Vikrant Shekhawat : May 06, 2021, 02:46 PM
फिरोजाबाद: भारत में कोरोना के केस बढ़ने के साथ ही जीवनरक्षक दवाओं और जरूरी सुविधाओं की कालाबाजारी की खबरें सामने आने लगी हैं। जहां एक तरफ रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी के चलते कई जगहों पर इनकी जमाखोरी चल रही है, वहीं एंबुलेंस जैसी आपात सेवाओं के लिए लूट मची है। उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में तो एक महिला को एंबुलेंस के भारी खर्च के चलते अपने मृत पति को ई-रिक्शा से ले जाना पड़ा।क्या था मामला?: सोशल मीडिया पर जो फोटो वायरल हो रही हैं, उनमें देखा जा सकता है कि एक महिला अपने मृत पति को ई-रिक्शा पर बिठाकर ले जा रही है। इस दौरान शव रिक्शे से ही बंधा दिख रहा है, जिसे महिला ने जकड़ कर रखा है, ताकि झटके लगने पर वह गिर न जाए। इस घटना के सामने आने के बाद लोगों ने प्रशासन की व्यवस्था के खिलाफ गुस्सा जाहिर किया है।बताया गया है कि महिला के पास पति को एंबुलेंस से ले जाने के पैसे तक नहीं थे। उनके बेटे ने कहा कि पहले तो पिता को अस्पताल या कोविड फैसिलिटी में बेड और इलाज तक नहीं मिला, इसके बाद एंबुलेंस ड्राइवर भी उनसे शव को घर तक पहुंचाने के लिए भारी-भरकम रकम मांगने लगे।कोरोनाकाल में एंबुलेंस ड्राइवर वसूल रहे मनमाना किराया: गौरतलब है कि कोरोनाकाल में एंबुलेंस ड्राइवर कोरोना मरीजों और इससे जान गंवाने वाले लोगों के शव ले जाने के लिए मनमाना किराया वसूल रहे हैं। एक दिन पहले ही पुलिस ने एक एंबुलेंस चालक को गिरफ्तार किया। चालक पर आरोप है कि उसने बुखार से पीड़ित उनके बड़े भाई को अस्पताल ले जाने के लिए नौ हजार रुपये किराया वसूला। यह किराया गोविंदपुरी से अपोलो अस्पताल जाने के लिए लिया गया जिसकी दूरी मात्र सात किलोमीटर है।इससे पहले दिल्ली पुलिस ने कोविड-19 से मरे व्यक्ति की लाश श्मशान घाट पहुंचाने के एवज में 14 हजार रुपये मांगने के आरोपी एंबुलेंस चालक को गिरफ्तार कर लिया है। अधिकारियों ने बताया था कि मात्र छह किलोमीटर की दूरी तय करने के लिए भारी-भरकम राशि ले रहा था। इसलिए पुलिस ने उसे जाल बिछाकर पकड़ लिया।