Vikrant Shekhawat : Aug 19, 2019, 04:06 PM
उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने लिथुआनिया के भारतीय समुदाय से दोनों देशों के बीच आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने के लिए एक सेतु के रूप में काम करने का आह्वान किया।
उपराष्ट्रपति ने बाल्टिक क्षेत्र के तीन देशों की अपनी यात्रा के दौरान दूसरे दिन लिथुआनिया की राजधानी विलनियस में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार का स्तर इसकी कुल क्षमता से कम है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि लिथुआनिया विशेषकर लेजर, नवीकरणीय ऊर्जा, कृषि-खाद्य प्रसंस्करण और जीवन विज्ञान (लाइफ साइंस) जैसे क्षेत्रों में भारत के लिए एक महत्वपूर्ण तकनीकी साझेदार हो सकता है।उपराष्ट्रपति ने दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में भारत के भी शामिल होने की बात को रेखांकित करते हुए कहा कि भारत सरकार द्वारा की गई अनेक पहलों की बदौलत भारत में कारोबारी माहौल अत्यंत सकारात्मक एवं उत्साहवर्धक है। उन्होंने कहा, ‘नए भारत का मंत्र रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म है।’नायडू ने कहा कि भारत दुनिया की सबसे खुली या उदार अर्थव्यवस्थाओं में से एक है और अब यह विश्व बैंक के ‘कारोबार में सुगमता’ सूचकांक में शामिल 190 देशों के बीच 77वें पायदान पर है।उपराष्ट्रपति ने कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ अभियान भारत को विनिर्माण और निवेश के एक केन्द्र (हब) के रूप में स्थापित कर रहा है। उन्होंने कहा कि ‘स्मार्ट सिटी’, ‘डिजिटल इंडिया’ और ‘कौशल भारत (स्किल इंडिया)’ मिशन न केवल हमारे देश का स्वरूप बदल रहे हैं, बल्कि ये गठजोड़ करने के साथ-साथ आपस में मिलकर काम करने के लिए व्यापक अवसर भी सुलभ करा रहे हैं। उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘हमारे देश के युवा डिजिटल क्रांति को नई गति प्रदान कर रहे हैं, स्टार्ट-अप परिवेश को सुदृढ़ कर रहे हैं और इसके साथ ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में अग्रणी साबित हो रहे हैं। स्टार्ट-अप इंडिया नामक प्रमुख पहल का उद्देश्य देश में नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए एक मजबूत परिवेश का निर्माण करना है।’नायडू ने कहा कि भारत अपनी विकास यात्रा में तेजी से आगे बढ़ रहा है और इसके साथ ही भारत ने अगली पीढ़ी की बुनियादी ढांचागत सुविधाओं के निर्माण के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना बनाई है जिसमें 100 स्मार्ट सिटी, 10 नए हवाई अड्डे, 7 हाई-स्पीड ट्रेन कॉरिडोर, 5 प्रमुख बंदरगाह, राजमार्ग और हमारे देश के गांवों एवं शहरी क्षेत्रों को जोड़ने वाली राष्ट्रव्यापी ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी भी शामिल हैं।उपराष्ट्रपति ने भारत और लिथुआनिया की संस्कृतियों को एकीकृत करने के लिए एक सेतु के रूप में काम करने के लिए यहां के भारतीय समुदाय की भूरि-भूरि प्रशंसा की। उन्होंने भारतीय समुदाय से अपनी मातृभूमि की समृद्ध संस्कृति से पूरी तरह अवगत रहने और इसके साथ ही शांति व सद्भावना के भारत के संदेश का प्रसार करने के लिए ठोस प्रयास करने को कहा, जो ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के सार्वभौमिक एवं शाश्वत दर्शन का प्रतीक है।भारत की संस्कृति, दर्शन, कला और आध्यात्मिकता में लिथुआनिया की ओर से दिखाई जा रही व्यापक दिलचस्पी की सराहना करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय समुदाय के सदस्य भारत के सांस्कृतिक दूत हैं।भारत द्वारा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में की गई उल्लेखनीय प्रगति का उल्लेख करते हुए श्री नायडू ने पिछले महीने भारत द्वारा किए गए ‘चंद्रयान 2’ के सफल प्रक्षेपण का जिक्र किया। उपराष्ट्रपति ने कहा कि चांद पर कदम रखने के लिए भारत का यह दूसरा मिशन वास्तव में पिछले कुछ वर्षों के दौरान हमारे देश द्वारा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में की गई उल्लेखनीय प्रगति की एक शानदार मिसाल है।