होंने कहा कि काम-धंधा ठप रहने से लोगों के सामने बड़ा आर्थिक संकट है। इसलिए अप्रैल 2021 से लेकर अगस्त 2021 तक शहरों में बिजली, पानी, होल्डिंग टैक्स एवं ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली का बिल पूरी तरह से माफ किया जाए।

UPPCL ने भेजा था मूल्य वृद्धि का प्रस्ताव

यूपी पावर कारपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) ने उपभोक्ताओं पर रेगुलेटरी सरचार्ज के लिए राज्य विद्युत नियामक आयोग (State Electricity Regulatory Commissom) को प्रस्ताव भेजा है। अब 17 मई को नियामक आयोग इस पर सुनवाई करेगा। नियामक आयोग में याचिका दाखिल कर मांग की है कि सभी पक्षों को सुनने के बाद वर्ष 2017-18 तक बिजली कंपनियों पर राज्य के विद्युत उपभोक्ताओं का उदय व ट्रूप में 13337 करोड़ निकाला था। उपभोक्ताओं को आगे लाभ देने की बात कही गयी थी. वर्ष 2020-21 तक यह राशि बढ़कर 19537 करोड़ हो गई है।