हिंदी सहित भारतीय विद्या के अध्ययन को बढ़ावा देने में अग्रणी रहने के लिए विलनियस विश्वविद्यालय की सराहना करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय दर्शन, फिल्मों और व्यंजनों में दिलचस्पी काफी बढ़ गई है।नायडू ने इस बात पर प्रसन्नता जताई कि लिथुआनिया के विश्वविद्यालय भारतीय विद्यार्थियों के पसंदीदा गंतव्य बन गए हैं जिनकी संख्या हाल के वर्षों में काफी बढ़ गई है। उन्होंने भारत के युवा विद्यार्थियों से स्थानीय संस्कृति के प्रति संवेदनशील रहने की अपील की।महात्मा गांधी की 150वीं जयंती का उल्लेख करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि लिथुआनिया की विशिष्ट अहमियत है क्योंकि गांधीजी के घनिष्ठ मित्र हरमन कालेनबाख लिथुआनिया के रहने वाले थे।उपराष्ट्रपति ने उनकी मित्रता को सदैव याद रखने के लिए रुस्ने में गांधी और कालेनबाख की मूर्ति स्थापित करने के लिए लिथुआनिया सरकार का धन्यवाद किया।इससे पहले उपराष्ट्रपति ने काउनस शहर का दौरा किया। वहां के मेयर विस्वालडास मैटीजोसाइटिस ने उपराष्ट्रपति से भेंट की। श्री मैटीजोसाइटिस ने नायडू और भारतीय प्रतिनिधिमंडल के लिए भोज की मेजबानी की।उपराष्ट्रपति ने दोनों देशों के बीच कारोबार के अवसरों की तलाश करने के लिए मेयर को कारोबारियों के प्रतिनिधिमंडल के साथ भारत आने का निमंत्रण दिया।उपराष्ट्रपति ने काउनस में काउनस प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की सांताका घाटी स्थित अल्ट्रा सांउड रिसर्च इंस्टीट्यूट और इंस्टीट्यूट ऑफ मैटेरियल सांइसेज के प्रयोगशाला क्षेत्र का भी दौरा किया। लिथुआनिया गणराज्य के पूर्व राष्ट्रपति वाइटाउटस लैंड्सबर्गीज ने उपराष्ट्रपति नायडू से भेंट की और दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों के बारे में विचार-विमर्श किया।
उपराष्ट्रपति ने बाल्टिक क्षेत्र के तीन देशों की अपनी यात्रा के दौरान दूसरे दिन लिथुआनिया की राजधानी विलनियस में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार का स्तर इसकी कुल क्षमता से कम है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि लिथुआनिया विशेषकर लेजर, नवीकरणीय ऊर्जा, कृषि-खाद्य प्रसंस्करण और जीवन विज्ञान (लाइफ साइंस) जैसे क्षेत्रों में भारत के लिए एक महत्वपूर्ण तकनीकी साझेदार हो सकता है।उपराष्ट्रपति ने दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में भारत के भी शामिल होने की बात को रेखांकित करते हुए कहा कि भारत सरकार द्वारा की गई अनेक पहलों की बदौलत भारत में कारोबारी माहौल अत्यंत सकारात्मक एवं उत्साहवर्धक है। उन्होंने कहा, ‘नए भारत का मंत्र रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म है।’नायडू ने कहा कि भारत दुनिया की सबसे खुली या उदार अर्थव्यवस्थाओं में से एक है और अब यह विश्व बैंक के ‘कारोबार में सुगमता’ सूचकांक में शामिल 190 देशों के बीच 77वें पायदान पर है।उपराष्ट्रपति ने कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ अभियान भारत को विनिर्माण और निवेश के एक केन्द्र (हब) के रूप में स्थापित कर रहा है। उन्होंने कहा कि ‘स्मार्ट सिटी’, ‘डिजिटल इंडिया’ और ‘कौशल भारत (स्किल इंडिया)’ मिशन न केवल हमारे देश का स्वरूप बदल रहे हैं, बल्कि ये गठजोड़ करने के साथ-साथ आपस में मिलकर काम करने के लिए व्यापक अवसर भी सुलभ करा रहे हैं। उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘हमारे देश के युवा डिजिटल क्रांति को नई गति प्रदान कर रहे हैं, स्टार्ट-अप परिवेश को सुदृढ़ कर रहे हैं और इसके साथ ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में अग्रणी साबित हो रहे हैं। स्टार्ट-अप इंडिया नामक प्रमुख पहल का उद्देश्य देश में नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए एक मजबूत परिवेश का निर्माण करना है।’नायडू ने कहा कि भारत अपनी विकास यात्रा में तेजी से आगे बढ़ रहा है और इसके साथ ही भारत ने अगली पीढ़ी की बुनियादी ढांचागत सुविधाओं के निर्माण के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना बनाई है जिसमें 100 स्मार्ट सिटी, 10 नए हवाई अड्डे, 7 हाई-स्पीड ट्रेन कॉरिडोर, 5 प्रमुख बंदरगाह, राजमार्ग और हमारे देश के गांवों एवं शहरी क्षेत्रों को जोड़ने वाली राष्ट्रव्यापी ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी भी शामिल हैं।उपराष्ट्रपति ने भारत और लिथुआनिया की संस्कृतियों को एकीकृत करने के लिए एक सेतु के रूप में काम करने के लिए यहां के भारतीय समुदाय की भूरि-भूरि प्रशंसा की। उन्होंने भारतीय समुदाय से अपनी मातृभूमि की समृद्ध संस्कृति से पूरी तरह अवगत रहने और इसके साथ ही शांति व सद्भावना के भारत के संदेश का प्रसार करने के लिए ठोस प्रयास करने को कहा, जो ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के सार्वभौमिक एवं शाश्वत दर्शन का प्रतीक है।भारत की संस्कृति, दर्शन, कला और आध्यात्मिकता में लिथुआनिया की ओर से दिखाई जा रही व्यापक दिलचस्पी की सराहना करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय समुदाय के सदस्य भारत के सांस्कृतिक दूत हैं।भारत द्वारा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में की गई उल्लेखनीय प्रगति का उल्लेख करते हुए श्री नायडू ने पिछले महीने भारत द्वारा किए गए ‘चंद्रयान 2’ के सफल प्रक्षेपण का जिक्र किया। उपराष्ट्रपति ने कहा कि चांद पर कदम रखने के लिए भारत का यह दूसरा मिशन वास्तव में पिछले कुछ वर्षों के दौरान हमारे देश द्वारा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में की गई उल्लेखनीय प्रगति की एक शानदार मिसाल है।हिंदी सहित भारतीय विद्या के अध्ययन को बढ़ावा देने में अग्रणी रहने के लिए विलनियस विश्वविद्यालय की सराहना करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय दर्शन, फिल्मों और व्यंजनों में दिलचस्पी काफी बढ़ गई है।नायडू ने इस बात पर प्रसन्नता जताई कि लिथुआनिया के विश्वविद्यालय भारतीय विद्यार्थियों के पसंदीदा गंतव्य बन गए हैं जिनकी संख्या हाल के वर्षों में काफी बढ़ गई है। उन्होंने भारत के युवा विद्यार्थियों से स्थानीय संस्कृति के प्रति संवेदनशील रहने की अपील की।महात्मा गांधी की 150वीं जयंती का उल्लेख करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि लिथुआनिया की विशिष्ट अहमियत है क्योंकि गांधीजी के घनिष्ठ मित्र हरमन कालेनबाख लिथुआनिया के रहने वाले थे।उपराष्ट्रपति ने उनकी मित्रता को सदैव याद रखने के लिए रुस्ने में गांधी और कालेनबाख की मूर्ति स्थापित करने के लिए लिथुआनिया सरकार का धन्यवाद किया।इससे पहले उपराष्ट्रपति ने काउनस शहर का दौरा किया। वहां के मेयर विस्वालडास मैटीजोसाइटिस ने उपराष्ट्रपति से भेंट की। श्री मैटीजोसाइटिस ने नायडू और भारतीय प्रतिनिधिमंडल के लिए भोज की मेजबानी की।उपराष्ट्रपति ने दोनों देशों के बीच कारोबार के अवसरों की तलाश करने के लिए मेयर को कारोबारियों के प्रतिनिधिमंडल के साथ भारत आने का निमंत्रण दिया।उपराष्ट्रपति ने काउनस में काउनस प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की सांताका घाटी स्थित अल्ट्रा सांउड रिसर्च इंस्टीट्यूट और इंस्टीट्यूट ऑफ मैटेरियल सांइसेज के प्रयोगशाला क्षेत्र का भी दौरा किया। लिथुआनिया गणराज्य के पूर्व राष्ट्रपति वाइटाउटस लैंड्सबर्गीज ने उपराष्ट्रपति नायडू से भेंट की और दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों के बारे में विचार-विमर्श किया।